एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 3 समतल में गति

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 3 समतल में गति के सभी सवाल जवाब हिंदी माध्यम तथा अंग्रेजी मीडियम में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से मुफ्त प्राप्त करें। 11वीं कक्षा में भौतिक विज्ञान के पाठ 3 के अभ्यास के प्रश्नों के साथ साथ वस्तुनिष्ठ वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए हैं।

कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 3 के लिए एनसीईआरटी समाधान

समतल में गति

जब कोई पिण्ड ऐसे त्वरण के अन्तर्गत गति करता है, जिसमें त्वरण की दिशा पिण्ड के प्रारम्भिक वेग की दिशा से भिन्न हो, तो पिण्ड के वेग का परिमाण तथा दिशा दोनों ही साथ – साथ बदलते रहते हैं, जिसके कारण पिण्ड एक समतल वक्र में गति करता है पिण्ड की इस गति को ‘ समतल में गति कहते हैं।

कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 3 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

Q1

निम्नलिखित में कौन-सा कथन सत्य है?

[A]. अदिश राशि वह होती है जो किसी प्रक्रिया में संरक्षित रहती है।
[B]. अदिश राशि वह होती है जिसका मान कदापि ऋणात्मक नहीं हो सकता।
[C]. अदिश राशि वह होती है जिसका मान आकाश में एक बिदु से दूसरे बिदु पर नहीं बदलता।
[D]. अदिश राशि का मान अक्षों के विभिन्न विन्यासों में स्थित प्रेक्षकों के लिए समान होता है।
Q2

किसी सदिश r के x-अक्ष के अनुदिश घटक का मान अधिकतम होगा यदि

[A]. r धनात्मक x-अक्ष के अनुदिश है।
[B]. r धनात्मक x-अक्ष के अनुदिश है।
[C]. r, x-अक्ष से 45° का कोण बनाता है।
[D]. r ऋणात्मक x-अक्ष के अनुदिश है।
Q3

15° के कोण पर प्रक्षेपित किसी प्रक्षेप्य का क्षैतिज परास 50 m है। यदि इसे 45° के कोण पर प्रक्षेपित किया जाए तो इसका परास होगा:

[A]. 60 m
[B]. 71 m
[C]. 100 m
[D]. 141 m
Q4

राशियों दाब, शक्ति, ऊर्जा, आवेग, गुरुत्वीय विभव, विद्युत आवेश, ताप और क्षेत्रफल पर विचार कीजिए। इनमें केवल सदिश राशियाँ हैं:

[A]. आवेग, दाब और क्षेत्रफल
[B]. आवेग और क्षेत्रफल
[C]. क्षेत्रफल और गुरुत्वीय विभव
[D]. आवेग और दाब

अदिश राशि

एक अदिश राशि वह राशि है जिसमें मात्र परिमाण होता है । इसे केवल एक संख्या एवं उचित मात्रक द्वारा पूर्ण रूप से व्यक्त किया जा सकता है । इसके उदाहरण हैं: दो बिंदुओं के बीच की दूरी, किसी वस्तु की संहति (द्रव्यमान), किसी वस्तु का तापक्रम, तथा वह समय जिस पर कोई घटना घटती है । अदिशों के जोड़ में वही नियम लागू होते हैं जो सामान्यतया बीजगणित में। अदिशों को हम ठीक वैसे ही जोड़ सकते हैं, घटा सकते हैं, गुणा या भाग कर सकते हैं जैसा कि हम सामान्य संख्याओं के साथ करते हैं।

कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 3 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

किसी भवन की छत से कोई गेंद क्षैतिज से 45° के कोण पर ऊपर फेंकी जाती है। कुछ सेकंड के बाद यह धरती से टकराती है। अपनी गति के दौरान किस बिंदु पर गेंद (A) की चाल अधिकतम होगी, (B) की चाल न्यूनतम होगी, (C) का त्वरण अधिकतम होगा?

(A) भूतल से टकराने से ठीक पहले।
(B) अपनी गति के उच्चतम बिदु पर।
(C) a = g = नियतांक।

A, B एवं C तीन असंरेखी, असमतली सदिश हैं। A × (B × C) की दिशा के विषय में टिप्पणी कीजिए।

चूँकि B × C उस तल के लंबवत् है जिसमें B एवं C स्थित हैं। B × C के साथ किसी सदिश का वज्रीय गुणनफल B एवं C के तल में होगा।

वायु में प्रक्षेप्य की गति का अध्ययन करते समय हम गति पर वायु प्रतिरोध के प्रभाव की उपेक्षा कर देते हैं। इससे जैसा कि आपने अध्ययन किया है, हमें प्रतीत परवलयिक प्राप्त होता है। यदि हम वायु प्रतिरोध को सम्मिलित करें तो प्रक्षेप्य पथ कैसा प्रतीत होगा?

वायु प्रतिरोध के कारण कण की ऊर्जा तथा वेग का क्षैतिज अवयव कम होते जाते हैं जिससे ऊपर जाने के समय के ग्राफ की तुलना में नीचे आने के समय के ग्राफ की प्रवणता अधिक हो जाती है।

सदिश राशि और विस्थापन सदिश

एक सदिश राशि वह राशि है जिसमें परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं तथा वह योग संबंधी त्रिभुज के नियम अथवा समानान्तर चतुर्भुज के योग संबंधी नियम का पालन करती है। इस प्रकार, एक सदिश को उसके परिमाण की संख्या तथा दिशा द्वारा व्यक्त करते हैं। कुछ भौतिक राशियाँ जिन्हें सदिशों द्वारा व्यक्त करते हैं, वे हैं विस्थापन, वेग, त्वरण तथा बल।
विस्थापन सदिश: किन्हीं दो बिंदुओं के मध्य विस्थापन सदिश का परिमाण या तो गतिमान वस्तु की पथ-लंबाई से कम होता है या उसके बराबर होता है।
सदिशों की समता: दो सदिशों A तथा B को केवल तभी बराबर कहा जा सकता है जब उनके परिमाण बराबर हों तथा उनकी दिशा समान हो।

कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 3 एमसीक्यू के उत्तर

Q5

किसी द्विविमीय गति में तात्क्षणिक चाल v₀ एक धनात्मक नियतांक है। तब निम्नलिखित में कौन-सा कथन अनिवार्यतः सत्य है?

[A]. औसत वेग किसी भी समय शून्य नहीं होता।
[B]. औसत त्वरण सदैव शून्य होना चाहिए।
[C]. समान समय अंतराल में हुए विस्थापन समान होते हैं।
[D]. समान समय अंतरालों में समान पथ दूरियाँ तय की जाती हैं।
Q6

किसी द्विविमीय गति में तात्क्षणिक चाल v₀ कोई धनात्मक नियतांक है। निम्नलिखित में कौन-सा कथन अनिवार्यतः सत्य है?

[A]. कण का त्वरण शून्य है।
[B]. कण का त्वरण परिबद्ध है।
[C]. कण का त्वरण अनिवार्यतः गति के तल में है।
[D]. कण को एक समान वृत्तीय गति करनी चाहिए।
Q7

यह पाया गया है कि |A+B|=|A| तब इससे अनिवार्यतः यह ध्वनि होती है कि

[A]. B = 0
[B]. A, B प्रति समांतर हैं।
[C]. A, B लंबवत् हैं।
[D]. A.B ≤ 0
प्रारंभिक वेग के घटक

प्रक्षेप्य गति हवा में फेंकी गई (प्रक्षेपित) वस्तु की गति है। वस्तु को प्रक्षेपित करने वाले प्रारंभिक बल के बाद, यह केवल गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव करता है। वस्तु को प्रक्षेप्य कहा जाता है, और उसके पथ को प्रक्षेपवक्र कहा जाता है।
प्रारंम्भिक वेग v₀ के घटक निम्न प्रकार होंगे:
v₀ₓ = v₀ cos q₀
v₀ᵧ = v₀ sin q₀

एक समान वृत्तीय गति की परिभाषा

जब कोई वस्तु एकसमान चाल से एक वृत्ताकार पथ पर चलती है, तो वस्तु की गति को एकसमान वृत्तीय गति कहते हैं। शब्द ‘एक समान’ उस चाल के संदर्भ में प्रयुक्त हुआ है जो वस्तु की गति की अवधि में एकसमान (नियत) रहती है।

वृत्तीय गति में अभिकेंद्र त्वरण
किसी R त्रिज्या वाले वृत्तीय पथ के अनुदिश v चाल से गतिमान वस्तु के त्वरण का परिमाण v²/R होता है जिसकी दिशा सदैव वृत्त के केंद्र की ओर होती है। इसी कारण इस प्रकार के त्वरण को अभिकेंद्र त्वरण कहते हैं।
a = (v/R)v = v²/R

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