एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 6 द्वितीयक क्रियाएँ

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 6 द्वितीयक क्रियाएँ भाग 1 मानव भूगोल के मूल सिद्धांत के हल हिंदी और अंग्रेजी में सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 12 भूगोल पाठ 6 के अभ्यास के प्रश्न उत्तर हिंदी में सवाल जवाब यहाँ से डाउनलोड करें।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 6

उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग पर 30 शब्दों में टिप्पणी लिखिए।

उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग: उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग निर्माण क्रियाओं में नवीनतम पीढ़ी है। इसमें उन्नत वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग उत्पादकों का निर्माण गहन शोध तथा विकास के प्रयोग द्वारा किया जाता है। संपूर्ण श्रमिक शक्ति का अधिकतर भाग व्यवसायिक (सफ़ेद कॉलर) श्रमिकों का होता है। ये उच्च, दक्ष तथा विशिष्ट व्यवसायिक श्रमिक वास्तविक उत्पादन (नीला कॉलर) श्रमिकों से संख्या में अधिक होते हैं। उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में यंत्रमानव, कम्प्यटूर आधारित डिज़ाइन (कैड) और निर्माण, धातु पिघलाने तथा शोधन के इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण व नए रासायनिक तथा औषधीय उत्पाद प्रमुख स्थान रखते हैं।

कक्षा 12 भूगोल अध्याय 6 बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Q1

निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है?

[A]. हुगली के सहारे जूट के कारखाने सस्ती जल यातायात की सुविधा के कारण स्थापित हुए।
[B]. चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वक्ष्छदं उद्योग है।
[C]. खनिज तेल एवं जल विद्युत शक्ति के विकास ने उद्योगों की अवस्थिति कारक के रूप में कोयला शक्ति के महत्व को कम किया है।
[D]. पत्तन नगरों ने भारत में उद्योगों को आकर्षित किया है।
Q2

निम्न में से कौन-सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है?

[A]. पूंजीवादी
[B]. मिश्रित
[C]. समाजवाद
[D]. कोई भी नहीं
Q3

निम्न में से कौन-सा प्रकार का उद्योग अन्य उद्योगों के लिए कच्चे माल का उत्पादन करता है?

[A]. कुटीर उद्योग
[B]. छोटे पैमाने के उद्योग
[C]. आधारभूत उद्योग
[D]. स्वच्छंद उद्योग
Q4

निम्न में से कौन-सा एक जोड़ा सही मेल खाता है?

[A]. स्वचालित वाहन उद्योग … लॉस एंजिल्स
[B]. पोत निर्माण उद्योग … लूसाका
[C]. वायुयान निर्माण उद्योग … फ़लोरेंस
[D]. लौह-इस्पात उद्योग … पिट्सबर्ग

विनिर्माण पर लगभग 30 शब्दों में टिप्पणी लिखिए।

विनिर्माण, किसी भी वस्तु का उत्पादन है। विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है ‘हाथ से बनाना’ फिर भी इसमें यंत्रों द्वारा बनाया गया सामान भी शामिल किया जाता है। हस्तशिल्प कार्य से लेकर लोहे तथा इस्पात को गढऩ, प्लास्टिक के खिलौने बनाना, कम्प्यूटर के अति सूक्ष्म घटकों को जोड़ना तथा अंतरिक्ष यान निर्माण इत्यादि सभी प्रकार के उत्पादन को निर्माण के अंतर्गत ही माना जाता है। विनिर्माण की सभी प्रक्रियाओं में कुछ साधारण विशेषताएँ होती हैं, जैसे शक्ति का उपयोग, एक ही प्रकार की वस्तुओं का बड़ा उत्पादन तथा कारखानों में विशिष्ट रमिक जो मानक वस्तुओं का उत्पादन करते हैं। विनिर्माण आधुनिक शक्ति के साधन तथा मशीनरी के द्वारा या पुराने साधनों द्वारा किया जाता है। तृतीय विश्व के अधिकतर देशों में विनिर्माण को अब भी शाब्दिक अर्थों में प्रयोग किया जाता है।

स्वच्छंद उद्योग पर लगभग 30 शब्दों में टिप्पणी लिखिए।

स्वछंद उद्योग: स्वच्छंद उद्योग व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थित होते हैं। यह किसी विशिष्ट कच्चे माल जिनके भारत में कमी हो रही है अथवा नहीं, पर निर्भर नहीं रहते हैं।

    • यह उद्योग संघटक पुरजों पर निर्भर रहते हैं जो कहीं से भी प्राप्त किए जा सकते हैं।
    • इसमें उत्पादन कम मात्र में होता है, एवं श्रमिकों की भी कम जरूरत होती है।
    • साधारणतः ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते। इनकी स्थापना में महत्वपूर्ण कारक सड़कों के जाल द्वारा अभिगम्यता होती है।
प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में क्या अंतर है?

प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में अंतर:
प्राथमिक गतिविधियाँ

    1. आर्थिक क्रियाओं में प्रमुख रूप से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से उत्पादन किया जाता है तो उन क्रियाओं को प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत रखा जाता है।
    2. मानव प्राथमिक क्रियाकलापों के द्वारा हर रूप में वस्तुएँ प्राप्त करता है।
    3. प्राथमिक गतिविधियों के उदाहरण- कृषि, संग्रहण तथा मछली पकड़ना, खनन, पशुचारण आदि।
    4. प्राथमिक गतिविधियों से उद्योगों को कच्चा माल मिलता है।
    5. ये वे क्षेत्र हैं, जहाँ अभी तक आधुनिक प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी का विकास और हस्तक्षेप नहीं हुआ।
    6. प्राथमिक गतिविधि प्राकृतिक पर्यावरण से प्राप्त संसाधनों के विकास से संबंधित है।

द्वितीयक गतिविधियाँ

    1. प्राकृतिक उत्पादों को विनिर्माण प्रणाली के द्वारा अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है उसे द्वितीयक क्षेत्र कहते हैं।
    2. द्वितीयक क्रियाकलापों में उद्योगों को सम्मिलित किया जाता है जो विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं।
    3. द्वितीयक गतिविधियों के उदाहरण – बीमा, बैंकिंग, विनिर्माण उद्योग, डेयरी उद्योग, कुटीर उद्योग, यातायात व्यापार आदि।
    4. द्वितीयक गतिविधियों से कच्चे माल का परिष्करण होता है तथा उसकी उपयोगिता बढ़ती है।
    5. विश्व के इन क्षेत्रों को आधुनिकीकरण तथा प्रौद्योगिकीकरण उच्च स्तर तक पहुँच चुका है।
    6. द्वितीयक गतिविधि मनुष्य द्वारा कच्चे माल को संशोधित करके उसे नई वस्तुओं में बदलने से है।
अफ्रीका में अपरिमित प्राकृतिक संसाधन हैं फिर भी औद्योगिक दृष्टि से यह बहुत पिछड़ा महाद्वीप है। समीक्षा कीजिए।

भौगोलिक विस्तार और जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप अफ्रीका प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है परंतु संसाधनों की प्रचुरता के पस्चात भी यह महाद्वीप औद्योगिक दृष्टि अपेक्षाकृत कमज़ोर है। संसाधनों की दृष्टि से देखा जाए तो अफ्रीका में कोबाल्ट, हीरा, प्लेटिनम, क्रोमियम जैसी बहुमूल्य धातुओं का बड़ा भंडार पाया जाता है। उदाहरण- बोत्सवाना और कांगो गणराज्य हीरे के उत्पादन के लिए बहुत अहम है। इसके अतिरिक्त दक्षिण अफ्रीका के किम्बरले ओर प्रिटोरिया विश्व के मुख्य हीरा-उत्पादक क्षेत्रों में सम्मिलित हैं।

आधुनिक समय में सर्वाधिक बहुमूल्य धातु में से एक माने जाने वाले सोना का सबसे अधिक उत्पादन दक्षिण अफ्रीका में होता है। यहाँ का जोहान्सबर्ग स्वर्ग खनन के लिए विश्व है। इसके अतिरिक्त ताँबा, मैंग्नीज़, एस्बेस्टस, यूरेनियम जैसे खनिज भी अफ्रीका में सबसे अधिक बॉक्साइट उत्खनन गिनी में, ताँबे का भंडार जायरे की कटंगा प्रदेश में और गफ़्रेाइट का निक्षेप मेडागास्कर देश में पाया जाता है। धातु के अतिरिक्त यहाँ जीवाश्म आधारित खनिज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। अफ्रीका के नाइजीरिया, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया जैसे प्रदेश पेट्रोलियम की दृष्टि से अहम है। कृषि आधारित संसाधन भी अफ्रीका में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। केन्या चाय उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। वहीं दक्षिण अफ्रीका का डरबन रसदार फ़लों के उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है। घाना के निकटवर्ती क्षेत्र कोको उत्पादन तथा निर्यात के लिए विश्व प्रसिद्ध है वहीं अफ्रीका के मरूस्थल पशुपालन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है परंतु प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के पस्चात भी औद्योगिक दृष्टि से अफ्रीका महाद्वीप बहुत पिछड़ा है।

अफ्रीका के कमज़ोर औद्योगिक विकास की पृष्ठभूमि को इसके उपनिवेशीकरण से जोड़कर देखा जा सकता है। दीर्घ अवधि तक पश्चिमी देशों के उपनिवेश बने रहने की वजह से यहाँ उद्योगों का पर्याप्त विकास नहीं हो पाया। पश्चिमी देश अपने उद्योगों के विकास के लिए अफ्रीका का प्रयोग कच्चा माल के स्त्रोत और तैयार उत्पादों को गंतव्य के रूप में करते रहे हैं। इससे अफ्रीका का विकास बाधित हुआ। गरीबी के कारण उद्योगों के विस्तार के लिए यहाँ अपेक्षित निवेश की कमी को देखा जा सकता है। वहीं मानव संसाधनों के अपर्याप्त विकास की वजह से प्रौद्योगिकी तथा नवाचार की कमी को भी देखा जा सकता है। कमजोर प्रौद्योगिकी के कारण कच्चे माल का दोहन यहाँ एक दुरूह काम बन गया है। अवसंरचना और बाजार की कमी तथा आतंकवादी गतिविधियों के विस्तार ने भी उद्योगों के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 6
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 6 द्वितीयक क्रियाएँ
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 6
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 6 हिंदी मीडियम में