एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 14 तरंगें

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 14 तरंगें के प्रश्न उत्तर अभ्यास के हल सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए हिंदी और अंग्रेजी में हल यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। 11वीं कक्षा के छात्र भौतिक विज्ञान के पाठ 14 के सभी उत्तर तथा अध्ययन सामग्री यहाँ से निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं।

कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 14 के लिए एनसीईआरटी समाधान

कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 14 के विषय

कक्षा 11 भौतिकी के पाठ 14 में परिमाण, तरंग दैर्ध्य, आवृत्ति और वेग सहित तरंग और उनके गुणों की अवधारणाओं के विषयों पर चर्चा की गई है। इसमें अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य तरंगों दोनों तरंगों को शामिल किया गया है, और उनकी विशेषताओं का वर्णन किया गया है, जैसेकि ध्रुवीकरण, विवर्तन और हस्तक्षेप। अध्याय विभिन्न क्षेत्रों में तरंगों के अनुप्रयोगों को भी शामिल करता है, जैसे संचार, चिकित्सा इमेजिंग और भूकंप का पता लगाना। ऐसे उपयोगों के उदाहरण ध्वनि, विद्युत चुम्बकीय और भूकंपीय तरंगें हैं। यह भौतिकी के विचार को समझने और रोजमर्रा की जिंदगी में उनका उपयोग कैसे किया जाता है। कक्षा 11 में उपरोक्त विषयों को समझने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 14 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

Q1

जल में चलती मोटर बोट द्वारा उत्पन्न जल तरंगें

[A]. न तो अनुदैर्घ्य होती हैं न ही अनुप्रस्थ।
[B]. अनुदैर्घ्य और अनुप्रस्थ दोनों होती हैं।
[C]. केवल अनुदैर्घ्य होती हैं।
[D]. केवल अनुप्रस्थ होती हैं।
Q2

किसी माध्यम में v m/s की चाल से चलती हुई, ¬ λ तरंगदैर्घ्य की ध्वनि तरंगें किसी अन्य माध्यम में प्रवेश करती हैं जिसमें इनकी चाल 2v m/s होती है। दूसरे माध्यम में ध्वनि तरंगों का तरंगदैर्घ्य होगा।

[A]. λ
[B]. λ/2
[C].
[D].
Q3

वायु में ध्वनि की तरंगों की चाल

[A]. ताप पर निर्भर नहीं करती।
[B]. दाब के साथ बढ़ती है।
[C]. आर्द्रता बढ़ने से बढ़ती है।
[D]. आर्द्रता बढ़ने से घटती है।
Q4

माध्यम के ताप परिवर्तन से

[A]. ध्वनि तरंगों की आवृति परिवर्तित हो जाती है।
[B]. ध्वनि तरंगों का आयाम बदल जाता है।
[C]. ध्वनि तरंगों का तरंगदैर्घ्य बदल जाता है।
[D]. ध्वनि तरंगों की प्रबलता बदल जाती है।

तरंग तथा तरंगदैर्घ्य

तरंगें एक प्रकार का विक्षोभ होती हैं, जो किसी माध्यम में कणों को गतिशील करती हुई आगे बढ़ती है। तरंगों की गति की प्रक्रिया में माध्यम के कणों का स्थानांतरण हुए बिना ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। तरंगों को दो भागों में बाँटा जा सकता है- यांत्रिक तरंगें और विद्युत चुंबकीय तरंगें।
समान कला के दो बिंदुओं के बीच की न्यूनतम दूरी को तरंगदैर्घ्य कहते हैं और इसे सामान्यतः λ से दर्शाते हैं। सुविधा के लिए हम समान कला वाले बिंदुओं को शीर्ष या गर्त ले सकते हैं। तब तरंगदैर्घ्य दो क्रमागत शीर्षों अथवा गर्तों के बीच की दूरी है।

आवृति
कोई आवृत घटना (बार-बार दोहराई जाने वाली घटना), इकाई समय में जितनी बार घटित होती है उसे उस घटना की आवृत्ति कहते हैं। आवृति को किसी साइनाकार तरंग के कला परिवर्तन की दर के रूप में भी समझ सकते हैं। आवृति की इकाई हर्ट्ज (साइकल्स प्रति सेकण्ड) होती है।

कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 14 एमसीक्यू के उत्तर

Q5

किसी माध्यम में अनुदैर्घ्य तरंगों के प्रगमन से जो राशि संचरित होती है वह है:

[A]. द्रव्य
[B]. ऊर्जा
[C]. ऊर्जा एवं द्रव्य
[D]. ऊर्जा, द्रव्य एवं संवेग
Q6

तरंग गति के संबंध में निम्नलिखि में से कौन-सा कथन सत्य है?

[A]. यांत्रिक अनुप्रस्थ तरंगें सभी माध्यमों में गमन कर सकती हैं।
[B]. अनुदैर्घ्य तरंगें केवल ठोसों में गमन कर सकती हैं।
[C]. यांत्रिक अनुप्रस्थ तरंगें केवल ठोसों में गमन कर सकती हैं।
[D]. अनुदैर्घ्य तरंगें निर्वात में गमन कर सकती हैं।
Q7

एक ध्वनि तरंग किसी वायुस्तंभ में संपीडनों और विरलनों के रूप में गुजर रही हैं। क्रमिक संपीडनों और विरलनों में

[A]. घनत्व अचर रहता है।
[B]. बॉयल के नियम का पालन होता है।
[C]. वायु का आयतन प्रत्यास्थता गुणांक दोलन करता है।
[D]. ऊष्मा का स्थानांतरण नहीं होता।
Q8

2.5 kg द्रव्यमान की एक डोरी में 200N का तनाव है। तानित डोरी की लंबाई 200 cm है। यदि डोरी के एक सिरे पर एक अनुप्रस्थ स्पंद उत्पन्न किया जाए तो विक्षोभ इसके दूसरे सिरे पर पहुँचेगा:

[A]. एक सेकंड में
[B]. 0.5 सेकंड में
[C]. 2 सेकंड में
[D]. दिए गए आंकड़े अपर्याप्त हैं।

तरंगों का परावर्तन

जब तरंग एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तो दोनों माध्यम के पृष्ठ से ये कुछ परावर्तित होकर पुन: उसी माध्यम में लौट आती है और कुछ तरंगे दूसरे माध्यम में चली जाती है, यहाँ तरंगो की चाल एक माध्यम से दूसरे माध्यम में परिवर्तित हो सकती है लेकिन तरंग की आवृति नियत बनी रही है इसे तरंगों का परावर्तन कहते है।
नोट: यदि दूसरा माध्यम अपारगम्य है तो तरंग पूर्णतया परावर्तित होती है।

डॉप्लर प्रभाव
जब किसी ध्वनि स्रोत और श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तो श्रोता को जो ध्वनि सुनाई पड़ती है उसकी आवृत्ति मूल आवृति से कम या अधिक होती है। इसी को डॉप्लर प्रभाव कहते हैं।
निम्नलिखित उदाहरण से डॉप्लर प्रभाव को अच्छी तरह से समझ सकते हैं:
जब कोई सीटी बजाती हुई तीव्रगामी रेलगाड़ी हमसे दूर जाती है, उस सीटी के तारत्व (अथवा आवृत्ति) में कमी होती जाती है। जब हम तीव्र गति से किसी ध्वनि-स्रोत के निकट जाते हैं, तब सुनाई देने वाली ध्वनि का तारत्व ध्वनि-स्रोत के वास्तविक तारत्व से अधिक प्रतीत होता है। इसके विपरीत जब कोई प्रेक्षक ध्वनि-स्रोत से दूर हटता जाता है, तो प्रेक्षित तारत्व ध्वनि-स्रोत के वास्तविक तारत्व से कम होता है।

कक्षा 11 भौतिकी पाठ 14 में डॉपलर प्रभाव

डॉपलर प्रभाव तरंग के स्रोत और प्रेक्षक की सापेक्ष गति के आधार पर तरंग की आवृत्ति में परिवर्तन है। यह प्रभाव, जिसे ध्वनि और विद्युत चुम्बकीय तरंगों में देखा जा सकता है, में रडार प्रौद्योगिकी और खगोल विज्ञान से जुड़े भौतिकी और इंजीनियरिंग में अनुप्रयोगों का एक व्यापक स्पेक्ट्रम है। तरंग व्यवहार और विविध क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों को समझने के लिए डॉपलर प्रभाव का ज्ञान आवश्यक है। इस तथ्य पर आधारित प्रश्न परीक्षा में अक्सर पूंछे जाते हैं।

कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 14 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

डॉप्लर प्रभाव की क्या उपयोगिता है?

गतिमान पिण्डों की आवृत्तियों में, डॉप्लर प्रभाव के कारण आने वाले अंतर का उपयोग, सेना, औषधि विज्ञान, खगोलिकी जैसे विविध क्षेत्रें में पिण्डों का वेग मापने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग पुलिस यह जाँचने के लिए भी करती है कि कोई गाड़ी गतिसीमा से अधिक गति से तो नहीं चलाई जा रही। ज्ञात आवृत्ति की ध्वनि या विद्युत चुंबकीय तरंगों को गतिमान पिण्ड की ओर भेजा जाता है। मॉनीटरिग स्टेशन पर, पिण्ड द्वारा परावर्तित तरंगें प्राप्त करके इनकी आवृत्ति ज्ञात की जाती है। इन दो आवृत्तियों का अंतर डॉप्लर विस्थापन कहलाता है।
हवाई अड्डों पर वायुयानों के मार्गदर्शन के लिए, सेना में शत्रु यानों के संसूचन के लिए इस विधि का उपयोग किया जाता है। खगोलविद तारों का वेग मापने के लिए इसका उपयोग करते हैं। डॉक्टर लोग हृदय स्पंदनों और शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त प्रवाह का अध्ययन करने के लिए इसका उपयोग करते हैं।

अवश्रव्य तरंगें किसे कहते हैं?

ध्वनि तरंगें जिनकी आवृत्ति 20 Hz से कम होती है, अवश्रव्य तरंग कहलाती है। इस प्रकार की तरंगो को बहुत बड़े आकर के स्रोत्रों से उत्पन्न किया जा सकता है। कुछ जानवर और पक्षी इन तरंगों को सुन सकते हैं।

तरंग वेग से क्या तात्पर्य है?

तरंग वेग प्रति इकाई समय में तरंग द्वारा तय की गई दूरी है। यह वह गति है जिससे कण का विक्षोभ जैसे शिखर/गर्त, संपीडन/विरलन माध्यम से फैलता है। तरंग के वेग की S.I. इकाई मीटर/सेकंड है।

तरंगों का महत्त्व

इस अध्याय में विद्यार्थी तरंगों की एक मौलिक समझ प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ डॉपलर प्रभाव को समझ सकते हैं तथा कई प्रकार की तरंगों और उनके गुणों के बारे में जान सकते हैं। गणितीय समीकरणों का उपयोग करके समस्याओं को हल करने की अपनी क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं। एनसीईआरटी कक्षा 11 में पाठ 14 का अध्ययन करके रोजमर्रा की स्थितियों में तरंगों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों को आसानी से समझ सकते हैं। भौतिक विज्ञान का अध्याय 14 तरंगें, सामान्य तौर पर, उन छात्रों के लिए मददगार है जो भौतिकी और इसके अनुप्रयोगों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।

एनसीईआरटी भौतिकी कक्षा 11 अध्याय 14 तरंग

यह अध्याय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रकाशिकी, बिजली और चुंबकत्व जैसे भौतिकी विषयों की एक श्रृंखला को समझने की नींव प्रदान करता है। यह डॉपलर प्रभाव पर चर्चा करता है, जो कि रडार प्रौद्योगिकी, खगोल विज्ञान और चिकित्सा इमेजिंग के लिए आवश्यक है। अध्याय 14 तरंगों के विभिन्न रूपों और उनकी विशेषताओं के बारे में विस्तार से समझाता है। यह विभिन्न संचार क्षेत्रों, चिकित्सा में इमेजिंग और भूकंप का पता लगाने जैसे क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाता है।

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