एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 7 बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 7 बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ 11वीं की पुस्तक विश्व इतिहास के कुछ विषय के प्रश्न उत्तर सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 11 इतिहास पाठ 7 के अभ्यास के सवाल जवाब जिसमें लगभग 1300 से 1700 ईसवी तक के बारे में विस्तार से समझाया गया है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 इतिहास अध्याय 7
कक्षा 11 इतिहास अध्याय 7 बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ के प्रश्न उत्तर
चौदहवीं और पंद्रहवीं शताब्दियों में यूनानी और रोमन संस्कृति के किन तत्वों को पुनर्जीवित किया गया?
14वीं और 15वीं शताब्दी साधारण जनता के मन में यूनानी एवं रोमन संस्कृतियों के अध्ययन के प्रति अनेक जिज्ञासाएँ उत्पन्न हुई। क्योंकि अब तक शिक्षा तथा वाणिज्य में काफ़ी प्रगति हो चुकी थी। उन्होंने मानवतावाद के अध्ययन पर जोर दिया। यूनानी तथा रोमन संस्कृति व सभ्यता से प्रभावित होकर मानव की ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट रचना माना गया तथा अनेक चित्रकारों ने मानव से संबंधित विषयों पर अपनी रचनाएँ तथा चित्रकारियाँ की। कला तथा चित्रकला को पुनर्जीवित किया गया। प्राचीन लेखकों की रचनाओं का अध्ययन किया गया।
दार्शनिक तथा तर्कवाद की प्रवृत्ति से प्रभावित होकर कई वैज्ञानिकों ने आविष्कार किए व लोगों को मध्यकाल के अंधकार से बाहर निकालने का प्रयास किया। कई रूढ़ियों तथा अंधविश्वासों का सच यूनानी तथा रोमन तर्कवाद के द्वारा उज़ागर किया। आत्मा तथा परमात्मा को छोड़कर लेखकों तथा चित्रकारों का प्रतिपाद्य मानव बन गया। उसके भौतिक जीवन की समस्याओं तथा उससे छुटकारा पाने की और अनेक विद्वानों ने अपने-अपने सिद्धांत प्रतिपादित किए। इसके साथ ही अनेक व्यापारिक मार्गों की खोज के परिणामस्वरूप यूरोप तथा अन्य देशों की संस्कृतियों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।
इस काल की इटली की वास्तुकला और इस्लामीं वास्तुकला की विशष्टताओं की तुलना कीजिए?
इस काल की इटली की वास्तुकला और इस्लामीं वास्तुकला की विशिष्टताओं की तुलना:
- इटली में रोम के अवशेषों के आधार पर एक नवीन वास्तुकला की शैली अपनाई गई जिसको ‘क्लासिकी शैली’ कहा गया। इस्लामी कला में ऐसा कोई परिवर्तन नहीं किया।
- इस काल में इटली की वास्तुकला तथा इस्लामी वास्तुकला दोनों का प्रयत्न नगरों को सजाने में किया गया।
- इटली की वास्तुकला के प्रारूप हमें गिरजाघरों, राजमहलों तथा किलों के रूप में दिखाई देते हैं। इटली की वास्तुकला की सैली को शास्त्रीय शैली कहा जाता था। शास्त्रीय वास्तुकारों ने इमारतों को चित्रों, मूर्तियों तथा विभिन्न प्रकार की आकृतियों से सुसज्जित किया। जबकि इस्लामी वास्तुकला ने इमारतों, भवनों तथा मस्जिदों की सजावट के लिए ज्यामितीय नक्शों व पत्थर में पच्चीकारी के काम का सहारा लिया।
- इटली की वास्तुकला की विशिष्टता के रूप में हमें भव्य गोलाकार गुंबद, भवनों की भीतरी सजावट, गोल मेहराबदार दरवाजे आदि दिखाई देते हैं। जबकि इस्लामी वास्तुकला इस काल में अपनी चरम सीमा पर थी। ऊँची मीनारों तथा खुले आँगनों का प्रयोग इस्लामी वास्तुकला के भवनों में नजर आता है।
मानवतावादी विचारों का अनुभव सबसे पहले इतालवी शहरों में क्यों हुआ?
मानवतावाद मानव मूल्यों तथा चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने वाला अध्ययन, दर्शन या अभ्यास का एक दृष्टिकोण है। मानवतावादी विचारों का अनुभव सबसे पहले इतालवी शहरों में हुआ। इसका कारण था रोम तथा यूनानी विद्वानों ने कई क्लासिक ग्रंथ लिखे थे। किंतु शिक्षा के प्रसार के अभाव में इन ग्रंथों को पढ़ना संभव नहीं था। इटली के कई नगरों में सामंतवाद की समाप्ति तथा स्वतंत्र नगरों की स्थापना होने से मानवतावादी विचारधारा को विकसित होने के लिए अनुकूल अवसर मिला। 14वीं शताब्दी में विद्वानों द्वारा प्लेटो तथा अरस्तु के सिद्धांतों तथा ग्रंथों के अनुवादों का अध्ययन किया गया। इसके अलावा मधयकाल में कुस्तुनतुनिया पर तुर्कों द्वारा आधिपत्य कायम कर लेने से अनेक विद्वानों तथा दर्शनिकों ने इटली में शरण ली तथा वे अपने साथ विपुल मात्रा में साहित्य ले गए।
अरबवासियों की कृपादृष्टि से इटलीवासियों को अनेक साहित्यिक रचनाओं के अनुवाद भी प्राप्त हुए। प्राकृतिक विज्ञान, औषधि, खगोल विज्ञान, गणित आदि विषयों की ओर लोगों का ध्यान आकृषित हुआ। इसके अतिरिक्त इटली के अनेक विश्वविद्यालयों में मानवतावाद की शिक्षा दी जाती थी। इटलीवासियों ने मानवतावादी विचारधारा के महत्वपूर्ण सिद्धातों को ग्रहण किया। इटली के मानवतावादी विद्वानों ने मानव को ईश्वर की सर्वात्तम रचना माना तथा उसके भौतिक जीवन की समस्याओं एवं उससे मुक्ति पाने के विषय पर मनन व चिंतन किया। फ़लस्वरूप मानवतावादी विचारों का अनुभव सबसे पहले इतालवी शहरों को प्राप्त हुआ।
वेनिस और समकालीन फ्रांस में अच्छी सरकार के विचारों की तुलना कीजिए।
वेनिस और समकालीन फ्रांस में ‘अच्छी सरकार’ के विचारों की तुलना:
इटली में तेरहवीं सदी में स्वतंत्र नगर राज्यों के समूह बन गए थे। इन महत्त्वपूर्ण नगरों में फ्लोरेंस तथा वेनिस भी थे तथा ये गणराज्य थे। वेनिस नगर में धर्माधिकारी तथा सामंत वर्ग राजनीतिक दृष्टि से शक्तिशाली नहीं थे। नगर के धनी व्यापारी तथा महाजन नगर के शासन में सक्रिय रूप से भाग लेते थे। लोगों में नागरिकता की भावना को विकास होने लगा था। नगर का संपूर्ण अधिकार एक ऐसी परिषद के हाथों में था जिसके सारे सदस्य सभ्रांत वर्ग के तथा 35 वर्ष से अधिक आयु वाले थे।
वेनिस में शासन की बागडोर नागरिकों के हाथों में थीं। वेनिस निवासियों में नागरिकता की भावना अधिक व्याप्त थी। दूसरी तरफ़ फ्रांस की शासन प्रणाली वेनिस के एकदम विपरीत थी। फ्रांस में नगर राज्यों का संचालन निरंकुश शासक वर्ग के हाथों में था। धर्माधिकारी तथा सामंत राजनीतिक दृष्टि से अधिक शक्तिसंपन्न थे। वेनिस नगर में किसी प्रकार की क्रांति नहीं हुई किंतु फ्रांस के नगर राज्यों में अनेक क्रांतियों का जन्म हुआ तथा इसका प्रभाव वहाँ की सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक व्यवस्था पर व्यापक रूप से पड़ा। अतः यह कहा जा सकता है कि वेनिस एवं समकालीन फ्रांस की सरकारों में व्यापक स्तर पर भिन्नता थी।
मानवतावादी विचारों के क्या अभिलक्षण थे?
मानवतावादी विचारों के प्रमुख अभिलक्षण:
- मानव का अपना एक अलग विशेष महत्व है।
- मानवतावाद विचारधारा के तहत मानव जीवन के सुख तथा समृद्धि को प्रोत्साहन दिया जाता था।
- मानव जीवन को सुधारने तथा उसके भौतिक जीवन की समस्याओं का समाधान करने पर जोर देना चाहिए, मानव का सम्मान करना चाहिए क्योंकि मानव ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट रचनाओं में से एक है।
- इसमें मानव के सभी पक्षों की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है इसलिए सभी विषयों- व्याकरण, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, कविता तथा नीति दर्शन के अध्ययन पर जोर दिया जाता है।
- मानवतावाद के माध्यम से यह तथ्य स्पष्ट हो गया कि मानव, धर्म तथा ईश्वर के लिए ही न होकर हमारे अपने लिए भी है।
- मानव के कल्याण के लिए सभी को आपस में वाद-विवाद तथा विचार- विमर्श करना चाहिए। डेला मिरेनडोला के अनुसार ऐसा करना दिमाग को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है।
- पंद्रहवीं शताब्दी में अनेक पुस्तकें मुद्रित हुई जिनका मूल विषय मानव ही था।