एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 ईवीएस अध्याय 2
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 ईवीएस अध्याय 2 कान-कान में (कक्षा 4 पर्यावरण पाठ 2) पर्यावरण अध्ययन (आस पास) हिंदी और अंग्रेजी मीडियम सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त करें। कक्षा 4 ईवीएस के पाठ 2 के समाधान के लिए विद्यार्थी यहाँ दिए गए विडियो की मदद भी ले सकते हैं जिसमें पूरे पाठ का विवरण प्रश्न उत्तर सहित दिया गया है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 ईवीएस अध्याय 2
कान-कान में अंतर
प्रस्तुत पाठ में एक जानवर के कान को दूसरे जानवर पर लगा के उस जानवर के स्वरूप को बदल कर देखा गया हैं। हाथी को चूहे के कान दिए हे, हाथी के कान जिराफ़ को दिए हे, जिराफ़ के कान चूहे को दिए हे, भैंस को हिरण के और हिरण को भैंस के कान दिए हे, खरगोश को कुत्ते के कान और कुत्ते को खरगोश के कान दिए हैं।
छिपे हुए कानों की पहचान
सभी जानवरों के कान की बनावट अलग-अलग होती हैं। सभी जानवरों और पक्षियों के कान होते है, लेकिन हमें कुछ के कान नहीं दिखते। पक्षियों के कान होते है पर हमें दिखते उनके सिर के दोनों तरफ़ छोटे-छोटे छेद होते हैं जो पंखों से ढँके रहते हैं, इन्हीं छेदों की मदद से पक्षी सुनते हैं।
मोर, कबूतर, कोयल, चिड़ियाँ, तोता, मुर्गी और बतख आदि पक्षी इन्हीं सूची में आते हैं। ध्यान से देखने पर हमें छिपकली के भी छोटे छेद जैसे कान दिखाई देते है। इसी तरह मगरमच्छ के भी छोटे छेद वाले कान होते है। फिर भी ये कान हमें आसानी से दिखाई नहीं देते है।
जानवरों के कान से उनकी पहचान
हम कुछ जानवरों को केवल उन के कान को देख कर पहचान लेते हैं। इसी तरह हम कुछ जानवरों को उनकी खाल और त्वचा के द्वारा पहचान सकते हैं। जानवरों की खाल पर बने डिज़ाइन वास्तव में उनके शरीर पर उगे बालों से ही बनते हैं। यदि हम उनकी खाल से बाल हटा दिए जाएँ तो हमें उन जानवरों को पहचाने में मुश्किल होगी।
क्योंकि न तो उन पर किसी तरह का रंग रहेगा और न ही किसी तरह का डिज़ाइन दिखाई देगा। कुछ जानवरों को देखने पर हमें केवल उनकी खाल दिखाई देती उनके बाल दिखाई नहीं देते हैं। गाय, भैंस, हाथी, जिराफ़ और घोड़ा इन्हीं जानवरों की सूची में आते हैं।
अंडे और बच्चे देने वाले जानवर
इन सभी जानवरों के बारे में जानने के बाद हमें एक बात साफ़ दिखाई देती है, कि जो पक्षी और जानवर अंडे देते हैं। हमें उनके कान नहीं दिखाई देते। जिन जानवर के शरीर पर बाल होते हैं वे बच्चे को जन्म देते हैं और उनके कान दिखाई देते हैं। चीता हमारा राष्ट्रीय पशु है। जो भारत के चिड़ियाँ घर और अलग-अलग क्षेत्र के वन विभागों में रहता है। इस जानवर की संख्या आए दिन कम होती जा रही है।