एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 1 जनसंख्या वितरण घनत्व वृद्धि और संघटन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन भाग 2 भारत लोग और अर्थव्यस्था के प्रश्न उत्तर सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 12 भूगोल पाठ 1 के सभी सवाल जवाब सरल भाषा में यहाँ से डाउनलोड किए जा सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 1
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन के प्रश्न उत्तर
भारत के किन राज्यों में विशाल ग्रामीण जनसंख्या है? इतनी विशाल ग्रामीण जनसंख्या के लिए उत्तरदायी एक कारण को लिखिए।
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 6,40,867 गाँव हैं जिनमें से 5,97,608 (93.2%) गाँव बसे हुए हैं। देश की कुल जनसंख्या का 68.8% भाग गाँवों में निवास करता है। गोवा तथा महाराष्ट्र राज्यों की कुल जनसंख्या का आधे से ज्यादा भाग गाँव में निवास करता है। बिहार तथा सिक्किम में भी ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत बहुत अधिक है। हिमाचल प्रदेश की 89.96%, बिहार की 88.70%, असम की 85.92% और उड़ीसा की 83.32% जनसंख्या गाँवों में रहती है। इन क्षेत्रों में रोजगार के लिए कृषि पर निर्भरता और प्राथमिक क्रियाओं में संलग्नता ही ग्रामीण जनसंख्या का एक उत्तरदायी कारण है।
कक्षा 12 भूगोल अध्याय 1 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या निम्नलिखित में से कौन सी है?
निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में जनसंख्या का घनत्व सर्वाधिक है?
सन् 2011 की जनसंख्या के अनुसार निम्नलिखित में से किस राज्य में नगरीय जनसंख्या का अनुपात सर्वाधिक है?
निम्नलिखित में से कौन-सा समूह भारत में विशालतम भाषाई समूह है?
भारत के अत्यंत उष्ण एवं शुष्क तथा अत्यंत शीत व आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है। इस कथन के दृष्टिकोण से जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
जलवायु जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है। उत्तर भारत के मैदानों, डेल्टाओं तथा तटीय मैदानों में जनसंख्या का अनुपात दक्षिणी तथा मध्य भारत के राज्यों के आंतरिक जिलों, हिमालय, उत्तर-पूर्वी तथा पश्चिमी कुछ राज्यों की अपेक्षा उच्चतर है। राजस्थान का थार क्षेत्र उष्णता तथा शुष्कता के कारण, जम्मू व कश्मीर का लेह लद्दाख क्षेत्र अति शीत के कारण मेघालय तथा सुंदरवन अति आर्द्रता के कारण कम घने बसे हैं।
भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता ऊँची क्यों है?
भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता ऊँची है क्योंकि निर्वाह या लगभग निर्वाह की आर्थिक क्रियाओं के निष्पादन में अनेक कामगारों की आवश्यकता होती है। जैसे – हिमाचल प्रदेश और नागालैंड में कृषिकों की संख्या बहुत ज्यादा है। दूसरी तरफ़, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में कृषि मजदूरों की संख्या ज़्यादा है। महिला श्रमिकों की संख्या प्राथमिक सेक्टर में अपेक्षाकृत ज़्यादा है।
कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है। स्पष्ट कीजिए।
भारत की कुल श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 58.2% कृषि मजदूर तथा कृषक है जबकि केवल 37.6% श्रमिक विनिर्माण, 4.2% श्रमिक घरेलू उद्योगों में और व्यापार तथा वाणिज्य और अन्य सेवाओं में कार्यरत है। अतः आँकड़े स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि भारतीय श्रमिकों का सबसे अधिक अंश कृषि सेक्टर में संलग्न है।
भारत में जनसंख्या के घनत्व के स्थानिक विवरण की विवेचना कीजिए।
भारत में जनसंख्या के घनत्व के स्थानिक विवरण: जनसंख्या के घनत्व को प्रति इकाई क्षेत्र में व्यक्तियों की संख्या द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। इससे भूमि के संदर्भ में जनसंख्या के स्थानिक विवरण को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है। भारत का जनसंख्या घनत्व 324 व्यक्ति प्रतिवर्ग किलोमीटर (जनगणना 2001) और 382 व्यक्ति प्रतिवर्ग किलोमीटर (जनगणना 2011) हैं। यह एशिया के सघनतम बसे देश बांग्लादेश (849 व्यक्ति) के पस्चात दूसरे स्थान पर है। भारत में जनसंख्या के वितरण और जनसंख्या के घनत्व में स्थानिक भिन्नता देखने को मिलती है। उदाहरण – अरूणाचल प्रदेश में जनसंख्या का घनत्व 17 व्यक्ति प्रतिवर्ग कि.मी. है।
वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यह 11,297 व्यक्ति प्रतिवर्ग कि.मी. है। राज्यों में पश्चिम बंगाल का 1029 व्यक्ति, बिहार के जनघनत्व 1102 व्यक्ति, उत्तरप्रदेश में 828 व्यक्ति कि. मी. है। हाँलाकि उत्तरप्रदेश की जनसंख्या सभी राज्यों में सबसे अधिक (1995 करोड़) है, परंतु एक वर्ग कि.मी. भूमि पर रहने वाले लोगों की संख्या के अनुसार कई राज्यों में जनघनत्व उससे ज्यादा है। अर्थात् उत्तरप्रदेश के एक व्यक्ति के हिस्से में पश्चिमी बंगाल, बिहार तथा केरल के व्यक्ति की अपेक्षा अधिक भूमि आती है। राज्य हैं- मिजोरम में 52 व्यक्ति, अरूणाचल प्रदेश में 17 व्यक्ति तथा सिक्किम में 86 व्यक्ति प्रतिवर्ग कि.मी. है इसलिए यहाँ रहने वाले लोगों के हिस्से में उस राज्य की अधिक भूमि आती है।