एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3 जनसंख्या संघटन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3 जनसंख्या संघटन भाग 1 मानव भूगोल के मूल सिद्धांत के सभी प्रश्नों के हल सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से डाउनलोड करें। कक्षा 12 भूगोल पाठ 3 के सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी में अतिरिक्त प्रश्नों के साथ उपलब्ध हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3 जनसंख्या संघटन के प्रश्न उत्तर
जनसंख्या संघटन से आप क्या समझते हैं?
जनसंख्या संघटन
किसी क्षेत्र की जनसंख्या को उनके विविध विशेषताओं के आधार पर वर्गीकरण करके जनसंख्या का तुलनात्मक अध्ययन करना जनसंख्या संघटन कहलाता है। जनसंख्या संघटन जनसंख्या की उन विशेषताओं को दर्शाता है जिसमें आयु तथा लिंग का विशलेषण, धर्म, भाषा, साक्षरता आदि का अध्ययन किया जाता है। इसको समझने के लिए एक उदाहरण का सहायता लेते है। जैसे – किसी परिवार की रचना कैसे होती है, उसमें कुछ लोग पुरुष होते है कुछ स्त्री होते है। जनसंख्या संघटन के अध्ययन करने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि किसी देश के प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में अद्वितीय होते है।
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 3 बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न
निम्नलिखित में से किसने संयुक्त अरब अमीरात के लिंग अनुपात को निम्न किया है?
निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या जनसंख्या के कार्यशील आयु वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है?
निम्नलिखित में से किस देश का लिंग अनुपात विश्व में सर्वाधिक है?
आयु-संरचना का क्या महत्त्व है?
आयु संरचना- आयु संरचना किसी जनसंख्या में आयु या आयु वर्गों के अनुसार जनसंख्या के वितरण को प्रदर्शित करती है। इसे आयु संघटन भी कहा जाता है।
आयु-संरचना का महत्त्व
आयु संरचना जनसंख्या संघटन का महत्वपूर्ण सूचक है। यदि जनसंख्या में 0 -14 आयु वर्ग की जनसंख्या अधिक है तो आश्रित जनसंख्या का अनुपात अधिक होगा। इसके कारण आर्थिक विकास धीमा होगा।
- आयु संरचना प्रत्येक आयु वर्ग में जनसंख्या के अनुपात का प्रतिनिधित्व करती है।
- 15 – 59 वर्ष के आयु वर्ग में रहने पर स्थिति में परिवर्तन होने पर ज्यादा मौसम के अनुकूल होने में सहायक होता है।
- देश के वर्तमान तथा भविष्य के विकास के लिए आबादी की आयु संरचना का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
- आयु संरचना की सहायता से हमें कार्यशील जनसंख्या और आश्रित जनसंख्या की जानकारी मिलती है।
- 60 साल के हिसाब से उम्र बढ़ने से जनसंख्या की देखभाल में वृद्धि होती है। जीवन से लागू होने वाले जीवन में अपडेट होने के पस्चात जीवन में अपडेट होने की स्थिति में अपडेट किया जा सकता है।
- आयु संरचना का एक देश के जनांकिकीय तत्व के रूप में बड़ा महत्व है। आयु संरचना के आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है कि विभिन्न आयु वर्गों में लोगों का कितना प्रतिशत है।
लिंग-अनुपात कैसे मापा जाता है?
लिंग-अनुपात: लिंग अनुपात से आशय है किसी क्षेत्र विशेष में पुरूष और स्त्री की संख्या के अनुपात को कहते हैं। सामान्यतः किसी भौगोलिक क्षेत्र में प्रति हजार पुरूषों के मुकाबले स्त्रीयों की संख्या को इसकी इकाई माना जाता है। उच्च मृत्यु दर होने पर लिंगानुपात कम रहता है क्योंकि स्त्रीयों की तुलना में पुरूषों की संख्या अधिक होती है। जिन क्षेत्रों से प्रवास होता है वह लिंगानुपात ज्यादा होता है क्योंकि प्रवास पुरूष अधिक करता है।
जनसंख्या के ग्रामीण-नगरीय संघटन का वर्णन कीजिए।
जनसंख्या के ग्रामीण – नगरीय संघटन: जनसंख्या का ग्रामीण तथा नगरीय में विभाजन निवास के आधार पर होता है। यह विभाजन आवश्यक है क्योंकि ग्रामीण तथा नगरीय जीवन आजीविका तथा सामाजिक दशाओं में एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में आयु-लिंग संघटन, व्यावसायिक संरचना, जनसंख्या का घनत्व और विकास के स्तर भिन्न-भिन्न होते है। ग्रामीण तथा नगरीय जनसंख्या में अंतर करने के मापदंड एक देश से दूसरे देश में भिन्न होती है। प्रायः ग्रामीण क्षेत्र वे होते हैं, जिनमें लोग प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न होते हैं एंव नगरीय क्षेत्र वे होते हैं जिनमें अधिकांश कार्यशील जनसंख्या गैर-प्राथमिक क्रियाओं में सलंग्न होती है।
विश्व में ग्रामीण जनसंख्या सबसे ज्यादा एशिया, अफ्रीका तथा लैटीन अमेरिका के देशों में पाई जाती है। जबकि यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका में नगरीय जनसंख्या ज्यादा पाई जाती है। औद्योगिक दृष्टि से विकसित राष्टों में नगरीय जनसंख्या का अनुपात अधिक पाया जाता है जबकि कृषि प्रधान देशों में ग्रामीण जनसंख्या का अनुपात अधिक पाया जाता है। कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत किसी देश के आर्थिक विकास का सूचक होता है। इसका कारण नगरों में उपलब्ध सुविधाएँ तथा रोजगार की संभावनाएँ है। अतः विकसित राष्ट्रों में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत अधिक होता है। विश्व में प्रतिवर्ष नगरीय जनसंख्या में लगभग 6 करोड़ की वृद्धि हो रही है। नगरीय क्षेत्रों में स्त्रीयों की संख्या अधिक होने का कारण ग्रामीण क्षेत्रों से स्त्रीयों का नौकरियों के लिए शहरी क्षेत्रों की ओर प्रवास करना है। इस तरह विश्व स्तर पर ग्रामीण-नगरीय संघटन में व्यापक भिन्नता पाई जाती है।
विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिगं में असंतुलन के लिए उत्तरदाई कारकों तथा व्यावसायिक संरचना की विवेचना कीजिए।
विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग में असंतुल के लिए उत्तरदाई कारक:
- प्रवास- स्त्रीयों तथा पुरूषों का प्रवास भी लिंगानुपात को गंभीर रूप से प्रभावित करता है प्रवास में लिंगीय चरनपरकता काफ़ी ज्यादा होती है।
- स्त्री-पुरुष के जन्म दर में अंतर प्रत्येक समाज में जन्म के समय नर बच्चे, मादा बच्चों से अधिक पैदा होता है।
- स्त्री-पुरूष की मृत्यु दर में अंतर पुरूष तथ स्त्री मृत्यु दर में भिन्नता होने के कारण भी लिंगानुपात में अंतर आ जाता है। विकसित देशों में भी जीवन की सभी अवस्थाओं में पुरूष मृत्युदर स्त्री मृत्युदर से अधिक होती हे। अतः जन्म के समय पुरूषों की बढ़ी हुई संख्या, उत्तरोत्तर समाप्त होती जाती है।
व्यावसायिक संरचना
व्यावसायिक संरचना का अवलोकन करने से ज्ञात होता है कि कार्यशील जनसंख्या 15-59 आयु वर्ग में स्त्रीयों तथा पुरूषों के अनुपात में विश्व के विभिन्न देशों में बहुत अधिक अंतर देखने को मिलता है।
विकसित देशों में स्त्री साक्षरता दर और उनके रोजगारोन्मुख होने की दर विकासशील तथा अल्पविकसित देशों की तुलना में ज्यादा है। उनके स्वास्थ्य तथा रहन-सहन की दशाएँ भी अच्छी है। वे उन सभी सुख-सुविधााओं का उपभोग करती हैं जिनका उपभोग पुरूष कर रहे हैं।