एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3 मानव विकास
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3 मानव विकास भाग 2 भारत लोग और अर्थव्यस्था के अभ्यास एक प्रश्न उत्तर सीबीएसई और राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 12 भूगोल पाठ 3 के सभी प्रश्नों को हिंदी और अंग्रेजी में समझाया गया है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3 मानव विकास के प्रश्न उत्तर
मानव विकास को परिभाषित कीजिए।
मानव विकास: मानव के जीवन में नित्य गुणात्मक वृद्धि जो हमेशा सकारात्मक हो या उनके गुणों में वृद्धि ही मानव विकास कहलाता है।
मानव विकास, स्वस्थ भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक तथा राजनैतिक स्वतंत्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को शामिल करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार तथा उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और सशक्तिकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया है।
मानव विकास के तीन आधार हैं:
- शिक्षा: सकल नामांकन तथा वयस्क साक्षरता दर अनुपात ज्ञान तक पहुँच का प्रतिनिधित्व करता है।
- स्वस्थ जीवन: देश के लोगों की दीर्घायु देश में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तथा सुविधाओं की उपलब्धता को इंगित करती है।
- संसाधनों तक पहुँच: आर्थिक स्थिति तथा व्यक्तियों की अपनी माँगों का सामान खरीदने की क्षमता के संकेतक के रूप में लिया जाता है।
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न
मानव विकास सूचकांक (2011) के संदर्भ में विश्व के देशों में भारत की निम्नलिखित में से कौन-सी कोटि थी?
मानव विकास सूचकांक में भारत के निम्नलिखित राज्यों से किस एक की कोटि उच्चतम है?
भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों में लिंग अनुपात निम्नतम है?
भारत के निम्नलिखित केंद्र-शासित प्रदेशों में से किस एक की साक्षरता दर उच्चतम है?
उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों के दो कारण बताइए।
देश के प्रमुख 15 राज्यों में उत्तरी भारत के बिहार, राजस्थान, असम, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिमी बंगाल ऐसे राज्य हैं जहाँ मानव विकास का निम्न स्तर है। उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों के दो कारण निम्नलिखित है:
- रोजगार की कमी: उत्तरी भारत के क्षेत्रों में शिक्षित युवाओं के रोजगार की दर 25% है जो अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत कम है। यहाँ शिक्षित युवा भी छोटे कामों में लग जाते हैं जो निम्न स्तर का सूचक है।
- उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों का प्रमुख कारण साक्षरता तथा आर्थिक विकास का निम्न स्तर भी है।
भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के दो कारण बताइए।
भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के दो कारण निम्नलिखित है:
- चिकित्सा पद्धति की मौजूदगी जैसे अल्ट्रासाउंड की मदद से पहले ही लिंग का पता लग जाने की वजह से पितृसत्तात्मक सोच के लोग भ्रूण हत्या जैसे कदम उठाते हैं।
- भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात का एक प्रमुख कारण सामाजिक दृष्टिकोण भी है। वर्तमान समय में, देश में कई स्थनों पर महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार प्राप्त नहीं है। यह भी घटते लिंगानुपात का एक महत्वपूर्ण कारक है।
भारत के 15 प्रमुख राज्यों में मानव विकास के स्तरों में किन कारकों ने स्थानिक भिन्नता उत्पन्न की है?
भारत के 15 प्रमुख राज्यों में मानव विकास के स्तरों में विभिन्न कारकों ने स्थानिक भिन्नता उत्पन्न की है। स्थानिक भिन्नता उत्पन्न करने वाले अनेक कारण हैं। केरल के मानव विकास सूचकांक का उच्चतम मूल्य इसके द्वारा 2001 में शत-प्रतिशत के आस-पास 90.92% साक्षरता दर को प्राप्त करने के लिए किए गए प्रभावी कार्यशीलता के कारण है।
एक अलग दृश्य में उड़ीसा, मध्ययप्रदेश, बिहार, असम तथा उत्तरप्रदेश जैसे निम्न साक्षरता वाले राज्य है। शैक्षिक उपलब्धियों के अलावा आर्थिक विकास भी मानव विकास सूचकांक पर सार्थक प्रभाव डालते है। आर्थिक दृष्टि विकसित राज्यों के मानव विकास सूचकांक का मूल्य अन्य राज्यों की तुलना में ऊँचा है भारत में मानव विकास की प्रादेशिक विषमताओं के लिए कई सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक एंव ऐतिहासिक कारण उत्तरदायी है।