एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 18

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 18 ऐसे भी होते हैं घर (कक्षा 3 पर्यावरण पाठ 18) के प्रश्न उत्तर तथा पाठ के अन्य प्रश्नों के हल सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए छात्र-छात्राएँ यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 3 के ईवीएस के पाठ 18 में विभिन्न प्रकार से बने घरों के बारे में समझाया गया है। छात्र यहाँ दिए गए पीडीएफ और विडियो समाधान के माध्यम से पूरे पाठ को आसानी से समझ सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 18

स्कूल का कैंप

प्रस्तुत पाठ में नसीम जो श्रीनगर में रहता है। उसके स्कूल में सात दिनों के लिए कैंप लगा। कैंप में बहुत से स्कूलों के बच्चे आए हैं। स्कूल के मैदान में टेंट लगा कर उन सबके रहने का इंतजाम किया गया। स्कूल के बच्चों ने स्कूल को खूब सजाया। कुछ बच्चों ने कपड़ों की कतरनों से झालर बनाकर, उन्हें दरवाजों पर लगाया था। कुछ ने बादाम के छिलकों से पोस्टर बनाए तो किसी ने सूखे पत्तों तथा लकड़ी के बुरादे से रंगोली बनाई थी।

आसाम का रहन-सहन

कैंप के पहले दिन सब बच्चे इकट्ठे हुए और गोला बनाकर बैठ गए। सबने अपना-अपना परिचय दिया। असम से आए एक बच्चे ने अपना नाम भूपेन बताया और कहा मेरे गाँव का नाम मोलन है। हमारे यहाँ बहुत बारिश होती है।

इसलिए हमारे घर जमीन से दस से बारह फुट ऊँचे बने होते हैं। हम इन घरों को मजबूत बाँस के खंभों पर बनाते हैं। ये घर अंदर से भी लकड़ी के ही बने होते हैं। सीढ़ी के द्वारा ही घर में प्रवेश किया जाता है। रात को चोरी और जानवरों से बचने के लिए सीड़ियों को हटा लिया जाता है।

मनाली और वहां के लोग

फिर मनाली से आई चमेली ने बताया कि वह पहाड़ी इलाके में रहती है। उसके यहाँ भी बारिश अधिक होती है और बर्फ़ भी पड़ती हैं। जब ठंड ज्यादा होती है, तब धूप में बैठना अच्छा लगता है। उसके यहाँ पत्थर और लकड़ी के बने मकान होते हैं। इन घरों को इग्लू के नाम से जाना जाता हैं।

दिल्ली से आए मिताली और अनुज ने सबको दिल्ली की कुछ तस्वीरें दिखाई। तस्वीर को देख भूपेन हैरान होकर बोला अरे! इतने ऊँचे मकान तुम इनमें ऊपर तक कैसे चढ़ते हो। मिताली ने बताया की ये सब बहुमंजिला इमारतें हैं, जिन्हें फ्लैट कहते हैं। यहाँ सीढ़ियों और लिफ्ट की मदद से ऊपर-नीचे आया-जाया जाता है।

राजस्थान के घर

फिर राजस्थान से आए कांशीराम ने बताया कि उसके यहाँ बारिश बहुत कम होती है, और गर्मी खूब पड़ती है। हमारे यहाँ लोग मिट्टी के बने घरों में रहते हैं। घरों की दीवारें बहुत मोटी होती हैं। इन दीवारों को मिट्टी से लिप-पोतकर सुंदर बनाया जाता है।

छतें कँटीली झाड़ियों की बनी होती हैं। सभी टोलियों के बच्चों ने अपने-अपने घरों के बारे में बताया। परिचय के बाद स्कूल में रंगारंग कार्यक्रम हुआ। शाम को सब बच्चे डल झील घूमने गए। वहाँ पर उन्होंने हॉउस बोट को देखा और शिकारे में बैठ कर चप्पू भी चलाया। चारों तरह नीले पहाड़ और बीच में चिनार के पेड़ थे।

मकान निर्माण

बच्चों क्या आप जानते हो मकान बनाने के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता होती हैं। आजकल मकान बनाने के लिए अधिक्तर सीमेंट, लोहा, ईटें, पत्थर, चूना, प्लास्टिक, लकड़ी और काँच आदि का उपयोग करते हैं। कुछ अस्थाई घर भी होते हैं जिन्हें तंबू, हॉउस बोट और झोपड़ी आदि कहते हैं। जिन्हें बनाने के लिए लकड़ी, कपड़ा, रस्सी और लोहे की जरूरत पड़ती हैं।

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