एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 19

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 19 हमारे साथी जानवर (कक्षा 3 पर्यावरण पाठ 19) के उत्तर हिंदी में राजकीय बोर्ड और सीबीएसई के लिए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 3 के विद्यार्थी पर्यावरण अध्ययन के सभी पाठों को पीडीएफ और विडियो दोनों की मदद से पढ़कर आसानी से समझ सकते हैं। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए इसे सरल भाषा में तैयार किया गया है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 19

चिड़िया को बचाना

प्रस्तुत पाठ में कुछ बच्चों द्वारा एक चिड़िया की जान बचाने की कोशिश के बारे में बताया गया है। जो स्कूल के पँखे से उड़ते हुए टकरा गई थी। जिसे सबसे पहले कल्याणी ने देखा था। चिड़िया तड़फ रही थी। पीटर ने उसे उठाकर सहलाया था। नवजोत और अली जल्दी से चिड़ियाँ के लिए एक कटोरी में पानी लाए। पीटर ने चिड़ियाँ को पानी पिलाया, तो वह धीरे-धीरे अपने पंख फड़फड़ाने लगी।

नवजोत ने सभी बच्चों को पीछे हटने को कहा क्योंकि चिड़ियाँ धीरे-धीरे उड़ने की कोशिश कर रही थी। तभी फुर्र की आवाज़ के साथ चिड़ियाँ उड़कर बाहर चली गई। अगले दिन बच्चों ने एक चिड़ियाँ को कमरे के अंदर चक्कर लगाते देखा। उन्हें लगा यह कल वाली चिड़ियाँ है। बच्चों ने जल्दी से सभी पखें बंद कर दिए और ताली बजा के खुशी मनाने लगे, क्योंकि उन सब ने चिड़ियाँ की जान दोबारा बचा ली थी।

बिल्ली और उसके बच्चे

शंकर के आँगन में बिल्ली ने अपने चार बच्चों को जन्म दिया था। इसलिए शंकर बहुत खुश था। शंकर ने अपनी छोटी बहन मालिनी को बिल्ली के बच्चे दिखाए। अगले दिन शंकर ने बिल्ली को अपने बच्चों के साथ रोने की आवाज़ सुनाई दी। बिल्ली अपने तीन बच्चों के साथ रो रही थी, क्योंकि उसका एक बच्चा गायब था।

शंकर ने बाहर जाकर देखा तो मालिनी बिल्ली के चौथे बच्चे को सहला रही थी। शंकर ने मालिनी को घर के आँगन में चलने को कहा। आँगन में बिल्ली के रोने की आवाज़ सुनकर मालिनी समझ गई कि बिल्ली अपने चौथे बच्चे के लिए रो रही थी। उसने बच्चे को बिल्ली के पास वापिस रख दिया।

पालतू जानवरों की देखभाल

मीनू की गाय का नाम भोली था। मीनू उसे रोज सुबह चराने के लिए मैदान पर ले जाती थी। एक दिन तेज़ी से आते हुए स्कूटर से भोली के पाँव में चोट लग गई। चोट से भोली के पाँव में खून निकल रहा था। तब मीनू के घर के लोग भोली को लेकर ईलाज के लिए जानवरों के डॉक्टर के पास गए। चंदू धोबी अपने गधे का ख्याल अच्छे से रखता है। वह उसे रोज़ाना नहला-धुला कर साफ़ सुथरा रखता है। वह रोज़ाना हरी घास खिलाता है। रोज़ाना सुबह-शाम पानी पिलाता है। रोज़ाना सजा के अपने साथ काम पर लेके जाता है।

जानवरों की उपयोगिता

पालतू जानवर मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। इनसे हमें दूध, अंडा, और ऊन आदि मिलता है। कुछ जानवरों से हम अपने विभिन्न प्रकार के काम लेते हैं। जैसे घोड़ा, गधा, बैल और बंदर आदि हैं। कुत्ते को हम अपनी और अपने जानवरों की रक्षा के लिए पालते हैं। इसका नाम बड़े स्वामी भक्त जानवरों में गिना जाता हैं।

बच्चों मनुष्य की तरह जानवर और पक्षियों का खाना भी अलग-अलग तरह का होता है। पक्षी हमेशा चुगा और दाने खाते हैं। पानी की जरूरत हर किसी जीव को होती है, कोई भी पक्षी और जानवर पानी के बिना जीवित नहीं रह सकता।

घरों में रहने वाले अनचाहे जीव

कुछ जीवों को मनुष्य कभी नहीं पालता फिर भी वे जीव मनुष्य के घर में पलते रहते हैं। जैसे: चूहे, कॉकरोच, मकड़ी, छिपकली और छुछुंदर आदि हैं। ये जीव अपना खाना खुद से ढूंड लेते हैं या चोरी करके खाते हैं। जैसे: चूहा और छुछुंदर आदि। कुछ जीव दुसरे जीव को खा कर जीते हैं। जैसे: साँप, छिपकली और मकड़ी आदि।

मित्र जानवर

रानी के बाग में पक्षियों को रोकने से फलों में कीड़े लग गए और अधिक्तर आम ख़राब हो गए थे। तब रानी को यह समझ में आया था, कि पक्षी हमारे लिए कितने उपयोगी हैं। पक्षी फलों में लगने वाले सभी कीड़ों को खा जाते हैं। जिससे हमारी फलों की फसल भी बची रहती है। इसलिए हम कह सकते है, कि पक्षी और जानवर सभी हमारे साथी होते हैं।

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