एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 10 द्रव्य के तापीय गुण
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 10 द्रव्य के तापीय गुण के सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ-साथ अभ्यास के प्रश्न उत्तर और अतिरिक्त प्रश्न यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 11 के विद्यार्थी भौतिक विज्ञान के पाठ 10 के सभी प्रश्नों के यहाँ दिए गए हल की मदद से आसानी से समझ सकते हैं।
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 10 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 10 द्रव्य के तापीय गुण के प्रश्नों के उत्तर
वस्तुओं की तापमान और ताप का मात्रक
ताप किसी वस्तु की वह भौतिक राशि होती है जिससे हमें यह पता चलता है कि वह वस्तु कितनी गर्म (अथवा कितनी ठण्डी) है। यदि छूने पर हमें कोई वस्तु A किसी अन्य वस्तु B की अपेक्षा अधिक गर्म लगती हैं, तब हम कहते हैं कि A का ताप B के ताप से ऊँचा है (अथवा B का ताप A के ताप से नीचा है)। ताप का SI मात्रक केल्विन (K) है तथा °C सामान्य उपयोग में आने वाला ताप का मात्रक है।
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 10 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
एक द्विधातुक पत्री अल्यूमिनियम एवं स्टील की बनी है। गरम करने पर यह पत्री
कोई एक समान धातु की छड़ अपने लंबवत् द्विभाजक के परितः एक समान कोणीय चाल से घूर्णन करती है। यदि इसका थोड़ा ताप बढ़ाने के लिए इसे एक समान तप्त करें तो इसकी
किसी अल्युमिनियम के गोले को जल में डुबोया गया है। निम्नलिखित में कौन-सा कथन सत्य है:
ताप में वृद्धि होने पर लोलक का आवर्त काल
तापमापी और ताप मापक्रम
तापमापी (थर्मामीटर) का उपयोग करके ताप की एक माप प्राप्त होती है। पदार्थों के बहुत से भौतिक गुणों में ताप के साथ पर्याप्त परिवर्तन होते हैं। ऐसे कुछ गुणों को तापमापी की रचना का आधार मानकर उपयोग किया जाता है। सामान्य उपयोग में आने वाला गुण ‘ताप के साथ किसी द्रव के आयतन में परिवर्तन’ होता है। उदाहरण के लिए, सामान्य काँच-में-द्रव प्रकार के तापमापियों में पारा, ऐल्कोहॉल आदि का उपयोग किया जाता है, जिनका एक बड़े परिसर में आयतन तापीय प्रसार रेखीय होता है।
तापमापियों का अंशांकन इस प्रकार किया जाता है कि किसी दिए गए ताप को कोई संख्यात्मक मान किसी उपयुक्त मापक्रम पर निर्धारित किया जा सके। फारेनहाइट ताप मापक्रम तथा सेल्सियस ताप मापक्रम, दो सुपरिचित ताप मापक्रम हैं। फारेनहाइट मापक्रम पर हिमांक तथा भाप-बिंदु के मान क्रमशः 32°F तथा 212°F हैं जबकि सेल्सियस मापक्रम पर इनके मान क्रमशः 0°C तथा 100°C हैं। फारेनहाइट मापक्रम पर दो संदर्भ बिंदुओं के बीच 180 समान अंतराल हैं तथा सेल्सियस मापक्रम पर ये अंतराल 100 हैं।
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 10 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
हमारे शरीर के ताप से उच्चतम समान ताप की धातु की छड़ लकड़ी की छड़ की अपेक्षा अधिक तप्त प्रतीत होती है? इसी प्रकार यदि ये दोनों हमारे शरीर के ताप से कम ताप पर हैं तो धातु की छड़ लकड़ी की छड़ की अपेक्षा शीतल प्रतीत होती है।
चालकता में अंतर के कारण, काष्ठ की तुलना में धातुओं की चालकता अधिक होती है। ऊँगली से स्पर्श करने पर आस-पास की ऊष्मा धातु में होकर तेजी से ऊँगली में पहुँचती है इसलिए धातु गर्म अनुभव होती है। इसी प्रकार जब व्यक्ति ठंडी धातु को छूता है तो ऊँगली से ऊष्मा धातु में होकर तेजी से वातावरण में जाती है इसलिए उसे धातु ठंडी लगती है।
आजकल लोग कॉपर की तली वाले स्टील के बर्तन उपयोग करते हैं। इसे एक समान तापन के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस तथ्य का, कि कॉपर अच्छा चालक है, उपयोग करके इस प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
क्योंकि ताँबे की चालकता स्टील की तुलना में अधिक होती है, ताँबे और स्टील की संधि तेजी से गर्म हो जाती है, परंतु उतनी ही तेजी से स्टील ऊष्मा का चालन नहीं कर पाता परिणामस्वरूप अंदर रखा भोजन एक समान रूप से ऊष्मा प्राप्त करता है।
एक दिन प्रातः रमेश ने गीजर के गर्म पानी से 1/3 बाल्टी भरी 2/3 बाल्टी को ठंडे जल (कक्ष ताप पर) द्वारा मिश्रण को आरामदायक ताप पर लाने के लिए भरा जाना था। अचानक रमेश को कोई कार्य करना है जिसमें नहाने से पूर्व 5-10 मिनट का समय लगेगा। अब उसके पास दो विकल्प हैंः (i) बाल्टी के शेष भाग को पूरा भरने के पश्चात् काम पर जाए (ii) पहले काम करे और फिर नहाने से तुरंत पहले शेष बाल्टी को भरे। आपके विचार से किस विकल्प से जल अधिक ऊष्ण रहेगा? स्पष्ट कीजिए।
पहले विकल्प के अनुसरण के जल अधिक गर्म रहेगा, क्योंकि न्यूटन के शीतलन नियम के अनुसार, ऊष्मा हानि की दर पिंड के ताप तथा वातावरण के ताप के अंतर के समानुपाती होती है और पहले विकल्प में तापांतर कम है इसलिए हानि की दर कम रहती है।
ऊष्मा और ऊष्मा ऊर्जा का परिचय और मात्रक
ऊष्मा ऊर्जा का एक रूप है जिसका स्थानांतरण दो (अथवा अधिक) निकायों के बीच अथवा किसी निकाय तथा उसके परिवेश के बीच ताप में अंतर के कारण होता है। स्थानांतरित ऊष्मा ऊर्जा के SI मात्रक को जूल (J) में व्यक्त किया जाता है।
परम ताप या परम शून्य ताप
परम ताप या परम शून्य ताप न्यूनतम सम्भव ताप है तथा इससे कम कोई ताप संभव नहीं है। इस ताप पर पदार्थ के अणुओं की गति शून्य हो जाती है। इसका मान -273.15°C या 0 K होता हैं। क्वाण्टम यांत्रिकी की भाषा में कहें तो परम शून्य ताप पर पदार्थ अपने ‘ग्राउण्ड स्टेट’ में होता है जो न्यूनतम ऊर्जा का स्रोत है।
केल्विन तथा सेल्सियस मापक्रमों के लिए मात्रक की आमाप अंश समान होते हैं, अतः इन मापक्रमों के तापों में संबंध इस प्रकार है: T = tc + 273.15
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 10 एमसीक्यू के उत्तर
ऊष्मा संबद्ध होती है
समान द्रव्यमान तथा समान पदार्थ के बने एक गोले, एक घन एवं एक वृत्ताकार प्लेट को समान उच्च ताप तक आरंभ में तप्त किया गया है
गुलाब जामुन (गोल मानकर) किसी भट्टी पर तप्त किए जाते हैं। ये दो साइजों में उपलब्ध हैं। एक दूसरे से दोगुना (त्रिज्या में) बड़ा है। पिज्जा (डिस्क मानकर) को भी भट्टी पर तप्त किया जाता है। ये भी दो साइजों में हैं। एक दूसरे से दोगुना (त्रिज्या में) बड़ा है। चारों को एक साथ भट्टी के ताप पर तप्त किया जाता है। निम्नलिखित में से सही विकल्प का चयन कीजिए
तप्त दूध से पूर्णतः भरे गिलास को मेज पर उड़ेला गया है। यह धीरे-धीरे शीतल होना आरंभ कर देता है। निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प सही नहीं है:
तापीय प्रसार एवं रैखिक प्रसार के बारे में जानकारी
किसी वस्तु के ताप में वृद्धि होने पर उसकी विमाओं में वृद्धि होने को तापीय प्रसार कहते हैं। लंबाई में प्रसार को रैखिक प्रसार कहते हैं। क्षेत्रफल में प्रसार को क्षेत्र प्रसार कहते हैं। आयतन में प्रसार को आयतन प्रसार कहते हैं।
यदि पदार्थ किसी लंबी छड़ के रूप में है, तो ताप में अल्प परिवर्तन, ∆T के लिए लंबाई में भिन्नात्मक परिवर्तन, ∆l/l के अनुक्रमानुपाती होता है।
∆l/l = α_l ∆T
जहाँ α_l को रैखिक प्रसार गुणांक (अथवा रैखिक प्रसारता) कहते हैं तथा यह छड़ के पदार्थ का अभिलक्षण होता है।
विशिष्ट उष्मा धारिता
किसी पदार्थ की इकाई मात्रा का ताप एक डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये आवश्यक उष्मा की मात्रा को उस पदार्थ का विशिष्ट उष्मा धारिता या केवल विशिष्ट उष्मा कहा जाता है। इससे स्पष्ट है कि जिस पदार्थ की विशिष्ट उष्मा अधिक होगी उसे गर्म करने के लिये अधिक उष्मा की आवश्यकता होगी।
गुप्त उष्मा और फेज परिवर्तन से संबंधित विवरण
किसी पदार्थ की गुप्त उष्मा उष्मा की वह मात्रा है जो उसके इकाई मात्रा द्वारा अवस्था परिवर्तन के समय अवषोषित की जाती है या मुक्त की जाती है। इसके अलावा पदार्थ जब अपनी कला (फेज) बदलते हैं तब भी गुप्त उष्मा के बराबर उष्मा का अदान/प्रदान करना पड़ता है।
उदाहरण:
किसी बर्फ के टुकड़े को एक बर्तन में गर्म किया जाय तो धीरे-धीरे करके पिघलता है। पूरे ठोस के द्रव बन जाने तक उसका तापमान बढ़ता नहीं, स्थिर 0 डिग्री सेल्सियस ही रहता है।