एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 18 ईश्वरचंद्र विद्यासागर

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 18 ईश्वरचंद्र विद्यासागर के अभ्यास के प्रश्न उत्तर तथा अतिरिक्त प्रश्नों के हल सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 6 हिंदी अध्याय 18 में छात्र ईश्वरचंद्र विद्यासागर के गुणों के माध्यम से अपने कार्य खुद करने की सीख के बारे में सीखते हैं।

अभ्यास के प्रश्न उत्तर

नमूने के अनुसार शब्द बनाओ।
नमूनाः सुधार – सुधारक
उत्तर:

    1. प्रचार – प्रचारक
    2. विचार – विचारक
    3. उद्धार – उद्धारक

नमूने के अनुसार वाक्य बदलो।
नमूनाः
मेरा नाम विद्यासागर है।
मैं ही विद्यासागर हूँ।

1. मेरा नाम मोहन है।
उत्तर:
मैं ही मोहन हूँ।

2. मेरा नाम शीला है।
उत्तर:
मैं ही शीला हूँ।

3. मेरा नाम राघवन है।
उत्तर:
मैं ही राघवन हूँ।

4. मेरा नाम पीटर है।
उत्तर:
मैं ही पीटर हूँ।

5. मेरा नाम साधना है।
उत्तर:
मैं ही साधना हूँ।

नमूने के अनुसार कोष्ठक में से शब्द चुनकर वाक्य पूरे करो।

कः नमूनाः
राम कुर्सी पर ………………..है। बैठा
राम कुर्सी पर बैठा है।
बैठा, बैठे, खड़े, लेटे, खड़ी

1. श्री निवास जी बिस्तर पर……………. हैं।
उत्तर:
श्री निवास जी बिस्तर पर लेटे हैं।

2. माता जी कार के पास………………. हैं।
उत्तर:
माता जी कार के पास खड़ी हैं।

3. बंदर छत पर…………….. हैं।
उत्तर:
बंदर छत पर बैठा हैं।

4. कुछ बच्चे भी वहाँ…………… हैं।
उत्तर:
कुछ बच्चे भी वहाँ खड़े हैं।

5. तुम यहाँ क्यों……………… हो?
उत्तर:
तुम यहाँ क्यों बैठे हो?

ख.
नमूनाः
राघव अभी कमरे में बैठा है।
राघव पहले से कमरे में बैठा था।

1. वूटन इस समय दरवाजे पर खड़ा है।
उत्तर:
वूटन पहले से दरवाजे पर खड़ा था।

2. सना अभी कुर्सी पर बैठी है।
उत्तर:
सना पहले से कुर्सी पर बैठी थी।

3. चंचल अभी चारपाई पर लेटा है।
उत्तर:
चंचल पहले सें चापाई पर लेटा था ।
4. अक्षय इस समय पेड़ के नीचे बैठा है।
उत्तर:
अक्षय पहले से पेड़ के नीचे बैठा था।

5. घना अभी पेड़ के नीचे खड़ी है।
उत्तर:
घना पहले से पेड़ के नीचे खड़ी थी।

ग.
नमूनाः
गाड़ी प्लेटपफार्म पर खड़ी होती है।
गाड़ी प्लेटपफार्म पर खड़ी हुई है।

1. फूलवाली वहाँ खड़ी होती है।
उत्तर:
फूलवाली वहाँ पर खड़ी हुई है।

2. सब्जीवाला गली में खड़ा होता है।
उत्तर:
सब्जीवाला गली में खड़ा है।

3. दूधवाला दरवाजे पर खड़ा होता है।
उत्तर:
दूधवाला दरवाजे पर खड़ा है।

4. बस गली में खड़ी होती है।
उत्तर:
बस गली में खड़ी है।

5. रूपा लाइन में खड़ी होती है।
उत्तर:
रूपा लाइन में खड़ी है।

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योग्यता विस्तार

रविवार 1 8 15 22 29
सोमवार 2 9 16 23 30
मंगलवार 3 10 17 24 31
बुधवार 4 11 18 25
बृहस्पतिवार 5 12 19 26
शुक्रवार 6 13 20 27
शनिवार 7 14 21 28

कैलेंडर देखकर नमूने के अनुसार रिक्त स्थानों की पूर्ति करो।
नमूनाः
पंद्रह तारीख को …….. है।
पंद्रह तारीख को रविवार है।

1. बीस तारीख को …………………………है।
उत्तर:
बीस तारीख को शुक्रवार है।

2. …………………………..को एक तारीख है।
उत्तर:
रविवार को एक तारीख है।

3. पच्चीस तारीख को …………………………… है।
उत्तर:
पच्चीस तारीख को बुधवार है ।

4. ………………………… को तीस तारीख है।
उत्तर:
सेमवार को तीस तारीख है।

5. दूसरा शनिवार ……………………. तारीख को है।
उत्तर:
दूसरा शनिवार चौदह तारीख को है।

प्रश्नों के उत्तर दो।

1. ईश्वरचंद्र विद्यासागर कौन थे?
उत्तर:
ईश्वरचंद्र विद्यासागर प्रसिद्ध विद्वान् और समाज सुधारक थे।

2. कुली न देखकर युवक ने क्या कहा?
उत्तर:
कुली न देखकर युवक ने कहा यह अजीब स्टेशन है। यहाँ एक भी कुली नहीं है।

3. युवक का सामान उठाने वाला कौन था?
उत्तर:
युवक का सामान उठाने वाला और कोई नहीं प्रसिद्ध विद्वान् और समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर थे।

4. युवक पैसा देने लगा तो उस आदमी ने क्या कहा?
उत्तर:
युवक पैसा देने लगा तो आदमी उस आदमी ने कहा कि मुझे पैसे नहीं चाहिए।

5. अंत में युवक को क्या सीख मिली?
उत्तर:
अंत में युवक को यही सीख मिली कि कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता।

अतिरिक्त अभ्यास के लिए प्रश्न उत्तर

ईश्वरचंद्र विधासागर के बारे में आप क्या जानते हैं?
ईश्वरचंद्र विधासागर प्रसिद्ध विद्वान और समाज सुधारक व्यक्ति थे। वे बंगाल के निवासी थे। बंगाल में उनका बहुत सम्मान था। वे सादा जीवन उच्च विचार रखने वाले महापुरुष थे।

ईश्वरचंद्र विधासागर से मिलने आए व्यक्ति को स्टेशन पर क्या देखकर गुस्सा आया था?
ईश्वरचंद्र विधासागर से मिलने आए व्यक्ति ने देखा कि उस स्टेशन पर कोई समान उठाने वाला कुली नहीं था। उसका सूटकेस कौन उठाएगा। ये बात सोचकर उसे गुस्सा आया था।

स्टेशन पर गुस्सा करने वाले व्यक्ति से विधासागर ने क्या कहा?
स्टेशन पर गुस्सा करने वाले व्यक्ति से विधासागर ने कहा, “लाइए मैं आपका सामान उठा लूँ”।

स्टेशन से बाहर आने पर विधासागर ने व्यक्ति को क्या कहा?
स्टेशन से बाहर आने पर उस व्यक्ति ने विधासागर को मजदूरी के पैसे देने चाहे तो विधासागर ने कहा, “मुझे पैसे नहीं चाहिए”।

स्टेशन पर सामान उठाने वाले युवक ने पैसे क्यों नहीं लिए थे?
स्टेशन पर उतरे यात्री के गुस्से को शांत करने और केवल उसकी मदद के लिए उस युवक ने यात्री का सूटकेस उठाया था। उसे पैसे का कोई लालच नहीं था।

ईश्वरचंद्र के घर आने वाला व्यक्ति कौन था?

ईश्वरचंद्र के घर आने वाला व्यक्ति वही यात्री था, जिसका सूटकेस स्टेशन पर खुद ईश्वरचंद्र ने उठाया था।

ईश्वरचंद्र से मिलने के बाद यात्री ने माँफी क्यों माँगी?
ईश्वरचंद्र से मिलने के बाद यात्री को अपनी गलती का अहसास हो गया था। उसे स्टेशन पर किए गए अपने बर्ताव के कारण शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। इसलिए उसने माफी माँगी थी।

विधासागर से मिलने के बाद युवक को क्या सीख मिली थी?
विधासागर से मिलने के बाद युवक को बहुत शर्म आई। उसने विधासागर जी से माफ़ी माँगी और बोला, “कल मुझसे बड़ी भूल हो गई थी”। अब मुझे सीख मिल गई है कि, “कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता। मनुष्य को अपना काम स्वयं करना चाहिए”।

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