एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 10 परिवहन तथा संचार
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 10 परिवहन तथा संचार भाग 2 भारत लोग और अर्थव्यस्था के प्रश्नों के उत्तर सत्र 2024-25 के पाठ्यक्रम के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 12 भूगोल पाठ 10 के सभी सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी भाषा में दिए गए हैं ताकि छात्र अपने माध्यम के अनुसार इसका प्रयोग कर सकें।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 10
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 10 परिवहन तथा संचार के प्रश्न उत्तर
परिवहन किन क्रियाकलापों को अभिव्यक्त करता है? परिवहन के तीन प्रमुख प्रकारों के नाम बताएँ।
परिवहन: परिवहन, वस्तुओं और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की प्रक्रिया को कहते हैं। परिवहन आर्थिक क्रियाकलापों के तृतीयक वर्ग में सेवाओं के अंतर्गत आता है। परिवहन हमारी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कच्चे माल को कारखानों तक पहुँचाने तथा उत्पाद को ग्राहकों तक पहुँचाने के लिए परिवहन आवश्यक होता है। किसी देश का परिवहन तंत्र जितना कुशल होगा वहाँ का विकास उतना ही तेजी से हेागा।
परिवहन के तीन प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- वायु परिवहन: वायु परिवहन वायुमार्ग द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन का तीव्रतम साधन है। इसने यात्र समय को घटाकर दूरियों को कम कर दिया है। वायु परिवहन के प्रकार- घरेलु वायु परिवहन, अंतर्राराष्ट्रीय वायु परिवहन।
- पाइपलाइन परिवहन: पाइप लाइन परिवहन से आशय ऐसी परिवहन प्रणाली से है जिसमें गैसों तथा तरल पदार्थों को पाइप लाइनों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जाता है।
- स्थल परिवहन: स्थल परिवहन से आशय भूमि मार्ग द्वारा वस्तुओं और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने से है। भारत में मार्गों तथा कच्ची सड़कों का उपयोग परिवहन के लिए प्राचीन काल से किया जाता रहा है। स्थल परिवहन के प्रकार- सड़क परिवहन, रेल परिवहन आदि।
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 10 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न
भारतीय रेल प्रणाली को कितने मंडलों में विभाजित किया गया है?
राष्ट्रीय जल मार्ग संख्या-1 किस नदी पर तथा किन दो स्थानों के बीच पड़ता है?
निम्नलिखित में से किस वर्ष में पहला रेडियो कार्यक्रम प्रसारित हुआ था?
पाइपलाइन परिवहन से लाभ एवं हानि की विवेचना करें।
पाइपलाइन परिवहन से लाभ
- वर्तमान समय में पाइपलाइन को विभिन्न उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जाता है। पाइपलाइन गैसों तथा तरल पदार्थों जैसे पेट्रोल या प्राकृतिक गैस आदि के लंबी दूरी तक परिवहन के लिए एक आधुनिक परिवहन प्रणाली है।
- सड़क तथा रेल मार्गों के मुकाबले पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस पहुँचाने का यह अच्छा, सुविधाजनक तथा किफ़ायती तरीका है।
- पाइपलाइनें ऊबड़- खाबड़ भू-प्रदेशों के अतिरिक्त समुद्र एवं महासागरों के अंतर भी बिछायी जा सकती है।
- पाइपलाइनों में ऊर्जा की खपत कम होती है, जिससे पर्यावरण को हानि नहीं पहुँचती।
- पाइपलाइनों के निर्माण द्वारा औद्योगिक क्षेत्र आपस में अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। सड़क तथा रेल यातायात में पैदा होने वाली बाधाएँ पाइपलाइन परिवहन को प्रभावित नहीं कर सकती।
पाइपलाइन परिवहन से हानि
- पाइपलाइनों को एक बार बिछाने के बाद उनकी क्षमता में वृद्धि नहीं की जा सकती।
- पाइपलाइन के टूट जाने पर भूमि के प्रदूषित होने का संकट बना रहता है।
- लीकेज की स्थिति में पाइपलाइनों की मरम्मत कर पाना बहुत कठिन होता है तथा लीकेज का पता लगाने में भी बहुत मुश्किलें आती है।
- विकासशील देशों में पाइप लाइन नेटवर्क का निर्माण करना अनावश्यक रूप से खर्चीला होता है।
संचार से आपका क्या तात्पर्य है?
संचार: संचार का सामान्य अर्थ किसी सूचना या संदेश को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचना या संप्रेषित करना है। संदेश पहुँचाने के लिए लोग संचार की विभिन्न विधाओं का उपयोग करते हैं। डाकघर, तार, प्रिंटिंग प्रेस, दूरभाष और उपग्रहों की खोज ने संचार को बहुत त्वरित तथा आसान बना दिया। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास ने संचार के क्षेत्र में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
संचार के उद्देश्य
- अपने अनुभवों का परस्पर आदान-प्रदान करना।
- विचार, भाव, ज्ञान, संदेश, सूचना आदि को दूसरे लोगों तक पहुँचना।
- समाज के सदस्यों को समझना, उनका विश्वास अर्जित करना।
- सूचनाओं को परस्पर बाँटना तथा उन्हें दूर-दूर तक पहुँचाना या फ़ैलाना।
- संचार लोगों के मध्य समानता की भावना को बढ़ाता है।
भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका का वर्णन करें।
सड़कें विकास की निशानी होती है। भारत का सड़क जाल विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क-जाल है। इसकी कुल लंबाई लगभग 62.16 लाख कि.मी. है। यहाँ प्रतिवर्ष सड़कों द्वारा लगभग 85% यात्री और 70% भार यातायात का परिवहन किया जाता है। छोटी दूरियों की यात्रा के लिए सड़क परिवहन अपेक्षाकृत अनुकूल होता है। पहला गंभीर प्रयास 1943 में ‘नागपुर योजना’ बनाकर किया गया। निर्माण तथा रख-रखाब के उद्देश्य से सड़कों को राष्ट्रीय महामार्गों (NH), राज्य महामार्गों (SH), प्रमुख जिला सड़कों और ग्रामीण सड़कों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग – वे प्रमुख सड़कें, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा निर्मित तथा अनुरक्षित किया जाता है, राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम से जानी जाती है। भारतीय महामार्ग प्राधिकरण ने देश भर में विभिन्न चरणों में कई प्रमुख परियोजनाओं की जिम्मेदारी ले रखी है। जैसे – स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम गलियारा। राज्य महामार्ग – ये राज्य की राजधानी से जिला मुख्यालयों और अन्य महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ते हैं। ग्रामीण सड़कें – ये सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है।
भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका
- कृषि के विकास के लिए सड़कें बहुत महत्वपूर्ण है। बीज, उर्वरक, कृषि यंत्र आदि को खेतों तक पहुँचाने के लिए सड़कों का प्रयोग किया जाता है। कृषि उत्पादों को ग्रामीण क्षेत्रों की मंडियों तक पहुँचाने में भी सड़कों का काफ़ी योगदान है।
- मानव तथा यत्रों के संचलन में तेज़ी लाकर सड़क परिवहन देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- सड़कों से शिक्षा एवं सभ्यता के प्रसार में भी मदद मिलती है क्योंकि सडकों ने नगरों तथा गाँवों को आपस में जोड़ दिया है।
- पर्वतीय क्षेत्रों में रेलों का लगभग पूर्णतः अभाव है। इन क्षेत्रों में सड़कें सुगमता से पहुँच सकती हैं।
- यह विश्वसनीय, तेज, लचीला और मांगपूरित तरीका है, जो घर-घर जाकर सेवाएँ उपलब्ध करा सकता है।
- स्वर्णिम चतुर्भुज में केवल राष्ट्रीय राजमार्गों का प्रयोग किया गया है। नि-लि- राष्ट्रीय राजमार्गों में 4 लेन का प्रयोग किया गया है: दिल्ली-कोलकाता- एन. एच 2, दिल्ली-मुम्बई – एन.एच. 8, एन.एच. 79 A (अजमेर बायपास) आदि।
- सड़क परिवहन सुदूरवर्ती पहाड़ी, मरूस्थलीय, जनजातीय व पिछड़े क्षेत्रों को जोड़ता है।