एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 2 लेखन कला और शहरी जीवन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 2 लेखन कला और शहरी जीवन पाठ्यपुस्तक विश्व इतिहास के कुछ विषय के सभी प्रश्न उत्तर सत्र 2024-25 के लिए यहाँ हिंदी मीडियम में दिए गए हैं। कक्षा 11 इतिहास पाठ 2 के सभी सवाल जवाब विस्तार से यहाँ दिए गए हैं जिसमें 6 लाख वर्ष पूर्व से 1 ईसवी पूर्व तक की घटनाओं को बताया गया है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 2
कक्षा 11 इतिहास अध्याय 2 लेखन कला और शहरी जीवन के प्रश्न उत्तर
आप यह कैसे कह सकते हैं कि प्राकृतिक उर्वरता तथा खाद्य उत्पादन के उच्च स्तर ही आरंभ में शहरीकरण के कारण थे?
प्राकृतिक उर्वरता तथा खाद्य उत्पादन के उच्च स्तर ही आरंभ में शहरीकरण के कारण थे। इस कथन की पुष्टि मेसोपोटामिया की भौगोलिक परिस्थितियों से होता है।
- यहाँ पूर्वोत्तर भाग में हरे-भरे तथा ऊँचे-नीचे मैदान हैं। यहाँ अच्छी फ़सल के लिए पर्याप्त मात्र में वर्षा होती है।
- पशुपालन के लिए घास के विस्तृत क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में शहरों के लिए भरण-पोषण का साधन बन सकने की क्षमता थी। दजल-फ़रात नदियाँ उपजाऊ बारीक मिट्टी लाती थीं जिससे यहाँ पर्याप्त अनाज पैदा होता था।
- खाद्य उत्पादन बढ़ने पर वस्तु-विनिमय की प्रक्रिया शुरू हो गई। फ़लस्वरूप गाँवों का आकार बढ़ने लगा।
- जीवन के स्थायी बनने पर कृषक समुदाय अस्तित्व में आए जो झोपड़ियाँ बनाकर साथ-साथ रहने लगे। इस प्रकार गाँव अस्तित्व में आए।
यह कहना क्यों सही होगा कि खानाबदोश पशुचारक निश्चित रूप से शहरी जीवन के लिए खतरा थे?
पशुचारकों को जब अनाज, धातु के औजारों आदि की जरूरत पड़ती थी तब वे अपने पशुओं तथा उनके पनीर, चमड़ा तथा मांस आदि के बदले ये चीज़े प्राप्त करते थे। बाड़े में रखे जाने वाले पशुओं के गोबर से बनी खाद भी किसानों के लिए बहुत उपयोगी होती थी। फि़र भी, किसानों तथा गड़रियों के बीच कई बार झगड़े हो जाते थे। गड़रियें कई बार अपनी भेड़-बकरियों को पानी पिलाने के लिए बोए हुए खेतों से गुज़ार कर ले जाते थे जिससे किसान की फ़सल को नुकसान पहुँचाता था। ये गडरिये खानाबदोश होते थे और कई बार किसानों के गाँवों पर हमला बोलकर उनका इकट्ठा किया माल लटू लते थे। दूसरी तरफ़, कई बार ऐसा भी होता था कि बस्तियों में रहने वाले लोग भी इन पशुचारकों का रास्ता रोक देते थे तथा उन्हें अपने पशुओं को नदी-नहर तक नहीं जे जाने देते थे।
आप ऐसा क्यों सोच हैं कि पुराने मंदिर बहुत कुछ घर जैसे ही होंगे?
कुछ पुराने मंदिर साधारण घरों से अलग किस्म के नहीं होते थे क्योंकि मंदिर भी किसी देवता का घर होता था। परंतु मंदिरों की बाहरी दीवारें विशेष अंतरालों के बाद भीतर तथा बाहर की ओर मुड़ी होती थी। यही मंदिरों की मुख्य विशेषता थी। साधारतणतः घरों की दीवारें ऐसी नहीं होती थीं।
शहरी जीवन शुरू होने के बाद कौन-कौन सी नयी संस्थाएँ अस्तित्व में आईं ? आपके विचार से उनमें से कौन-सी संस्थाएँ राजा की पहल पर निर्भर थीं।
शहरी जीवन शुरू होने के बाद निम्नलिखित नई संस्थाएँ अस्तित्व में आईं:
- विद्यालय
- व्यापार केंद्र
- शिल्पकार
- मंदिर
- लिपिक अथवा पट्टिका लेखक
- स्थायी सेना
- वस्तुविद्
- मूर्तिकार आदि।
किन पुरानी कहानियों से हमें मेसोपोटामिया की सभ्यता की झलक मिलती है?
मेसोपोटामिया यूनानी भाषा का शब्द है जिसका तात्पर्य दो नदियों के बीच के प्रदेश से है। मेसोपोटामिया की सभ्यता की झलक बाइबल के प्रथम भाग ‘ओल्ड टेस्टामेंट’ के कई संदर्भों में देखने को मिलती है। जैसे कि ओल्ड टेस्टामेंट की बुक ऑफ़ जेनेसिस में शिमार का उल्लेख मिलता है जिसका अर्थ सुमेर ईंटों से बने शहरी की भूमि से है। यूरोपवासी इस भूमि को अपने पूर्वजों की भूमि मानते हैं और जब इस क्षेत्र में पुरातत्त्वीय खोज की शुरूआत हुई तो ओल्ड टेस्टामेंट को अक्षरश: सिद्ध करने का प्रयास किया गया। 1873 ई. में ब्रिटिश समाचार-पत्र ने ब्रिटिश म्यूजियम द्वारा प्रारंभ किए गए खोज अभियान का खर्च उठाया जिसके तहत मेसोपोटामिया में एक ऐसी पट्टिका की खोज की जानी थी जिस पर बाइबल में उल्लिखित जलप्लावन पृथ्वी पर संपूर्ण जीवन को नष्ट करने वाला था।
परंतु परमेश्वर ने जलप्लायन के बाद भी जीवन को पृथ्वी पर सुरक्षित रखने के लिए नोआ नाम के एक मनुष्य को चुना। नोआ ने एक बहुत बड़ी नाव बनाई तथा उसमें सभी जीव-जंतुओं का एक-एक जोड़ रख लिया तथा जब जलप्लावन हुआ तो बाकी सब कुछ नष्ट हो गया, पर नाव में रखे सभी जोड़े सुरक्षित बच गए। इसी के जैसे एक ओर कहानी मेसोपोटामिया के परंपरागत साहित्य में मिलती है। इस कहानी के मुख्य पात्र को जिउसुद्र या उतनापिष्टिम कहा जाता था।