एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 16 मूली

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 16 मूली के प्रश्न उत्तर और पाठ के अतिरिक्त प्रश्नों के हल सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त करें। यहाँ पाठ छात्रों को पढ़ने में बहुत रोचक लगता है कि किस प्रकार पूरे परिवार ने मिलकर सहयोग से मूली उगाई और फिर मिलकर खाई।

कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 16 के लिए एनसीईआरटी समाधान

मूली

नानाजी ने बगीचे में मूली बोयी। मूली से नानाजी बोले, “उगो-उगो मूली। मज़बूत बनो और लंबी हो।” उग आयी मोटी और लंबी मूली। नानाजी गए उसे निकालने। खींचते रहे, अपना पूरा ज़ोर लगाया, मगर मूली को बाहर न ला पाए। तो फिर नानी को आवाज़ लगायी। नानी ने थामा नाना को, नाना ने थामा मूली को। दोनों ने पूरा ज़ोर लगाया। मगर मूली को दोनों निकाल न पाए। तभी नानी ने नातिन को बुलाया। नातिन ने थामा नानी को, नानी ने थामा नाना को, नाना ने थामा मूली को, सबने मिलकर खींचा। मिलकर पूरा ज़ोर लगाया। मगर मूली को निकाल न पाए। तब नातिन ने अपने कुत्ते को बुलाया। कुत्ते ने नातिन को थामा, नातिन ने नानी को थामा, नानी ने नाना को थामा, नाना ने मूली को थामा, सभी ने मिलकर ज़ोर लगाया। आखिर मिलकर सबने मूली को बाहर नि काल ही डाला!

नानाजी का बगीचा और मूली की कहानी

एक दिन, नानाजी ने अपने बगीचे में मूली बोने का निर्णय लिया। उन्होंने बड़े प्यार और ध्यान से मिट्टी को तैयार किया, मूली के बीजों को बोया और उन पर पानी डाला। नानाजी ने मूली के बीजों से बातें करना शुरू किया, “उगो-उगो मूली। मजबूत बनो और लंबी हो।” उनकी देखभाल और प्रार्थना का असर हुआ और कुछ ही समय में मूली मोटी और लंबी हो गई।

मूली की चुनौती

जब मूली पूरी तरह से बढ़ गई, तो नानाजी ने सोचा कि अब समय आ गया है इसे बाहर निकालने का। वे बगीचे में गए और मूली को निकालने की कोशिश करने लगे। उन्होंने अपना पूरा जोर लगाया, लेकिन मूली इतनी मजबूती से जमीन में फंसी हुई थी कि बाहर नहीं आई।

पारिवारिक सहयोग

नानाजी ने इस चुनौती का सामना करने के लिए नानी को आवाज़ लगाई। नानी ने नानाजी का हाथ थाम लिया और दोनों ने मिलकर मूली को निकालने की कोशिश की। फिर भी, उनके प्रयास सफल नहीं हुए। इस समस्या को हल करने के लिए, नानी ने अपनी नातिन को बुलाया। नातिन ने नानी को, नानी ने नानाजी को, और नानाजी ने मूली को थामा। सभी ने मिलकर खींचा, परंतु मूली अभी भी जमीन में अडिग थी।

कुत्ते की मदद

जब परिवार के सभी सदस्यों के प्रयास विफल हो गए, तब नातिन ने अपने कुत्ते को बुलाया। कुत्ते ने नातिन को, नातिन ने नानी को, नानी ने नानाजी को, और नानाजी ने मूली को थाम लिया। इस बार, सभी ने मिलकर और भी ज्यादा जोर लगाया, आखिरकार, उनके संयुक्त प्रयास से मूली जमीन से बाहर आ गई।

सफलता की खुशी

जब मूली आखिरकार जमीन से बाहर आ गई, तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। नानाजी, नानी, नातिन, और कुत्ते ने अपनी सफलता का जश्न मनाया। इस घटना ने उन्हें यह सिखाया कि मिलकर काम करने से किसी भी मुश्किल काम को आसानी से हल किया जा सकता है।

सीख और समापन

इस कहानी से हमें एक महत्वपूर्ण सीख मिलती है कि सहयोग और टीम वर्क से किसी भी कठिनाई का सामना किया जा सकता है। नानाजी के बगीचे में उगी मूली ने न केवल उन्हें एक सुस्वादु भोजन प्रदान किया बल्कि एक अमूल्य सबक भी सिखाया। सभी के मिले-जुले प्रयास से हासिल की गई इस जीत ने उनके परिवार के बीच के बंधन को और भी मजबूत कर दिया।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 16
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