एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 3 माला की चाँदी की पायल

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 3 माला की चाँदी की पायल के अभ्यास के प्रश्न उत्तर सत्र 2024-25 के लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। दूसरी कक्षा हिंदी में छात्र-छात्राएँ अध्ययन करेंगे कि किस प्रकार माला सबको डराती थी परंतु पायल पहनने के बाद सबने उससे डरना छोड़ दिया था।

कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 3 माला की चाँदी की पायल

माला की चाँदी की पायल

हुश्श्श्! माला बिल्ली को डराती। हेएए! वह अपनी नानी को डराती। धप्प! वह अपने छोटे भाई को डराती। भऊऊ! वह डाकिए को डराती। एक दिन माला की माँ ने उसे एक छोटी-सी डिब्बी दी। “माला, यह तुम्हारे लिए है,” वे बोलीं। माला ने जल्दी से डिब्बी खोली जिसमें उसे मिली–नीले कागज़ में लिपटी, प्यारी-सी चाँदी की पायल! उन्हें पहनकर, वह पूरे घर में घूमने लगी। छिक -छिक -छम छोटे-छोटे घुंघुरू झनकते। छिक -छिक -छम अब माला जहाँ भी जाती, सब जान जाते। छिक -छिक -छम माला की हुश्श्श ! से पहले बिल्ली कूद गई । छिक -छिक -छम
माला की हेएए! से पहले नानी पलट गई। छिक -छिक -छम माला की धप्प! से पहले छोटा भाई बाहर भाग गया। छिक -छिक -छम माला की भऊऊ! से पहले डाकिया निकल गया। छिक -छिक -छम अब माला किसी को डरा नहीं पाती। तो ऐसे में माला ने क्या किया? उसने अपनी चाँदी की पायल उतार दी।

माला का शरारती खेल

एक छोटे से गाँव में एक नटखट सी लड़की रहती थी, जिसका नाम माला था। माला को शरारतें करने का बहुत शौक था। उसकी शरारतें कभी भी नहीं रुकती थीं। वह अपने घर की बिल्ली को ‘हुश्श्श्!’ कहकर डराती, तो कभी अपनी प्यारी नानी को ‘हेएए!’ कहकर चौंका देती। माला के शरारती स्वभाव से सभी परिचित थे।

माला का परिवार और उसकी शरारतें

माला का परिवार उसकी इन हरकतों से कभी-कभी परेशान हो जाता था, लेकिन फिर भी उसे बहुत प्यार करता था। वह अपने छोटे भाई को ‘धप्प!’ कहकर डराती और फिर खिलखिला कर हंस पड़ती। यहां तक कि गाँव के डाकिए को भी वह ‘भऊऊ!’ कहकर डरा देती थी। उसकी यह शरारतें सबको हैरान कर देतीं।

माला को मिली अनोखी उपहार

एक दिन, माला की माँ ने उसे एक छोटी सी डिब्बी दी। उन्होंने कहा, “माला, यह तुम्हारे लिए है।” माला ने जिज्ञासा से भरी आँखों से डिब्बी खोली और पाया कि उसमें नीले कागज़ में लिपटी एक प्यारी-सी चाँदी की पायल थी। वह पायल इतनी सुंदर थी कि माला उसे पहने बिना न रह सकी।

माला की पायल की झंकार

पायल पहनने के बाद, माला ने घर के अंदर ही घूमना शुरू कर दिया। उसकी पायल के घुंघरुओं से ‘छिक-छिक-छम’ की मधुर ध्वनि निकल रही थी। अब जब भी माला कहीं जाती, उसका पता पहले ही चल जाता था और कोई भी उससे नहीं डरता था।

माला का शरारती स्वभाव

माला की पहली और सबसे मुख्य विशेषता उसका शरारती स्वभाव था। वह हमेशा अपने आस-पास के लोगों और जानवरों को चौंकाने में माहिर थी। चाहे वह बिल्ली हो, उसकी नानी हो, उसका छोटा भाई हो या फिर गाँव का डाकिया, माला हर किसी को अपनी अचानक की गई हरकतों से डरा देती थी। इस शरारती व्यवहार के पीछे उसकी एक चंचल और जीवंत प्रकृति थी, जो उसे अपने आस-पास के लोगों के साथ खेलने और मजाक करने के लिए प्रेरित करती थी। उसकी यह विशेषता उसे अन्य बच्चों से अलग करती थी।

माला का परिवर्तन और समझदारी

दूसरी महत्वपूर्ण विशेषता जो माला में देखी जा सकती है, वह है उसकी समझदारी और परिपक्वता का विकास। जब उसे चाँदी की पायल मिली, तो उसकी पायल की घंटी की आवाज़ ने उसके शरारती इरादों को असफल कर दिया। उसने महसूस किया कि उसकी इस नई विशेषता के कारण अब वह किसी को भी आसानी से नहीं डरा सकती। इस परिवर्तन ने माला को एक नई समझदारी दी। उसने यह समझा कि उसके शरारती व्यवहार के परिणाम क्या हो सकते हैं और अंततः उसने अपनी चाँदी की पायल उतार दी। यह उसके चरित्र के विकास और परिपक्वता को दर्शाता है।

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कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर