एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 17 तितली

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 17 तितली के प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 6 हिंदी अध्याय 17 में कवि ने तितली के गुणों तथा उसके व्यवहार को व्यक्त किया है और साथ-साथ यह भी बताया है कि तितली उनके पास आने से पहले ही उड़ जाती थी।

अभ्यास के प्रश्न उत्तर

कविता की पंक्तियाँ पूरी करो।
1. रंग-बिंरगे पंख तुम्हारे, सबके मन को भाते हैं।
उत्तर:
कलियाँ देख तुम्हें खुश होतीं फूल देख मुस्काते हैं।

2. पास नहीं क्यों आती तितली
उत्तर:
दूर-दूर क्यों रहती हो?

3. फूल-फूल के कानों में जा
उत्तर:
धीरे-से क्या कहती हो?

4. इस डाली से उस डाली पर
उत्तर:
उड़-उड़कर क्यों जाती हो?

5. हमसे क्यों शरमाती हो?
उत्तर:
फूल-फूल का रस लेती हो।

कविता के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो।

1. तितली के पंख कैसे होते हैं?
उत्तर:
तितला के पंख रंग-बिरंगं होते हैं।

2. कविता में तितली को क्या कहकर बुलाया गया है?
उत्तर:
कविता में तितली को रानी कहकर बुलाया गया है।

3. कलियाँ और फूल तितली को देखकर क्या करते हैं?
उत्तर:
कलियाँ देखकर खुश होती हैं और फूल देखकर मुस्काते हैं।

4. तितली उड़-उड़कर कहाँ जाती है?
उत्तर:
तितली उड़-उड़कर इस डाली से उस डाली पर जाती है।

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निम्नलिखित शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो।

1. रंग-बिंरगा
उत्तर:
बगिया में रंग-बिरंगे फूल खिले हैं।

2. कानों में कहना
उत्तर:
राम ने अपने मित्र के कानों में धीरे से कुछ कहा।

3. हाथ न आना
उत्तर:
समय एक बार निकल जाने पर फिर हाथ नहीं गाता है।

4. शरमाना
उत्तर:
तितली पकड़ने की कोशिश करने पर शरमा कर भाग जाती है।

अतिरिक्त अभ्यास के लिए प्रश्न उत्तर

कविता ‘तितली’ का भावार्थ क्या है?
कविता ‘तितली’ में तितली की सुंदरता और उसके लुभावने रूप का वर्णन किया गया है। तितली के रंग-बिरंगे पंख सबके मन को भाते है। फूलों के कानों में जाकर तितली जाने क्या कह जाती है। फूलों का रस लेती है, लेकिन मनुष्य से शरमाती है, पर सब के मन को भाती है।

तितली अपने कौन से गुण के कारण सब के मन को भाती है?
तितली अपनी सुंदरता और अपने रंग-बिरंगे पंखो के कारण सब के मन को भाती है।

निम्नलिखत समान अर्थ वाले शब्दों का अर्थ क्या है: भाते हैं, खुश होना, डाली, शरमाना और ललचाना।

समान अर्थ वाले शब्द निम्नलिखित हैं:
भाते हैं – अच्छे लगते हैं।
खुश होना – प्रसन्न होना।
डाली – शाखा।
शरमाना – लजाना।
ललचाना – लुभाना।

कविता ‘तितली’ में कवि ने तितली को किस नाम से संबोधित किया है?
कविता ‘तितली’ में कवि ने तितली को ‘तितली रानी’ के नाम से संबोधित किया है।

कविता ‘तितली’ में कवि ने तितली रानी से क्या शिकायत की है?
कविता ‘तितली’ में कवि ने तितली रानी से उसके पास न आने और दूर-दूर रहने की शिकायत की है।

कविता ‘तितली’ के आधार पर कलियाँ और फूल की क्या प्रतिक्रिया बताई है?
कविता ‘तितली’ के आधार पर कलियाँ ‘तितली’ को देखकर खुश हो जाती हैं और फूल मुस्काते हैं। फूलों को ऐसा लगता है जैसे तितली उसके कानों में कोई धीरे से बात कह गई है।

कविता ‘तितली’ के आधार पर तितली कहाँ-कहाँ पर जाती है?

कविता ‘तितली’ के आधार पर तितली फूलों की एक डाली से दूसरी डाली पर उड़ती रहती है। हर एक फूल की सुगंध के साथ उसका रस लेती रहती है। पूरे बगीचे को दुनियाँ समझ कर इधर-उधर घुमती रहती है।

कविता ‘तितली’ के आधार पर कवि तितली से क्या चाहता है?
कविता ‘तितली’ के आधार पर कवि चाहता है कि तितली उसके पास आए और उसके साथ खेले, शर्माए नहीं। जैसा व्यवहार तितली फूलों और कलियों के साथ करती है इसी तरह कवि के साथ भी करें।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 17
कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 17 तितली
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कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 17