एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 13 दोलन

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 13 दोलन के प्रश्न उत्तर अभ्यास के तथा अतिरिक्त प्रश्नों के हल हिंदी और अंग्रेजी मीडियम सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 13 के हल सीबीएसई के साथ-साथ राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए भी बहुत लाभकारी हैं।

कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 13 के लिए एनसीईआरटी समाधान

कंपन गति या दोलन गति

यदि कोई पिंड आवर्त गति करते हुए एक निश्चित पथ पर किसी निश्चित बिंदु के सापेक्ष इधर-उधर गति करता है। तो इस प्रकार की गति को कंपन गति या दोलन गति कहते हैं।
उदाहरण:
(i) दीवाल घड़ी का पेंडुलम
(ii) झूला झूलती हुए लड़की

कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 13 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

Q1

चार कणों के त्वरण एवं विस्थापन के बीच संबंध नीचे दिए गए हैं, इनमें किस कण की गति सरल आवर्त गति है:

[A]. aₓ = + 2x
[B]. aₓ = + 2x²
[C]. aₓ = – 2x²
[D]. aₓ = – 2x
Q2

किसी U-आकृति की नलिका में द्रव-स्तंभ की दोलन गति

[A]. आवर्ती गति है परंतु सरल आवर्त गति नहीं है।
[B]. अनावर्ती गति है।
[C]. सरल गति होती है जिसका आवर्त-काल द्रव के घनत्व पर निर्भर नहीं करता।
[D]. सरल आवर्त गति होती है जिसका आवर्त-काल द्रव के घनत्व के अनुक्रमानुपाती होता है।
Q3

एक कण पर एक साथ दो परस्पर लंबवत् सरल आवर्त गतियाँ x = a cos 𝛚t एवं y = a sin 𝛚t आरोपित हैं। इस कण की गति का पथ

[A]. एक दीर्घवृत्त होगा।
[B]. एक परवलय होगा।
[C]. एक वृत होगा।
[D]. एक सरल रेखा होगी।
Q4

एक कण का समय के साथ विस्थापन-परिवर्तन निम्न संबंध के द्वारा व्यक्त होता है- y = a sin 𝛚t + b cos 𝛚t

[A]. गति दोलनी है परंतु सरल आवर्त गति नहीं है।
[B]. गति (a + b) आयाम की सरल आवर्त गति है।
[C]. गति (a² + b²) आयाम की सरल आवर्त गति है।
[D]. गति √(a² + b²) आयाम की सरल आवर्त गति है।

आवर्ती गति

कोई गति जो निश्चित अंतराल के बाद पुनरावृत्ति करती है आवर्ती गति कहलाती है।
सरल आवर्त गति
यदि कोई वस्तु एक सरल रेखा पर मध्यमान स्थिति के इधर-उधर इस प्रकार की गति करे कि वस्तु का त्वरण मध्यमान स्थिति से वस्तु के विस्थापन के अनुक्रमानुपाती हो तथा त्वरण की दिशा मध्यमान स्थिति की ओर हो, तो वस्तु की गति सरल आवर्त कहलाती है। उदाहरण: सूर्य के चारों ओर और अपनी धुरी दोनों पर पृथ्वी की गति, पेंडुलम की गति आदि।

कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 13 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

सरल आवर्त गति के दो आधारभूत अभिलक्षण क्या हैं?

(A) त्वरण विस्थापन के अनुक्रमानुपाती होता है।
(B) त्वरण की दिशा विस्थापन की दिशा के विपरीत होती है।

एक सरल लोलक की गति सरल आवर्त कब होती है?

एक सरल लोलक की गति सरल आवर्त होगी जब लोलक के गोलक को माध्य स्थिति से इतना विस्थापित किया जाए कि sinθ ≅ θ के बराबर हो जाय।

एक सेकंड लोलक की लंबाई पृथ्वी पर 1 m है। चंद्रमा पर सेकंड-लोलक की लंबाई कितनी होगी?

चंद्रमा पर सेकंड-लोलक की लंबाई, lₘ = (1/6)lₑ = 1/6 m
अर्थात चंद्रमा पर सेकंड-लोलक की लंबाई पृथ्वी की तुलना में 1/6 होगी।

आवर्ती

कोई गति जिसकी किसी नियमित समय अंतराल पर स्वयं पुनरावृत्ति होती है आवर्ती गति कहलाती है।
v = 1/T जहाँ, v वस्तु की आवृति है तथा T उसका आवर्तकाल है।
आवर्तकाल
वह न्यूनतम समय अंतराल जिसके पश्चात् गति की पुनरावृत्ति होती है, इसका आवर्तकाल कहलाता है।

कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 13 एमसीक्यू के उत्तर
Q5

एक कण की गति का समीकरण x = a cos (αt)² है। इसकी गति:

[A]. आवर्ती है परंतु दोलनी नहीं है।
[B]. आवर्ती भी है और दोलनी भी।
[C]. दोलनी है परंतु आवर्ती है नहीं।
[D]. न तो आवर्ती है न ही दोलनी।
Q6

सरल आवर्त गति करते हुए कण की अधिकतम चाल 30 cm s⁻¹ तथा अधिकतम त्वरण 60 cm s⁻² है। इसका आवर्त-काल है:

[A]. πs
[B]. (π/2)s
[C]. 2πs
[D]. (π/t)s
Q7

पृथ्वी की इसके अक्ष के परितः गति

[A]. आवर्ती गति नहीं होती है।
[B]. सरल आवर्त गति होती है।
[C]. आवर्ती होती है परंतु सरल आवर्त गति नहीं होती है।
[D]. अनावर्ती गति होती है।
Q8

किसी घर्षण रहित वक्रित प्याली के अंदर जब किसी बॉलवियरिंग को इसके निम्नतम बिंदु के जरा ऊपर से छोड़ा जाता है तो इसकी गति

[A]. सरल आवर्त गति होती है।
[B]. अनावर्ती गति होती है।
[C]. आवर्ती गति नहीं होती है।
[D]. आवर्ती तो होती है परंतु सरल आवर्त गति नहीं होती।
विस्थापन एवं उसकी परिभाषा

जब कोई वस्तु एक बिन्दु P से दूसरे बिन्दु Q तक किसी भी पथ से होते हुए गति करती है तो इस विस्थापन का परिमाण उन दो बिन्दुओं के मध्य की निम्नतम दूरी होगी तथा विस्थापन की दिशा, रेखा PQ की दिशा में (P से Q की तरफ) होगी। विस्थापन को s से दर्शाते हैं। विस्थापन एक सदिश राशि है।

सरल आवर्त गति में प्रत्यानयन बल का नियम

सरल आवर्त गति में पिंड पर लगने वाला प्रत्यानयन बल प्रत्येक स्थिति में पिंड के विस्थापन के अनुक्रमानुपाती होता है। जहां k एक नियतांक है जिसे बल नियतांक कहते हैं ऋणात्मक चिन्ह से पता चलता है कि बल की दिशा सदैव विस्थापन के विपरीत होती है।
F(t) = -k x(t)
नोट: त्वरण की तरह, बल हमेशा माध्य स्थिति की ओर निर्दिष्ट रहता है – इसलिए यह सरल आवर्त गति में प्रत्यानयन बल कहलाता है।

सरल लोलक की परिभाषा और उदाहरण

जब एक द्रव्यमान रहित और पूर्ण प्रत्यास्थ डोरी, जिसका एक सिरा दृढ आधार से बंधा हो और दूसरे सिरे पर यदि एक बिंदु द्रव्यमान को लटका दिया जाए तो इस प्रकार की व्यवस्था को सरल लोलक कहते है।

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