एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 8 तीन दोस्‍त

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 8 तीन दोस्‍त के प्रश्न उत्तर अभ्यास के हल सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 2 हिंदी के पाठ 8 में हम रंगों के संसार के बारे में जानेंगे। किस रंग में क्या मिलाने से क्या बनता है यह भी इस अध्याय में पढ़ते हैं।

कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 8 तीन दोस्‍त एनसीईआरटी समाधान

तीन दोस्‍त

बात पुरानी है। तब बस तीन ही रंग थे। लाल, पीला और नीला! लाल रहता था हर लज़ीज़ वस्तु में, जैसे टमाटर, सेब, चेरी और आलूबुखारे। पीले ने बनाया था सूरज को चमकदार जो मुस्कुराकर देता था रोशनी लगातार। आसमान भी नीला था और समुंदर भी। पेड़ों से टपकती बारिश भी नीली ही थी। तीनों पक्के दोस्त थे। एक दिन उन्होंने कहा, “हमें और दोस्त चाहिए। चलो नए दोस्त बनाएँ।” और वे निकल पड़े दोस्तों की तलाश में। और देखो क्या हुआ! लाल और पीला साथ चले तो एक नया दोस्त मि ला — नारंगी। पीले और नीले ने हाथ मिलाया तो एक नया दोस्त मिला — हरा। लाल और नीले के पास आते ही एक नया दोस्त मिला — बैंगनी। और इस तरह उन्होंने दुनिया को बना दिया दोस्ताना और रंगीन।

रंगों की दुनिया का आरंभ

बहुत समय पहले की बात है, जब हमारी दुनिया केवल तीन रंगों से भरी हुई थी – लाल, पीला और नीला। ये रंग न केवल प्राकृतिक वातावरण का हिस्सा थे, बल्कि हमारे जीवन के हर पहलू में गहराई से समाहित थे। लाल रंग, अपनी जीवंतता और ऊर्जा के साथ, हर लजीज और स्वादिष्ट वस्तु में मौजूद था। इसमें टमाटर, सेब, चेरी, और आलूबुखारे जैसे फल शामिल थे, जो अपने लाल रंग के साथ खाने की मेज पर खुशी और ताजगी भर देते थे।

सूर्य की पीली आभा

पीला रंग, अपनी चमक और गर्मी के साथ, हमारे सूरज को रोशन करता था। यह रंग न केवल सूरज की चमक में था, बल्कि उसकी हर मुस्कान में छिपा हुआ था, जो हमें रोशनी और उष्णता प्रदान करती थी। पीला रंग हमारे दिन को उज्ज्वल और जीवंत बनाता था, और इसकी गर्मी से हमें ऊर्जा और प्रेरणा मिलती थी।

नीले रंग की विशालता

दूसरी ओर, नीला रंग हमारे आसमान और समुद्र की विशालता का प्रतीक था। यह रंग न सिर्फ शांति और स्थिरता का प्रतीक था, बल्कि यह प्रकृति की गहराई और विस्तार को भी दर्शाता था। यहां तक कि पेड़ों से टपकने वाली बारिश भी नीले रंग की थी, जिससे प्रकृति के हर दृश्य में एक सुखद और शांतिपूर्ण भाव आता था।

दोस्ती का विचार

इन तीनों रंगों – लाल, पीला, और नीला – के बीच एक गहरी दोस्ती थी। वे न केवल दुनिया को रंग देने में सहायक थे, बल्कि वे एक-दूसरे के बिना अधूरे भी थे। एक दिन, इन तीनों रंगों ने एक साथ बैठकर विचार किया कि उन्हें और अधिक दोस्तों की जरूरत है। उन्होंने निर्णय लिया कि वे नए दोस्त बनाने के लिए निकल पड़ेंगे।

नए रंगों का सृजन

जब लाल और पीला रंग एक साथ चले, तो उन्होंने एक नया दोस्त बनाया – नारंगी। यह रंग उन दोनों की खूबियों का एक अद्भुत मिश्रण था। इसी तरह, जब पीला और नीला रंग मिले, तो उन्होंने हरे रंग को जन्म दिया, जो प्रकृति और जीवन का प्रतीक बन गया। और जब लाल और नीला रंग मिले, तो उन्होंने बैंगनी रंग का सृजन किया, जो रहस्य और शांति का प्रतीक बना।

दुनिया को रंगीन बनाना

इस प्रकार, इन तीन मूल रंगों की दोस्ती और सहयोग से हमारी दुनिया और भी रंगीन और खुशहाल बन गई। उनके इस संयोजन ने नए रंगों को जन्म दिया, जिससे प्रकृति और मानव जीवन में विविधता और सौंदर्य का संचार हुआ। यह कहानी हमें दिखाती है कि कैसे सहयोग और दोस्ती से न केवल नई संभावनाएं उत्पन्न होती हैं, बल्कि एक खूबसूरत और रंगीन दुनिया का निर्माण भी होता है।

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