एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 20 छुपन-छुपाई
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 20 छुपन-छुपाई के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए विद्यार्थी यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 2 हिंदी में पाठ 20 में छुपन-छुपाई खेल के मनोरंजन तथा रोमांच के बारे में बताया गया है।
कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 20 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 20 छुपन-छुपाई के प्रश्न उत्तर
छुपन-छुपाई
एक दिन सब छुपन-छुपाई खेल रहे थे। उस दिन जीत की बारी थी। जीत सौ तक गिनकर सबको ढूँढ़ने निकला। मोहित दरवाजे़ के पीछे मिल गया। जीत सबको कमरे में ढूँढ़ने लगा। बब ली अलमारी के पीछे मिल गई। मारिया पलंग के नीचे मिल गई। उसके बाद जीत आँगन की तरफ़ गया। सिमरन दादी के पीछे मिल गई। जीत नाज़िया को आँगन में ढूँढ़ने लगा। जीत ने नाज़िया को चादर के पीछे ढूँढ़ा। फिर जीत नाज़िया को ढूँढ़ने के लिए बाहर आया। वह पेड़ के नीचे खड़ा होकर सोचने लगा। नाज़िया ने ऊपर से कूदकर उसे धप्पा दिया। जीत दुबारा गिनती गिनने चल दिया।
छुपन-छुपाई का खेल
एक सुहाने दिन, एक गर्मी की दोपहर में, बच्चों का एक समूह अपने खेल के मैदान में इकट्ठा हुआ था। वे सभी बहुत उत्साहित थे क्योंकि आज का दिन उनके प्रिय खेल छुपन-छुपाई के लिए समर्पित था। इस खेल की शुरुआत में, जीत को ढूँढ़ने वाले की भूमिका निभाने का मौका मिला। वह बड़े ध्यान से एक से सौ तक गिनती गिनने लगा, जबकि उसके दोस्त आसपास के विभिन्न स्थानों में छिपने के लिए दौड़ पड़े।
छिपने की जगहें
जैसे ही जीत ने अपनी गिनती पूरी की, वह सबको ढूँढ़ने के मिशन पर निकल पड़ा। सबसे पहले, उसने मोहित को दरवाजे के पीछे छिपे हुए पाया। यह देखकर जीत को हंसी आ गई, क्योंकि मोहित ने सोचा था कि वह एक परफेक्ट छिपने की जगह पा लिया है। इसके बाद, जीत ने घर के अंदर का रुख किया, जहाँ उसने बब ली को अलमारी के पीछे और मारिया को पलंग के नीचे छिपे हुए पाया।
आँगन की खोज
घर के अंदर से सभी को खोजने के बाद, जीत ने आँगन की ओर अपने कदम बढ़ाए। वहाँ उसने सिमरन को देखा, जो चतुराई से दादी के पीछे छिपी हुई थी। जीत को लगा कि वह सभी को ढूँढ़ लिया है, लेकिन तभी उसे याद आया कि नाज़िया अभी भी छिपी हुई है। वह नाज़िया को ढूँढ़ने के लिए आँगन में और भी गहराई से खोजने लगा।
नाज़िया की चालाकी
जीत ने नाज़िया को ढूँढ़ने की हर संभव कोशिश की, लेकिन वह कहीं नजर नहीं आ रही थी। तभी, जीत ने एक चादर के पीछे छुपे हुए नाज़िया को देखा। उसकी इस चालाकी से जीत चकित रह गया। नाज़िया की यह जगह सबसे अनोखी और चतुराई भरी थी।
अंतिम खोज
नाज़िया को ढूँढ़ने के बाद, जीत ने सोचा कि खेल अब समाप्त हो गया है। लेकिन नाज़िया ने एक अंतिम चाल चली। वह पेड़ के ऊपर छिपी हुई थी और जीत के ध्यान बंटाने के लिए ऊपर से कूद पड़ी, उसे धप्पा देते हुए। यह देखकर जीत हैरान रह गया, और फिर से खेल की शुरुआत के लिए गिनती गिनने लगा।
खेल का समापन
इस खेल ने सभी को एक यादगार दोपहर प्रदान की, जिसमें हर किसी ने अपनी चालाकी और छिपने की कला का प्रदर्शन किया। जीत का धैर्य और उसके दोस्तों की चतुराई ने इस खेल को और भी मजेदार बना दिया। अंततः, यह खेल न केवल उनकी दोस्ती को मजबूत करता है, बल्कि उन्हें एक साथ मिलकर खुशियाँ मनाने का एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करता है।