एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 9 अंतराष्ट्रीय व्यापार
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 9 अंतराष्ट्रीय व्यापार भाग 1 पुस्तक मानव भूगोल के मूल सिद्धांत के प्रश्नों के उत्तर सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। कक्षा 12 भूगोल पाठ 9 के सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में अतिरिक्त प्रश्नों के साथ यहाँ से प्राप्त करें।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 9
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 9 अंतराष्ट्रीय व्यापार के प्रश्न उत्तर
विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन-से हैं?
विश्व व्यापार संगठन विश्व व्यापार संगठन अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जो विश्व व्यापार के लिए नियम बनाता है। विश्व व्यापार संगठन एकमात्र ऐसा अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो राष्ट्रों के बीच वैश्विक नियमों का व्यवहार करता है।
स्थापना वर्ष: 1 जनवरी 1995
मुख्यालय: जेनेवा, स्विट्जरलैंड
विश्व व्यापार संगठन के कार्य
- विश्व व्यापार संगठन अपने सदस्य राष्ट्रों के मध्य व्यापार और इससे संबंधित विवादों के निपटारे से संबंधित नियमों तथा प्रक्रियाओं को प्रकाशित करने का प्रमुख कार्य करता है।
- विश्व व्यापार संगठन का एक कार्य यह भी है कि विश्व की आर्थिक नीति निर्माण से पहले से अधिक सामंजस्य स्थापित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा-कोष और विश्व बैंक से प्रभावी सहयोग स्थापित करे।
- विश्व व्यापार समझौते के कार्यान्वयन, प्रशासन तथा परिचालन के लिए सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
- व्यापार नीति समीक्षा तंत्र के प्रावधानों को लागू करना।
- विश्व व्यापार संगठन का एक महत्वपूर्ण कार्य विश्व के समिति संसाधानों के अनुकूलतम प्रयोग को प्रोत्साहित करना है, जिससे समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो सके।
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 9 बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न
संसार के अधिकांश महान पत्तन इस प्रकार वर्गीकृत किए गए हैं:
निम्नलिखित महाद्वीपों में से किस एक से विश्व व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है?
दक्षिण अमरीकी राष्ट्रों में से कौन-सा एक ओपेक का सदस्य है?
निम्न व्यापार समूहों से भारत किसका एक सह-सदस्य है?
ऋणात्मक भुगतान संतुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता है?
ऋणात्मक भुगतान संतुलन: जब देश में मंदी होती है तो दूसरे देशों के साथ आयातों तथा निर्यातों की मात्रा में तीव्र गिरावट आती है परंतु घरेलु उत्पादनों में कमी से आयात की तुलना में निर्यात में बहुत ज्यादा कमी आ जाती है। इससे भुगतान संतुलन प्रतिकूल हो जाता है। अर्थात् जब कोई देश वस्तुओं के क्रय पर उससे अधिक व्यय करता है जितना कि अपने सामानों के विक्रय से अर्जित करता है। तब देश का व्यापार संतुलन ऋणात्मक कहलाता है।
व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त होते हैं?
व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
- प्रादेशिक व्यापार समूह व्यापार की मदों में भौगोलिक सामीप्य, समरूपता तथा पूरकता के साथ देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने में सहायता करते हैं।
- व्यापारिक समूह प्रादेशिक विशिष्टीकरण, उत्पादन के उच्च स्तर, उच्च रहन-सहन के स्तर, वस्तुओं तथा सेवाओं की विश्वव्यापी उपलब्धता, कीमतों तथा वेतन का समानीकरण और ज्ञान व संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- ये व्यापार पर लगे प्रतिबंध हटाने में सहायता करते हैं।
- इन व्यापारिक समूह सदस्य राष्ट्रों ने व्यापार शुल्क को हटाकर मुक्त व्यापार को बढ़ावा दिया है।
पत्तन किस प्रकार व्यापार के लिए सहायक होते हैं ? पत्तनों का वर्गीकरण उनकी अवस्थिति के आधार पर कीजिए।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की दुनिया के मुख्य प्रवेश द्वार पोताश्रय और पत्तन होते हैं। इन्हीं पत्तनों के द्वारा जहाज़ी माल और यात्री विश्व के एक भाग से दूसरे भाग को जाते हैं। पत्तन जहाज़ के लिए गोदी, लादने, उतारने और भंडारण के लिए सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इन सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इन सुविधाओं को प्रदान करने के उद्देश्य से पत्तन के अधिकारी नौगम्य द्वारों का रख-रखाव, रस्मों व बजरों (छोटी अतिरिक्त नौकाएँ) की व्यवस्था करने और श्रम और प्रबंधकीय सेवाओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करते हैं। एक पत्तन के महत्त्व को नौभार के आकार तथा निपटान किए गए जहाजों की संख्या द्वारा निश्चित किया जाता है। एक पत्तन द्वारा निपटाया नौभार, उसके पृष्ट प्रदेश के विकास के स्तर का सूचक है।
पत्तन के प्रकार
पत्तनों का वर्गीकरण उनके द्वारा सँभाले गए यातायात के प्रकार के अनुसार किया जाता है। निपटाए गये नौभार के अनुसार पत्तनों के प्रकार:
- औद्योगिक पत्तन: ये पत्तन थोक नौभार के लिए विशेषीकृत होते हैं। जैसे- अनाज, चीनी, अयस्क, तेल, रसायन तथा इसी प्रकार के पदार्थ।
- वाणिज्यिक पत्तन: ये पत्तन सामान्य नौभार संर्वेष्टित उत्पादों और विनिर्मित वस्तुओं का निपटान करते हैं। ये पत्तन यात्री-यातायात का भी प्रबंध करते हैं।
- विस्तृत पत्तन: ये पत्तन बड़े परिमाण में सामान्य नौभार का थोक में प्रबंध करते हैं। संसार के अधिकांश महान पत्तन विस्तृत पत्तनों के रूप में वर्गीकृत किए गए है।
अवस्थिति के आधार पर पत्तनों के प्रकार:
अंतर्देशीय पत्तन: ये पत्तन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते हैं। ये समुद्र से एक नदी अथवा नहर द्वारा जुड़े होते हैं। ऐसे पत्तन चौरस तल वाले जहाज़ या बजरे द्वारा ही गम्य होते हैं। उदाहरणस्वरूप – मानचेस्टर एक नहर से जुड़ा है, मेंफि़स मिसीसिपी नदी पर अब स्थित है, राइन के अनेक पत्तन हैं जैसे- मैनहीम और ड्यूसबर्ग तथा कोलकाता हुगली नदी, जो गंगा नदी की एक शाखा है, उस पर स्थित है।
बाह्य पत्तन: ये गहरे जल के पत्तन हैं जो वास्तविक पत्तन से दूर बने होते हैं। ये उन जहाजों, जो अपने बड़े आकार के कारण उन तक पहुँचने में अक्षम हैं को ग्रहण करके पैतृक पत्तनों को सेवाएँ प्रदान करते हैं। उदाहरणस्वरूप एथेंस और यूनान में इसके बाह्य पत्तन पिरइेअस एक उच्चकोटि का संयोजन है।