कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 15 प्रत्यय
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 15 प्रत्यय के अभ्यास पर आधारित प्रश्नों के उत्तर तथा अभ्यास प्रश्नों के उत्तर विद्यार्थी यहाँ से शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। हिंदी व्याकरण पाठ 15 में छठी कक्षा के छात्र शब्दों में प्रत्यय की मदद से नए शब्दों के निर्माण को सीखते हैं।
कक्षा 6 हिंदी व्याकरण अध्याय 15 प्रत्यय के लिए पठन सामग्री
प्रत्यय
जो शब्दांश शब्दों के अंत में जुड़कर उनके अर्थ को बदल देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।
दूसरे शब्दों में, कुछ शब्दों के पीछे शब्दांश लगाकर नए शब्द बनाए जाते हैं। इससे शब्द के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है। शब्दों के पीछे शब्दांश जोड़कर नए शब्द बने, ये सभी शब्दांश प्रत्यय कहलाते हैं।
प्रत्यय के भेद
प्रत्यय मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
1. कृत् प्रत्यय
2. तद्धित प्रत्यय
कृत् प्रत्यय
धातुओं के अंत में जिन प्रत्ययों के लगाने से संज्ञा, विशेषण, आदि शब्द बन जाते हैं, वे कृत् प्रत्यय कहलाते हैं। जिन शब्दों में कृत् प्रत्यय जुड़ते हैं वे कृदंत कहलाते हैं। कृत् प्रत्यय को निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
कर्तृवाचक कृदंत
जिस प्रत्यय से बने शब्द से कार्य करने वाले अर्थात् कर्ता का बोध हो, उसे कर्तृवाचक कृदंत कहते हैं।
| प्रत्यय | मूल शब्द | उदाहरण |
|---|---|---|
| आऊ | चल, खा, टिक | चलाऊ, खाऊ, टिकाऊ |
| आका | उड़, लड़ | उड़ाका, लड़ाका |
| ऊ | चाल, डाक | चालू, डाकू |
| वैया | गा, खा | गवैया, खवैया |
| आलु | कृपा, दया | कृपालु, दयालु |
| दार | लेन, देन | लेनदार, देनदार |
कर्मवाचक कृदंत
जिस प्रत्यय से बने शब्द से किसी कर्म का बोध हो, उसे कर्मवाचक कृदंत कहते हैं।
| प्रत्यय | मूल शब्द | उदाहरण |
|---|---|---|
| ना | खा, गँवा | खाना, गँवाना |
| नी | ओढ़, चट | ओढ़नी, चटनी |
| औना | बिछ, खेल | बिछौना, खिलौना |
भाववाचक कृदंत
जिनके द्वारा क्रियाओं के भाव का पता चले, उन्हें भाववाचक कृदंत कहते हैं।
| प्रत्यय | मूल शब्द | उदाहरण |
|---|---|---|
| आई | लड़, सुन, पढ़ | लड़ाई, सुनाई, पढ़ाई |
| आन | लग, चढ़ | लगान, चढ़ान |
| आव | चढ़, बह, फ़ैल | चढ़ाव, बहाव, फ़ैलाव |
| आवट | लिख, दिख, मिल | लिखावट, दिखावट, मिलावट |
| आवा | छल, बुला, दिख | छलावा, बुलावा, दिखावा |
| ई | बोल, हँस | बोली, हँसी |
करणवाचक कृदंत
जिस प्रत्यय से बने शब्द से क्रिया के साधान अर्थात् ‘करण’ का बोध हो, उसे करणवाचक कृदंत कहते हैं।
| प्रत्यय | मूल शब्द | उदाहरण |
|---|---|---|
| ई | खेत, रेत | खेती, रेती |
| नी | कतर, धाौंक | कतरनी, धाौंकनी |
| ना | ढक, रख | ढकना, रखना |
क्रियावाचक कृदंत
जिस प्रत्यय से बने शब्द से क्रिया के होने का भाव प्रकट हो, उसे क्रियावाचक कृदंत कहते हैं। जैसे:
| प्रत्यय | मूल शब्द – उदाहरण |
|---|---|
| आ | सूख, भूल, जाग – सूखा, भूला, जागा |
| ता | डूब, बह, चल – डूबता, बहता, चलता |










