एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 22 चार दिशाएँ

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 22 चार दिशाएँ के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में विद्यार्थी शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 2 हिंदी के इस अध्याय की मदद से विद्यार्थी चारों दिशाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं और दिशाओं के महत्त्व को पहचानते हैं।

कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 22 के लिए एनसीईआरटी समाधान

चार दिशाएँ

उगता सूरज जिधर सामने
उधर खड़े हो मुँह करके तमु
ठीक सामने पूरब होता
और पीठ पीछे है पश्चिम
बायीं ओर दिशा उत्तर की
दायीं ओर तुम्हा रे दक्षिण
चार दिशाएँ होती हैं यों
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण।

उगते सूरज की दिशा

जब हम सुबह के समय उगते हुए सूरज की ओर देखते हैं, तो हम वास्तव में पूरब की ओर मुख कर रहे होते हैं। पूरब, वह दिशा है जहां से हर नई सुबह का आगाज़ होता है। इस दिशा को प्रकृति के नवीन उदय का प्रतीक माना जाता है। उगते सूरज को देखना न केवल हमें एक नई उम्मीद और ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि यह हमें नई शुरुआत की प्रेरणा भी देता है।

पश्चिम की ओर

जब हम पूरब की ओर मुख करते हैं, तो हमारी पीठ स्वाभाविक रूप से पश्चिम की ओर होती है। पश्चिम, सूर्यास्त का स्थान है। यह दिन के समापन का प्रतीक है। पश्चिम की ओर मुख करके, हम दिन के अंत का स्वागत करते हैं, जो हमें विश्राम और शांति का संदेश देता है। यह हमें याद दिलाता है कि हर दिन का अंत एक नई शुरुआत के लिए जरूरी है।

उत्तर की दिशा

जब हम पूरब की ओर मुख करते हैं और पश्चिम हमारी पीठ की ओर होता है, तो हमारी बाईं ओर उत्तर दिशा होती है। उत्तर की दिशा को स्थिरता और निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। यह दिशा हमें जीवन में संतुलन और दिशा निर्धारण में मदद करती है। उत्तर की ओर मुख करना अक्सर आत्म-खोज और आंतरिक शांति की यात्रा का प्रतीक होता है।

दक्षिण की ओर

इसी तरह, हमारी दायीं ओर दक्षिण दिशा होती है। दक्षिण की ओर मुख करना ऊर्जा, उत्साह, और गर्मजोशी का संकेत है। यह दिशा हमें जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता से भरपूर होने की प्रेरणा देती है। दक्षिण की दिशा, जीवन में नवीनीकरण और प्रगति के अवसरों को भी प्रतिबिंबित करती है।

चारों दिशाओं का महत्व

जीवन में चारों दिशाओं का अपना एक विशेष महत्व है। पूरब, पश्चिम, उत्तर, और दक्षिण – ये चार दिशाएँ हमें न केवल भौतिक दुनिया में अपने स्थान का बोध कराती हैं, बल्कि ये हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरूक भी करती हैं। इन दिशाओं को समझना और उनके प्रति सजग रहना हमें जीवन में संतुलन और दिशा खोजने में मदद करता है।

चारों दिशाओं का निष्कर्ष

चारों दिशाओं का ज्ञान और उनकी समझ हमें जीवन में एक समृद्ध और सार्थक दिशा प्रदान करती है। यह हमें आत्मिक और भौतिक दोनों ही स्तरों पर विकास की ओर अग्रसर करता है। उगते सूरज की दिशा से लेकर दिन के समाप्त होने तक, हमें प्रकृति और इसके नियमों के साथ तालमेल बिठाने की प्रेरणा मिलती है। इस प्रकार, चारों दिशाओं का ज्ञान हमें जीवन की यात्रा में एक संपूर्ण और संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करता है।

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