एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 15

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 15 आओ बनाएँ बर्तन (कक्षा 3 पर्यावरण पाठ 15) के प्रश्नों के उत्तर हिंदी में सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें। कक्षा 3 के लिए पर्यावरण अध्ययन के पाठ 15 के उत्तर पीडीएफ और विडियो के माध्यम से यहाँ समझाए गए हैं, जिनका उपयोग छात्र निशुल्क कर सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 15

फुद्गुदी चिड़िया और भानते कौआ की शर्त

प्रस्तुत पाठ में फुद्गुदी चिड़िया और भानते कौआ की कहानी के साथ मिट्टी से बर्तन कैसे बनाएँ जाते हैं के बारे में बताया गया है। फुद्गुदी और भानते दोनों के बीच तय हुआ जो भी पहले अंडा देगा वह उस अंडे को खाने के लिए दूसरे को देगा।

दोनों ने इस बात को कबूल कर लिया। कुछ दिनों के बाद फुद्गुदी ने अंडा दिया। अंडा खाने के लिए भानते वहाँ आ गया। भानते ने फुद्गुदी से अंडा खाने के लिए माँगा तो फुद्गुदी डर गई। उसने कहा भानते पहले नदी में चोंच धो आओं फिर में तुम्हें अपना अंडा खाने दूंगी।

भानते ने कुलड़ बनाई

भानते ने चोंच धोने के लिए नदी से पानी माँगा। नदी बोली पहले कुलड़ लेकर आ जब पानी दूंगी। भानते कुलड़ लेने के लिए कुम्हार के पास गया। कुम्हार ने कहा पहले खदान से मिट्टी लेकर आ फिर कुलड़ बना दूँगा। भानते खदान से मिट्टी लेने गया। खदान ने कहा पहले गोदने के लिए लोहार से खुरपी ले के आ तब मिट्टी दूँगा। भानते खुरपी लेने लिए लोहार के पास गया और सब हाल सुनाया। लोहार ने भानते को खुरपी दे दी और याद से वापस देने को कहा।

फुद्गुदी चिड़िया की चतुराई

भानते ने खुरपी खदान को दी तो उसने मिट्टी खोद कर भानते को दी। भानते ने मिट्टी कुम्हार को दी जिससे कुम्हार ने कुलड़ बना दिया। कुलड़ बनने के बाद उसे आग से पकाने और सुखाने में कुछ दिन लगे। फिर कुछ दिन बाद भानते कुलड़ लेकर नदी से पानी लेने गया। नदी से पानी लेकर आने तक बहुत समय गुजर चूका था। तब तक फुद्गुदी का अंडा फुट कर चूजा बन चूका था और उड़ना भी सिख चूका था। भानते के आने से पहले ही दोनों भानते की पहुँच से दूर उड़ के जा चुके थे।

मिट्टी के बर्तन

पहले हम सभी मिट्टी के बने बर्तनों का इस्तेमाल करते थे। ये बर्तन कुम्हार द्वारा चिकनी मिट्टी को गूँध कर चक्के पर रख के फिर चक्के को घुमा के अलग-अलग तरह के बर्तन तैयार करता है। बनाए गए बर्तनों को कुछ दिनों तक सुखाया जाता है। फिर उसे आग में पकाया जाता हैं। जिसे पानी डालने पर भी ये सभी बर्तन गलते और टूटते नहीं हैं।

इसके बाद रंगों से इन्हें सजाया जाता है। मिट्टी से बर्तनों के अलावा बच्चों के खिलौने, मूर्ति, गुल्लक और सुराही आदि बनाई जाती है। बच्चे भी मिट्टी से अनेक प्रकार के जीव और खिलौने तैयार करते है। बच्चों को मिट्टी में खेलना बहुत पसंद होता है।

कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 15 आओ बनाएँ बर्तन
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