एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 ईवीएस अध्याय 10

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 ईवीएस अध्याय 10 हु तू तू, हु तू तू (कक्षा 4 पर्यावरण पाठ 10) पर्यावरण अध्ययन (आस पास) हिंदी मीडियम सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें। जिन विद्यार्थियों को पीडीएफ के माध्यम से पाठ को समझने में कोई दिक्कत हो वे विडियो समाधान की मदद लेकर इसे आसानी से समझ सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 ईवीएस अध्याय 10

खेल के बीच में बहस

प्रस्तुत पाठ में श्यामला को कबड्डी के मैच में अकेले अपने दम पर सामने वाली टीम को आल आउट करने और कबड्डी के नियम के बारे में बताया गया है। लड़कियों के बीच कबड्डी के एक मैच में रोज़ी और श्यामला के बीच बहस हो रही है।

श्यामला की साँसे खेल के बीच में ही टूट गई थी लेकिन कोई श्यामला की यह बात मानने को तैयार नहीं था। उससे रोज़ी ने यह भी पूछा कि अगर उसकी साँसे टूट गई थी तो सब उसको इतनी देर तक क्यों दबोचे रहे। दोनों के बीच काफ़ी बहस हुई लेकिन अंत में श्यामला की टीम को विजयी घोषित किया गया।

कबड्डी के खेल के नियम

हर खेल की तरह कबड्डी के नियम भी तय किए हुए है। इस खेल में एक टीम में छह खिलाड़ी होते हैं। दोनों टीमों को अपने-अपने पाले से एक खिलाड़ी को भेजकर दूसरे के पाले में रेड डालनी होती है। रेड के दौरान विरोधी को छूने के साथ वापिस सेंटर लाइन को छूना होता है। छुए हुए सभी खिलाड़ियों को आउट घोषित किया जाता है। हर टीम की तरफ़ से एक- दूसरे पर रेड की जाती है। यदि कोई टीम किसी रेडर को पकड़ लें और उसे सेंटर लाइन न छूने दे तो वह रेडर आउट माना जाता है।

रेड के दौरान रेडर को “कबड्डी-कबड्डी” की रट बिना रुके लगानी ज़रूरी होता है और वो भी बिना साँस रोके, अन्यथा उसे ही आउट घोषित किया जाता हैं। हर खिलाड़ी के आउट होने पर विरोधी टीम को अंक दिए जाते है। इस खेल में समय की भी अहम भूमिका होती है। दोनों टीमों को एक निर्धारित समय दिया जाता है। अंत में जिस टीम के अंक अधिक होते है उसे विजयी घोषित किया जाता है।

कबड्डी की पहचान

कबड्डी के इस खेल को अलग-अलग राज्य में “हु तू तू, चेडुगुडु, हा-डू-डू, छू किट-किट” आदि के नामों से जाना जाता हैं। कबड्डी के खेल में शरीर और दिमाग दोनों को ही चलाना पड़ता है। खींचने और रोकने के लिए ताकत की जरूरत होती है। दिमाग का उपयोग दूसरी टीम के पाले में किधर से घुसा जाए और किस खिलाड़ी को कैसे आउट किया जाए अगर पकड़े जाए तो बीच की लाइन तक कैसे पहुँचा जाए आदि काम दिमाग से किए जाते हैं।

मिलते-जुलते खेल

कबड्डी की तरह कई खेलों में खिलाड़ी को छूना बहुत जरुरी होता है। जैसे “खो-खो, पकड्म-पकड़ाई और 1200 मीटर की रेस” आदि होती हैं। आज भारत में कबड्डी का खेल बहुत ही लोकप्रिय खेलों में शामिल है। भारत की प्रमुख टीम आठ बार में से सात बार इस ख़िताब को जीत चुकी है। महिलाओं की बात करे तो तीन बहने “ज्वाला, लीला और हीरा” को हम भुला नहीं सकते है।

इन्होंने बहुत कबड्डी खेली और दूसरों को भी खेलना सिखाया है। बचपन में इन्हें भी लोगों ने इस खेल को न खेलने के लिए कहा और भविष्य के लिए खूब डराया। तीनो बहनों ने कबड्डी का एक क्लब बनाया। जो आज भी इतने सालों बाद भी चल रहा है। आज भी लड़कों के मुकाबले कबड्डी खेलने वाली लड़कियों की संख्या कम हैं।

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