एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 1 समय की शुरुआत से

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 1 समय की शुरुआत से पुस्तक विश्व इतिहास के कुछ विषय के सवाल जवाब हिंदी में सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 11 इतिहास पाठ 1 में 6 लाख वर्ष पूर्व से 1 ईसवी पूर्व तक की घटनाओं का उल्लेख किया गया है, जिसे विस्तार से समाधान में समझाया गया है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 1

पृष्ट 13 पर दिए गए सकारात्मक प्रतिपुष्टि व्यवस्था को दर्शाने वाले आरेख में उन निवेशों की सूची दे सकते है, जो औज़ारों के निर्माण में सहायक हुए? औज़ारों के निर्माण से किन-किन प्रतिक्रियाओं को बल दिया गया है?

सकारात्मक प्रतिपुष्टि व्यवस्था
(i) किसी बॉक्स विशेष की ओर चिह्नित तीर के निशान उन प्रभावों को बताते हैं जिनके कारण से कोई विशेषता विकसित हुई।
(ii) बॉक्स से दूर चिह्नित करने वाले तीर के निशान यह बताते हैं कि बॉक्स में बताए गए विकास-क्रम ने अन्य प्रक्रियाओं को कैसे प्रभावित किया।
(iii) प्रारंभिक मानव की प्रजाति को उनकी खोपड़ी के आकार व जबड़े की विशिष्टता के आधार पर विभाजित किया गया है। ये विशेषताएँ सकारात्मक प्रतिपुष्टि व्यवस्था अर्थात् वांछित परिणाम प्राप्त होने से विकसित हुई होगी। औज़ारों के निर्माण में निम्न महत्वपूर्ण बिन्दू प्रदर्शित किए गए हैं:

    • औज़ारों के उपयोग के लिए हाथों का स्वतंत्र होना।
    • मस्तिष्क के आकर व उसकी क्षमता में वृद्धि।
    • आँखों से निगरानी, भोजन तथा शिकार की तलाश में लम्बी दूरी तक भ्रमण करना।
    • सीधे खड़े होकर चलना।

औज़ार के निर्माण से निम्न प्रतिक्रियाओं को बल मिला

    1. निवास स्थल बनाने में औज़ारों की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
    2. औज़ारों के निर्माण के साथ-साथ आदिमानव का पहनावा विकसित हुआ तथा जानवरों की खाल पहनने लगा। सुई का अविष्कार हुआ।
    3. औज़ारों की सहायता से मनुष्य ने मिट्टी के बर्तन बनाना सीख लिया।
    4. औज़ारों के निर्माण ने मनुष्य के रहन-सहन तथा खान-पान के तरीकों को भी परिवर्तित किया।
    5. औज़ारों के निर्माण से खेती करने की तथा शिकार करने में सुविधा प्राप्त हुई।
    6. आदिमानव औज़ारों की सहायता से भयानक जंगली जानवरों से अपनी रक्षा में समर्थ हो गया।

मानव और लंगूर तथा वानरों जैसे स्तनपायियों के व्यवहार तथा शारीरिक रचना में कुछ समानताएँ पाई जाती है। इससे यह संकेत मिलता है कि संभवतः मानव का क्रमिक विकास वानरों से हुआ। (क) व्यवहार और (ख) शरीर रचना शीर्षकों के अंतर्गत दो अलग-अलग स्तंभ बनाइए और उन समानताओं की सूची दीजिए। दोनों के बीच पाए जाने वाले उन अंतरों का भी उल्लेख कीजिए जिन्हें आप महत्त्वपूर्ण समझते है?

मानव और लंगूर तथा वानरों जैसे स्तनपायियों के व्यवहार तथा शरीर रचना में कुछ समानताएँ पाई जाती है। इससे यह संकेत मिलता है कि संभवतः मानव का क्रमिक विकास वानरों से हुआ। इसमें निम्नलिखित विशेषताएँ पाई जाती है:
व्यवहार
होमिनिड वर्ग होमिनॉइड उपसमूह से विकसित हुए हैं। इनमें परस्पर समानताएँ होते हुए भी काफ़ी अंतर पाए जाते हैं।

    • वानर अर्थात् एप होमिनॉइड उपसमूह से विकसित हुए हैं।
    • होमिनॉइड का मस्तिष्क होमिनिड की तुलना में छोटा था। वे चारों पैरों के बल चलते थे।
    • उनके शरीर का अग्रभाग व अगले दोनों पैर लचकदार होते थे। होमिनिड सीधे खड़े होकर दोनों पैरों पर चलते थे।
    • होमिनिड के हाथों की बनावट विशेष प्रकार की थी जिससे वे औजार बना तथा प्रयोग कर सकते थे।

शरीर

    1. मानव के आद्य रूप में वानर के अनेक लक्षण बरकरार हैं, जैसे- होमो की तुलना में मस्तिष्क को अपेक्षाकृत छोटा होना, पिछले दाँत बड़े होना तथा हाथों की विशेष दक्षता वे सीधे खड़े होकर चलने की क्षमता ज्यादा न थी, क्योंकि वह अपना अधिकांश समय पेड़ों पर गुज़ारता था।
    2. मानव के प्रारंभिक स्वरूपों में उसके लक्षण आज भी शेष हैं।
    3. पेड़ों पर जीवन बिताने के कारण उसमें अनेक विशेषताएँ आज भी मौजूद हैं, जैसे- आगे के अंगों का लम्बा होना, हाथ तथा पैरों की हड्डियों का मुड़ा होना तथा टखने के जोड़ों का घुमावदार होना।
    4. वानर, लंगूर तथा मानव आदि प्राइमेट उपसमहू के अंतर्गत आते हैं।
    5. प्रारंभिक मानव की प्रजाति को उसकी खोपड़ी के आकार तथा जबड़े की विशिष्टता के आधार पर विभाजित किया गया है।

व्यवहार में समानताएँ

    • मानव तथा वानर दोनों ही अपने पिछले पैरों पर खड़े हो सकते हैं।
    • अपने शरीर को परिस्थिति के अनुकूल बनाने में समर्थ होते हैं।
    • मानव तथा वानर दोनों ही अपने बच्चों को उठाकर चलते हैं।
    • दूसरे जीवों की अपेक्षा समझने की शक्ति अधिक होती है।
    • तीनों ही प्रजनन द्वारा संतान को जन्म देते हैं।

शारीरिक समानताएँ

    1. तीनों में स्तनपायी ग्रंथियाँ पाई जाती हैं।
    2. तीनों के शरीर पर बाल पाए जाते हैं।
    3. दोनों ही प्राइमेट उपसमूह के जीव हैं।
    4. मादाओं में बच्चे को दूध पिलाने के लिए स्तन ग्रंथियाँ होती हैं।
    5. बच्चे पैदा होने से पहले अपेक्षाकृत लंबे समय तक माता के पेट में पलते हैं।
    6. इन प्राणियों के दाँतों की बनावट अलग होती है।

मानव तथा वानर के बीच पाए जाने वाले अंतर

    • मानव दो पैरों पर चलता है जबकि वानर चार पैरों से चलता है।
    • मानव का मस्तिष्क आकार में बड़ा होता है जबकि वानरों का जबड़ा काफ़ी लम्बा होता है।
    • मनुष्य में समझने की शक्ति अधिक होती है इसके विपरीत वानरों में अपेक्षाकृत समझने की शक्ति कम होती है।
मानव उद्भव के क्षेत्रीय निरंतरता मॉडल के पक्ष में दिए गए तर्कों पर चर्चा कीजिए। क्या आपके विचार से यह मॉडल पुरातात्त्विक साक्ष्य का युक्तियुक्त स्पष्टीकरण देता है?

आधुनिक मानव का उद्भव कहाँ हुआ? इस प्रश्न पर बहुत वाद-विवाद हुआ है, तथा इस विषय पर दो मत प्रचलित हैं जो एक-दूसरे से विपरीत हैं। इनमें से पहला मत क्षेत्रीय निरंतरता मॉडल को मानता है तथा दूसरा मत प्रतिस्थापन मॉडल को मानता है।
क्षेत्रीय निरतंरता मॉडल
क्षेत्रीय निरंतरता मॉडल के अनुसार मनुष्य की उत्पत्ति भिन्न-भिन्न स्थानों पर हुई है। विभिन्न प्रदेशों में रहने वाले होमोसेपियंस का आधुनिक मानव के रूप में विकास धीरे-धीरे अलग-अलग गति से हुआ तथा इसलिए आधुनिक मानव दुनिया के अलग-अलग भागों में पहली बार भिन्न-भिन्न स्वरूप में दिखाई दिया। यह तर्क आज के मनुष्यों के लक्षणों की विभिन्नताओं पर आधारित है। इस दृष्टिकोण के समर्थन में बोलने वालों के अनुसार ये उपर्युक्त असमानताएँ एक ही क्षेत्र में पहले से रहते आए होमो एरेक्टस तथा होमो हाइडलबर्गेंसिस समुदायों में पाई जाने वाली भिन्नताओं के कारण हैं।

प्रतिस्थापन मॉडल
प्रतिस्थापन मॉडल में यह कल्पना की गई है कि मानव के सभी पुराने रूप, चाहे वे कहीं भी थे, बदल गए तथा उनका स्थान पूरी तरह आधुनिक मानव ने ले लिया। इस विचारधारा का समर्थन इस प्रमाण से होता है कि आधुनिक मानव में सर्वत्र शारीरिक तथा जननिक अर्थात् उत्पत्ति-मूलक समरूपता पाई जाती है। ऐसे लोग यह तर्क देते हैं कि इनमें अत्यधिक समानता इसलिए पाई जाती है कि उनके पूर्वज एक ही क्षेत्र अर्थात् अफ्रीका में उत्पन्न हुए थे तथा वहीं से अन्य स्थानों को गए। विद्वानों का यह तर्क है कि आज के मनुष्यों के लक्षण अलग-अलग हैं क्योंकि उनके बीच क्षेत्रीय अंतर विद्यमान है। उपर्युक्त विभिन्नताओं के कारण एक ही क्षेत्र में पहले से रहने वाले एरेक्टस तथा होमो हाइडलबर्गेसिस समुदायों में पाए जाने वाले अंतर आज भी विद्यमान हैं।

अध्याय के अंत में दिए गए प्रत्येक कालानुक्रम में से किन्हीं दो घटनाओं को चुनिए और यह बताइये कि इनका क्या महत्त्व है?

(i) होमिनॉइड तथा होमोनिड शाखा विभाजन (64 लाख वर्ष पूर्व) – लगभग 64 लाख वर्ष पूर्व होमिनॉइड उपसमूह में ‘होमिनिइड’ वर्ग का विकास हुआ। यह प्राणियों का पहले से अधिक विकसित रूप था। इनके मस्तिष्क का आकार होमिनॉइड से बड़ा था। होमिनॉइड चार पैरों के बल चलते थे। होमिनिड सीधो खड़े होकर दो पैरों के बल चलते थे। होमिनिड के हाथ भी विशेष प्रकार के थे। इनकी सहायता से वे औज़ार बना सकते थे तथा उनका प्रयोग कर सकते थे।
(ii) होमो शब्द लैटिन भाषा का है। इसका अर्थ है – मानव। होमो के अंतर्गत स्त्री तथा पुरूष दोनों आते हैं। वैज्ञानिकों ने होमो की अनेक प्रजातियों को उनकी विशिष्टताओं के आधार पर विभाजित किया है, जो निम्नलिखित हैं:

    • होमो हैबिलिस: औज़ार बनाने वाला मानव।
    • होमो एरेक्टस: सीधे खड़े होकर चलने वाला मानव।
    • होमो सेपियंस: चिंतनजील तथा आधुनिक मानव।

कालानुक्रम दो में से दो घटनाओं का वर्णन इस प्रकार है:

    1. दफ़नाने की प्रथा का प्रथम साक्ष्य हमें 3 लाख वर्ष पूर्व प्राप्त होता है। कुछ रीतियों से पत चलता है कि निएंडरथल मानव शव को दफ़नाते थे। इससे इस बात की जानकारी मिलती है कि वे किसी धर्म में विश्वाश रखते थे। वे प्रथम थे जो मृत्यु के बाद जीवन के संबंध में सोचते थे।
    2. निअंडरथल मानव होमो सेपियंस द्वारा मार दिए गए। निअंडरथल मनुष्य लगभग 130000 से 35000 वर्ष पूर्व तक यूरोप तथा पश्चिमी एवं मध्य एशिया में रहते थे। परंतु 35000 वर्ष पूर्व वे अचानक लुप्त हो गए।
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कक्षा 11 इतिहास अध्याय 1
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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 1 हिंदी में
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