एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 21 हाथी साइकिल चला रहा था

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 21 हाथी साइकिल चला रहा था के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में छात्र-छात्राएँ यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 2 हिंदी के इस पाठ में एकता में शक्ति को प्रदर्शित किया गया है।

कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 21 के लिए एनसीईआरटी समाधान

हाथी साइकिल चला रहा था

हाथी साइकिल चला रहा था,
पीछे चींटी बैठी थी,
झूम रहा था हवा में हाथी,
चींटी शान से ऐंठी थी।
तभी चढ़ाई सीधी आई,
लगे हाँफने हाथी दद्दा,
चरर-मरर-चूँ रुकी साइकिल,
लगा सरकने पीछे चक्का ।
चींटी चट कूदी साइकिल से,
बोली-मत घबराना दद्दा,
आप पाँव पैडल पर मारो,
मैं हूँ न, देती हूँ धक्का!

हाथी की साइकिल यात्रा

एक खूबसूरत सुबह, एक विशाल हाथी ने साइकिल चलाने का निश्चय किया। उसके विशाल शरीर पर साइकिल कुछ छोटी प्रतीत होती थी, लेकिन उसके उत्साह में कोई कमी नहीं थी। हाथी की पीठ पर, एक नन्हीं चींटी बैठी थी, जो इस अनोखे सफर का हिस्सा बनने के लिए उतावली थी। दोनों ने मिलकर अपनी यात्रा आरंभ की, जहाँ हाथी साइकिल के पैडल को अपने विशाल पैरों से चला रहा था और चींटी उत्सुकता से इस नजारे का आनंद उठा रही थी।

वायु में झूमते हाथी

हवा के साथ खेलते हुए, हाथी ने अपनी साइकिल को गति दी। उसकी विशाल देह हवा में झूम रही थी, और उसके कान बड़े ही आनंद से फड़फड़ा रहे थे। पीछे बैठी चींटी, इस दृश्य को देख अपनी शान में ऐंठ गई। उसे अपने इस छोटे से आकार पर बड़ा गर्व महसूस हो रहा था, क्योंकि वह इस विशाल हाथी की साथी बनी हुई थी।

चढ़ाई का संघर्ष

यात्रा के दौरान, उनके सामने एक सीधी चढ़ाई आई। हाथी ने चढ़ाई को देखकर थोड़ा संकोच किया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। जैसे-जैसे वे चढ़ाई पर चढ़ने लगे, हाथी की साँसें तेज हो गईं, और उसके पैडल चलाने की गति धीमी पड़ गई। साइकिल के पीछे का चक्का सरकने लगा, और उनकी प्रगति लगभग रुक सी गई।

चींटी की सूझ-बूझ

इस कठिनाई को देखते हुए, चींटी ने तुरंत साइकिल से कूदने का निश्चय किया। उसने हाथी को ढाढस बंधाया और कहा, “मत घबराना, दद्दा। आप पैडल पर अपने पाँव मारो, मैं हूँ न, देती हूँ धक्का!” उसकी इस बात से हाथी को नई ऊर्जा मिली, और उसने पैडल पर फिर से जोर लगाया।

साथ मिलकर सफलता

चींटी के धक्के और हाथी के पैडल मारने के सहयोग से, साइकिल धीरे-धीरे चढ़ाई पर चढ़ने लगी। उनकी टीम वर्क ने उन्हें इस कठिनाई से पार पाने में मदद की। इस अनुभव ने उन्हें सिखाया कि कोई भी चुनौती, चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, साथ मिलकर पार की जा सकती है।

एकता में बल

इस यात्रा ने हाथी और चींटी को एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया। उन्होंने समझा कि भले ही वे आकार में अलग हैं, लेकिन उनकी एकता उन्हें अजेय बनाती है। उनकी दोस्ती और सहयोग ने उन्हें न केवल एक कठिन चढ़ाई पार करने में मदद की, बल्कि यह भी सिखाया कि साथ में किसी भी बाधा का सामना करना संभव है। उनकी इस यात्रा ने उन्हें नई दोस्ती और समझ की एक अनमोल भेंट दी।

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