कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 16 समास
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 16 समास तथा उसके भेद के बारे में विस्तार से सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए सत्र 2025-26 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। विद्यार्थी कक्षा 6 हिंदी व्याकरण के पाठ 16 में समास तथा उसके विग्राग पर आधारित प्रश्नों के अभ्यास करेंगे।
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 16 समास के लिए पठन सामग्री
समास
जब दो या दो से अधिक शब्दों के बीच में से विभक्ति हटाकर उन्हें मिलाया जाता है, तो उस मेल को समास कहते हैं। समास शब्द ‘सम्’ और ‘अस्’ शब्दों से मिलकर बना है, जहाँ ‘सम्’ का अर्थ समीप और ‘अस्’ का अर्थ बैठना है।
भाषा के प्रयोग में सामासिक शब्दों के प्रयोग से संक्षिप्तता और शैली में उत्कृष्टता एवं सटीकता आती है।
| समास विग्रह वाले वाक्य | समास वाले वाक्य | 
|---|---|
| महात्मा गाँधी ने सत्य के लिए आग्रह किया। | महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह किया। | 
| केशव शक्ति के अनुसार कार्य करता है। | केशव यथाशक्ति कार्य करता है। | 
| स्नेहा तीक्ष्ण मति वाली है। | स्नेहा तीक्ष्णमति है। | 
| आज तो न होने वाली घटना घट गई। | आज तो अनहोनी घटना घट गई। | 
उपरोक्त वाक्यों में एक ही बात को दो वाक्यों में लिखा गया है, परंतु पहले वाक्य के शब्दों को दूसरे वाक्य में इस तरह संक्षिप्त कर दिया गया है, जिससे उसके अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। जैसे- सत्य के लिए आग्रह = सत्याग्रह, शक्ति के अनुसार = यथाशक्ति, तीक्ष्ण मति वाली = तीक्ष्णमति, न होने वाली = अनहोनी।
समस्तपद
इस प्रकार शब्दों के समूह को संक्षिप्त करने की विधि को समास कहते हैं। अतः समास की प्रक्रिया से बनने वाले शब्द को समस्तपद कहते हैं। उदाहरण के लिए चौराहा, महादेव, ग्रामगत समस्तपद हैं।
समासविग्रह
समास का विग्रह करके उसे पुनः पूर्वस्थिति में लाने की प्रक्रिया को समासविग्रह कहते हैं। समस्तपद में प्रायः दो पद होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और बाद वाले पद को उत्तरपद कहते हैं।
| समस्तपद | पूर्वपद | उत्तरपद | 
|---|---|---|
| महादेव | महान | देव | 
| रसोईघर | रसोई | घर | 
| चौराहा | चार | राह | 
| चक्रधारी | चक्र | धारी | 
| दशानन | दश | आनन | 
| रामावतार | राम | अवतार | 
समास के भेद
समास के निम्नलिखित छः भेद हैं:
1. अव्ययीभाव समास
2. तत्पुरुष समास
3. द्वंद्व समास
4. बहुव्रीहि समास
5. कर्मधारय समास
6. द्विगु समास
अव्ययीभाव समास
जिस समास का पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
| पूर्वपद – अव्यय | समस्तपद | विग्रह | 
|---|---|---|
| यथा – शक्ति | यथाशक्ति | शक्ति के अनुसार | 
| भर – पेट | भरपेट | पेट को भरकर | 
| अनु – रूप | अनुरूप | रूप के योग्य | 
| प्रति – कूल | प्रतिकूल | इच्छा के विरुद्ध | 
| हाथों – हाथ | हाथों-हाथ | हाथ ही हाथ में | 
| आ – जन्म | आजन्म | जन्म से लेकर | 












