एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 8 परिवहन एवं संचार

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 8 परिवहन एवं संचार भाग 1 मानव भूगोल के मूल सिद्धांत के प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क डाउनलोड करें। कक्षा 12 भूगोल पाठ 8 के सभी सवाल जवाव चरण दर चरण विस्तार से समझाए गए हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 8

पर्वतों, मरूस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में स्थल परिवहन की क्या-क्या समस्याएँ हैं?

पर्वतों, मरूस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में भौगोलिक कारणों तथा सड़क तथा रेल परिवहन निर्माण सामग्री का सुलभता से प्राप्त न होना और भारी वर्षा, घने वन, मरूस्थल एवं बाढ़ें सड़क निर्माण में बाधक हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में अनियमित भू-भाग सड़क निर्माण को कठिन बना देते हैं क्योंकि पहाड़ों को काटना कठिन होता है जबकि निर्माण न केवल महँगा होता है। मरूस्थलीय क्षेत्रों में सड़कें बनाना आसान नहीं है क्योंकि रेत सड़कों के निर्माण के लिए मजबूत आधार प्रदान नहीं करती है। इन क्षेत्रों में जनसंख्या का कम घनत्व भी सड़कों के कम होने का एक कारण है।

कक्षा 12 भूगोल अध्याय 8 बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Q1

परमहाद्वीपीय स्टुवर्ट महामार्ग किनके मध्य से गुजरता है?

[A]. डार्विन और मेलबोर्न
[B]. एडमंटन और एंकॉरेज
[C]. बैंकूवर और सेंट जॉन नयर
[D]. चेगडू और ल्हासा
Q2

किस देश में रेलमार्गों के जाल का सघनतम घनत्व पाया जाता है?

[A]. ब्राजील
[B]. कनाडा
[C]. संयुक्त राज्य अमेरिका
[D]. रूस
Q3

बृहद ट्रंक मार्ग होकर जाता है:

[A]. भूमध्य सागर हिंद महासागर से होकर
[B]. उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर
[C]. दक्षिण अटलांटिक महासागर से होकर
[D]. उत्तर प्रशांत महासागर से होकर
Q4

बिग इंच पाइप लाइन के द्वारा परिवहित किया जाता है।

[A]. दूध
[B]. जल
[C]. तरल पेट्रोलियम गैस (LPG)
[D]. पेट्रोलियम

पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग क्या लाभ है?

पारमहाद्वीपीय रेल मार्ग के लाभ
पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग पूरे महाद्वीप से गुज़रते हुए इसके दोनों छोरों को जोड़ते हैं। इनका निर्माण आर्थिक तथा राजनीतिक कारणों से विभिन्न दिशाओं में लंबी यात्राओं की सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया था।

जल परिवहन के क्या लाभ हैं?

जल परिवहन के लाभ

    • जल परिवहन में एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसमें मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता। महासागर एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं।
    • यह परिवहन बहुत सस्ता पड़ता है क्योंकि जल का घर्षण स्थल की अपेक्षा बहुत कम होता है।
    • समुद्री धाराओं तथा नदियों के प्रवाह की दिशा में ईंधन कम लगने से परिवहन खर्च कम आता है।
    • इससे प्रदुषण कम होता है। यह अंतराष्ट्रीय व्यापार का मुख्य साधन है।
    • अधिक भारी सामानों का परिवहन जल-परिवहन के द्वारा ही किया जाता है।
    • जल परिवहन की ऊर्जा लागत की अपेक्षाकृत कम होती है।
    • जल परिवहन को महासागरीय मार्गों तथा आंतरिक जलमार्गों में बाँटा जा सकता है।
विश्व के वे कौन से प्रमुख प्रदेश हैं जहाँ वायुमार्ग का सघन तंत्र पाया जाता है?

वायुमार्ग, परिवहन का तीव्रतम साधन है, परंतु यह अत्यंत महँगा भी है। तीव्रगामी होने की वजह से लंबी दूरी की यात्रा के लिए यात्री इसे वरीयता देते हैं। इसके द्वारा मूल्यवान जहाज़ी भार को तेज़ी के साथ पूरे विश्व में भेजा जा सकता है। वायु परिवहन ने संपर्क क्रांति ला दी है। वायुयान जीम हुई भूमि के अवरोध से बिना प्रभावित हुए उत्तरी कनाडा के एस्किमो के लिए अनेक प्रकार की वस्तुएँ लाते हैं। हिमालयी प्रदेश में भू-स्खलन, ऐवोलांश अथवा भरी हिमपात के कारण सामान्यतः मार्ग अवरूद्ध हो जाता है। ऐसी स्थिति में किसी स्थान पर पहुँचने के लिए वायु यात्रा ही एकमात्र विकल्प है।

विश्व में पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी यूरोप तथा दक्षिणी-पूर्वी एशिया में वायु-मार्गों का सघन जाल पाया जाता है। वर्तमान समय में विश्व में कोई भी स्थान 35 घंटे से अधिक की दूरी पर नहीं है। ब्रिटेन का वाणिज्यिक वायु परिवहन का प्रयोग अनुकरणीय है। एक सुपरसोनिक वायुयान लंदन तथा न्ययार्क के मध्य की दूरी को मात्र साढ़े तीन घंटों में तय कर लेता है। विश्व में कुल वायुमार्गों का 60 प्रतिशत भाग का प्रयोग संयुक्त राज्य अमेरिका करता है। लंदन, पेरिस, शिकागो, न्यूयॉर्क, एमस्टर्डम आदि जहाँ वायुमार्ग अभिसरित होते हैं अथवा महाद्वीपों की ओर विकरित होते हैं।

वे कौन सी विधाएँ हैं जिनके द्वारा साइबर स्पेस मनुष्यों के समकालीन आर्थिकी और सामाजिक स्पेस की वृद्धि करेगा?

साइबर स्पेस
यह नवीनतम तकनीक है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटरीकृत स्थान तक पहुँच द्वारा तत्काल कनेक्टिविटी है। इसे साइबर स्पेस या इंटरनेट कहा जाता है तथा वर्ल्ड वाइड वेब द्वारा सम्मिलित किया गया है। अधिकांश इंटरनेट उपयोगकर्ता चीन, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, भारत तथा जर्मनी में है। मानव ने लंबी दूरी के संचार के विभिन्न तरीकों का उपयोग किया है। टेलीग्राफ़ ने अमेरिकी पश्चिमी के उपनिवेशीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऑप्टिकल फ़ाइबर केबल को सम्मिलित करने के लिए दुनिया ने जल्द ही अपने कॉपर केबल सिस्टम को अपग्रेड किया। वर्तमान में विश्व के करोड़ों लोग इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं तथा निरंतर इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है क्योंकि साइबर स्पेस लोगों के समकालीन आर्थिक एवं सामाजिक स्पेस को ई-मेल, ई-शिक्षा, ई-वाणिज्य, ई-प्रशासन के माध्यम से विस्तृत हो रहा है।

साइबर स्पेस विद्युत द्वारा कम्प्यूटरीकृत स्पेस का संसार है। यह भेजने वाले तथा प्राप्त करने वाले के शारीरिक संचलन के बिना कम्प्यूटर पर सूचनाओं के प्रेषण तथा प्राप्ति की विद्युतीय अंकीय दुनिया है। इसे इंटरनेट के नाम से जाना जाता है। फ़ैक्स, रेडियो, टेलीविज़न के साथ इंटरनेट समय तथा स्थान की सीमाओं को लाँघते हुए अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचेगा। ये आधुनिक संचार प्रणालियाँ हैं जिन्होंने परिवहन से कहीं ज्यादा वैशिवक ग्राम की संकल्पना साकार किया है। जैसे-जैसे इस तकनीक का विकास हो रहा है और सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से इस पर लगाए गए प्रतिबंध समाप्त हो रहे हैं, निजी व्यावसायिक कंपनियाँ, शैक्षणिक संस्थान और संस्कार द्वारा इन सूचनाओं और उपग्रह चित्रों का उपयोग असैनिक क्षेत्रों जैसे- प्रदुषण नियंत्रण, नगरीय नियोजन, वन विनाश (वनोन्मूलन) से प्रभावित क्षेत्रों का पता लगाने तथा सैकडों भौतिक प्रतिरूपों तथा प्रक्रमों को पहचानने के लिए हो रहा है। साइबर स्पेस का विकास अद्वितीय है।

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