एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 6 तीन वर्ग

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 6 तीन वर्ग पुस्तक विश्व इतिहास के कुछ विषय के सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी में सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 11 इतिहास पाठ 6 कके प्रश्नों के उत्तर विस्तार से यहाँ दिए गए हैं जिसमें विद्यार्थी लगभग 1300 से 1700 ईसवी तक के बारे में अध्ययन करेंगे।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 6

फ्रांस के प्रारंभिक सामंती के दो लक्षणों का वर्णन कीजिए।

फ्रांस के प्रारंभिक सामंती के दो लक्षण निम्नलिखित हैं:

    • फ्रांस में सामंतवाद था। कृषक अपने खेतों के साथ-साथ सामंत के खेतों पर कार्य करते थे। कृषक लॉर्ड को श्रम सेवा प्रदान करते थे और बदले में वे उन्हें सैनिक सुरक्षा देते थे। फ्रांसीसी समाज मुख्य रूप से तीन वर्गों में विभाजित था- पादरी, अभिजात वर्ग, कृषक वर्ग।
    • सामंत तथा राजओं के अच्छे संबंध होते थे। सामंतों की कई श्रेणियाँ थीं जैसे- ड्यक या अर्ल, बैरन तथा नाइट्स।

जनसंख्या के स्तर में होने वाले लंबी- अवधि के परिवर्तनों ने किस प्रकार की यूरोप की अर्थव्यवस्था और समाज को प्रभावित किया?

कृषि में विस्तार के साथ ही उससे संबद्ध तीन क्षेत्रों- जनसंख्या, व्यापार तथा नगरों का विस्तार हुआ। यूरोप की तत्कालीन जनसंख्या जो 1000 ई. में लगभग 420 लाख थी, 1200 ई. में बढ़कर 620 लाख तथा 1300 ई. में बढ़कर 730 लाख हो गई। अच्छी किस्म के आहार की वजह से लोगों की जीवन अवधि बढ़ गई। तेरहवीं सदी तक एक औसत यूरोपीय आठवीं सदी की अपेक्षा दस वर्ष अधिक जीवन जी सकता था। पुरूषों की अपेक्षा स्त्रियों तथा बालिकाओं की जीवन अवधि कम होती थी क्योंकि पुरूष को बेहतर भोजन मिलता था। 11वीं कृषि का विस्तार हुआ तथा वह अधिक जनसंख्या का भार सहने में सक्षम हुई तो नगरों की संख्या में फि़र से वृद्धि होने लगी। नगरों में लोग, सेवा के बजाय लार्डो को, जिनकी भूमि पर वे बसे थे, उन्हें कर देने लगे। नगरों ने कृषक परिवारों के जवान सदस्यों को वैतनिक कार्य तथा लार्ड के नियंत्रण से मुक्ति की अधिक संभावनाएँ प्रदान की।

13वीं शताब्दी के अंत तक पिछले 300 वर्षों में उत्तरी यूरोप में तेज़ ग्रीष्म ऋतु का स्थान तीव्र शीत ऋतु ने ले लिया। फ़लस्वरूप पैदावार की अवधि कम हो गयी तथा ऊँची भूमि पर फ़सल उगाना कठिन हो गया। ऑस्ट्रिया तथा सर्बिया की चाँदी की खानों के उत्पादन में कमी के कारण धातु में कमी आई तथा इससे व्यापार प्रभावित हुआ। इसके अतिरिक्त, 1347 तथा 1350 के मध्य लोग प्लेग जैसी महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए। आधुनिक आकलन के आधार पर यूरोप की आबादी का करीब 20 प्रतिशत भाग इस दौरान काल-कवलित हो गया जबकि कुछ स्थानों पर मरने वालों की संख्या वहाँ की जनसंख्या के 40 प्रतिशत तक थी। इस प्रकार जनसंख्या में परिवर्तनों के परिणामस्वरूप यूरोप की अर्थव्यवस्था तथा समकालीन समाज प्रभावित हुआ।

नाइट एक अलग वर्ग क्यों बने और उनका पतन कब हुआ?

9वीं सदी से, यूरोप में स्थानीय युद्ध सामान्यतः होते रहते थे। शौकिया कृषक-सैनिक पर्याप्त नहीं थे तथा कुशल अश्वसेना की आवश्यकता थी। इसने एक नए वर्ग को बढ़ावा दिया जो नाइट्स कहलाते थे। वे लॉर्ड से उसी प्रकार सम्बद्ध थे जिस प्रकार लॉर्ड राजा से सम्बद्ध था। लॉर्ड ने नाइट को भूमि का एक भाग (जिसे फ़ीफ़ कहा गया) दिया तथा उसकी रक्षा करने का वचन दिया। फ़ीफ़ को उत्तराधिकार में पाया जा सकता था। यह 1000- 2000 एकड़ या उससे अधिक में फ़ैली हुई हेा सकती थी जिसमें नाइट तथा उसके परिवार के लिए एक पनचक्की व मदिरा संपीडक के अतिरिक्त, उसके व उसके परिवार के लिए घर, चर्च तथा उस पर निर्भर व्यक्तियों के रहने की व्यवस्था सम्मिलित थी। सामंती मेनर की तरह, फ़ीफ़ की भूमि को कृषक जोतते थे। बदले में, नाइट अपने लॉर्ड को एक निश्चित रकम देता था तथा युद्ध में उसकी तरफ़ से लड़ने का वचन देता था।

अपनी सैन्य योग्यताओं को बनाए रखने के लिए, नाइट प्रतिदिन अपना समय बाड़ बनाने या घेराबंदी करने एवं पुतलों से रणकौशल तथा अपने बचाव का अभ्यास करने में निकालते थे। नाइट अपनी सेवाएँ अन्य लॉर्डों को भी दे सकता था पर उसकी सर्वप्रथम निष्ठा अपने लॉर्ड के लिए ही होती थी। बारहवीं सदी से गायक फ्रांस के मेनरों में वीर राजाओं तथा नाइट्स की वीरता की कहानियाँ, गीतों के रूप में सुनाते हुए घूमते रहते थे जो अंशतः ऐतिहासिक और अंशतःकाल्पनिक होती थी। उस काल में जब बहुत ज्यादा संख्या में पढ़े-लिखे लोग नहीं थे तथा पांडुलिपियाँ भी अधिक नहीं थी, घुमक्कड़ चारण बहुत लोकप्रिय थे। अनेक मेनर भवनों के मुख्य कक्ष के ऊपर एक संकरा छज्जा होता था जहाँ मेनर के लोग भोजन के लिए एक होते थे। यह एक गायक दीर्घा होती थी जो कि संगीतज्ञों द्वारा अभिजात वर्ग के लोगों का भोजन करते समय मनोरंजन करने के लिए बनी थी।

मध्यकालीन मठों का क्या कार्य था?

मध्यकालीन मठों का कार्य:

    1. मठों का मुख्य कार्य धार्मिक प्रचार- प्रसार करना था।
    2. मठों ने कला के विकास में भी योगदान दिया।
    3. मध्यकाल में चर्च के अतिरिक्त धार्मिक गतिविधियों का केंद्र मठ भी थे। मठ आबादी से दूर स्थापित थे। मठों में भिक्षु रहा करते थे।
    4. वे प्रार्थना करते, अध्ययन करते तथा कृषि का भी कुछ कार्य करते रहते थे।
    5. चौदहवीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों तक मठवाद के महत्त्व, उद्देश्यों के बारे में कुछ शंकाएँ व्यक्त की जाने लगी। मठों के भिक्षुओं का मुख्य कार्य ईश्वर की आराधना करना और जनसाधारण की चर्च की सिद्धांतों के विषय में समझना था। वे जनसामान्य के नैतिक जीवन को ऊँचा उठाने का कार्य करते थे।
मध्यकालीन फ्रांस के नगर में एक शिल्पकार के एक दिन के जीवन की कल्पना कीजिए और इसका वर्णन कीजिए।

मध्यकालीन फ्रांस के नगर में एक शिल्पकार के एक दिन का जीवन मध्यकालीन फ्रांस में शिल्प का विकास हो गया तथा मूर्तिकार, कसीदाकारी करने वाले, पत्थर पर डिज़ाइन बनाने वाले कहीं भी देखे जा सकते थे। पत्थर पर काम करने वाले शिल्पकार की ही कल्पना करते हैं। वह पत्थर को अपने सामने लाता है। उसको इधार- उधार देखकर उचित तरीके से रखता है। पुनः वह अपने औज़ार का बक्स खोलता है। वह एक- एक करके उन्हें निकालता जाता है तथा साफ़ करता है।

पत्थर को तोड़ने के लिए हाथ में हथौड़ी लेता है। उसे ढोकता है तथा उसके हत्थे को ठीक करता है। इसके बाद छेनी को पत्थर पर घिसकर तेज़ करता है। पत्थर पर डिज़ाइन साँचे की मदद से चाक से बना लेता है। फि़र पिचकारी के कार्य में जुट जाता है हथौड़ी से छेनी को कभी धीमे कभी तेज़ मारता है। बीच-बीच में मनोरंजन के लिए गाना गुनगुनाता रहता है या सिगार पी लेता है। शाम होते-होते भी शिल्पकार पत्थर के एक छोटे भाग को खूबसूरत डिज़ाइन का रूप दे देता है। इसके पस्चात वह काम बंद करके सामान को सही जगह रखकर प्रसन्न होकर चला जाता है।

फ्रांस के सर्फ़ और रोम के दास के जीवन की दशा की तुलना कीजिए।

फ्रांस के सर्फ़ और रोम के दास के जीवन की दशा की तुलना:

    • सर्फ़ सामान्यतः अपने परिवार के लॉर्ड के यहाँ कार्य करते थे। रोम के दासों के साथ ऐसा नहीं था। उन्हें अन्य स्थानों पर भी काम करना पड़ता था।
    • फ्रांस के सर्फ या कृषि दास को अपने लॉर्ड की जागीर का काम करना होता था। काम करने के दिन निश्चित होते थे। रोम का दास ज़्यादा त्रस्त था। उससे कभी भी कोई-सा भी काम कराया जाता था।
    • सर्फ के पास गुज़ारे के लिए लॉर्ड का एक भूखंड होता था। रोम के दास के पास इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं थी।
    • रोम का दास खरीदा या बेचा जा सकता था परंतु सर्फ़ के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता था।
    • सर्फ़ लॉर्ड की अनुमति से विवाह कर सकता था परंतु रोम के दास को विवाह की अनुमति नहीं थी।
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