एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 10 मानव बस्ती

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 10 मानव बस्ती भाग 1 मानव भूगोल के मूल सिद्धांत के सभी उत्तर अभ्यास के सवाल जवाब शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 12 भूगोल पाठ 10 के अभ्यास के प्रश्न उत्तर अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में यहाँ से छात्र मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 10

आप बस्ती को कैसे परिभाषित करेंगे?

बस्ती
बस्ती, मानव आवासों के संगंठित समूह को कहा जाता है। गफ़ुाओं से निकलकर मानव ने अपने लिए स्थायी तथा अस्थायी बस्तियाँ बसानी शुरू कर दी थीं, यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। इन बस्तियों में मनुष्यों के रहने और प्रयोग करने वाले भवनों और उनके आने-जाने के लिए बनाए गए रास्तों तथा गलियों को शामिल जाता है।

कक्षा 12 भूगोल अध्याय 10 बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Q1

निम्न में से किस प्रकार की बस्तियाँ सड़क, नदी या नहर के किनारे होती है?

[A]. वृत्ताकार
[B]. चौक पट्टी
[C]. रेखीय
[D]. वर्गाकार
Q2

निम्न में से किस प्रदेश में प्रलेखित प्राचीनतम नगरीय बस्ती रही है?

[A]. ह्वांगहो की घाटी
[B]. सिंधु घाटी
[C]. नील घाटी
[D]. मेसोपोटामिया
Q3

2006 के प्रारंभ में भारत में कितने मिलियन सिटी थे?

[A]. 40
[B]. 41
[C]. 42
[D]. 43
Q4

विकासशील देशों की जनसंख्या के सामाजिक ढाँचे के विकास एवं आवश्यकताओं की पूर्ति में कौन से प्रकार के संसाधन सहायक हैं?

[A]. वितीय
[B]. मानवीय
[C]. प्राकृतिक
[D]. सामाजिक

स्थान (साइट) एवं स्थिति (सिचुएसन) के मध्य अंतर बताएँ?

स्थान (साइट) एवं स्थिति (सिचुएशन) के मध्य अंतर:
स्थान

    • स्थान उस भू-भाग से संबंधित है, जहाँ मानव बस्ती बनाकर रहते हैं तथा वे अनेक जीवन उपयोगी क्रियाकलापों में संलग्न रहते हैं।
    • बस्ती का स्थान कोई मैदानी भाग, पहाड़ी क्षेत्र, नदी का किनारा अथवा एक तालाब या झील हो सकता है।

स्थिति

    • स्थिति का संबंध उन भौगोलिक तथा पर्यावरणीय दशाओं के अतिरिक्त समीपस्थ बस्तियों से है जिनसे एक बस्ती प्रभावित होती है।
    • बस्ती की स्थिति का अध्ययन प्राकृतिक पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत के संदर्भ में भी किया जा सकता है।

बस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं?

बस्तियों का वर्गीकरण उनकी आकृति एवं प्रतिरूपों के आधार पर किया जाता है। कोई बस्ती ग्रामीण है या नगरीय इसके लिए जनसंख्या का आकार, जनसंख्या का घनत्व तथा वहाँ होने वाले आर्थिक क्रियाकलाप इत्यादि परंतु इन मापदंडों पर सार्वभौम मतैक्य नहीं है।
आकृति के आधार पर बस्तियों को इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है:
प्रकीर्ण बस्ती: इन बस्तियों मे मकान दूर-दूर होते है और सामान्यता खेतों के द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं एक सांस्कृतिक आकृति उदाहरण के लिए पूजा स्थल या बाज़ार, बस्तियों को एक साथ बाधता हैं।
संहत बस्ती: इस तरह की बस्तियों में मकान एक-दूसरें के निकट बनाएँ जातें हैं इन बस्तियों का विकास नदी घाटीयों के सहारे या उपजाऊ मैदानों में होता है यह रहने वाले सामुदय समान व्यावसाय करते है तथा मिल-जुल कर रहते हैं।
प्रतिरूप के आधार पर बस्तियों को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है:

    • आयताकार
    • वृत्ताकार
    • रैखिक
    • तारे के आकार
    • दोहरे ग्राम का प्रतिरूप
    • टी आकार आदि में वर्गीकृत किया जाता है।
मानव भूगोल में मानव बस्तियों के अध्ययन का औचित्य बताएँ।

मानव बस्तियों के अध्यन से मानव के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक तथा राजनैतिक स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है। यही मानव भूगोल की विषय वस्तु है। बस्ती एकांकी आवास से लेकर ग्राम, कस्बे, पुरवे, नगर, शहर या मेगासिटी किसी भी रूप में हो सकते हैं। मानव भूगोल में अध्यन का मुख्य केंद्र मानव तथा मानवीय क्रियाकलाप होते हैं।

ग्रामीण एवं नगरीय बस्ती किसे कहते हैं? उनकी विशेषताएँ बताएँ।

ग्रामीण बस्ती अधिक निकटता से और प्रत्यक्ष रूप से भूमि से नज़दीकी संबंध रखती है। यहाँ के निवासी अधिकांशतः प्राथमिक गतिविधियों में लगे होते हैं।
उदाहरण: कृषि, पशुपालन, मछली पकड़ना आदि इनके प्रमुख व्यवसाय होते हैं।
ग्रामीण बस्तियों की विशेषताएँ

    1. ग्रामीण बस्तियों का प्रतिरूप यह दर्शाता है कि मकानों की स्थिति किस प्रकार एक-दूसरे से संबंधित है।
    2. इन बस्तियों के आधार मैदानी, पठारी, तटीय तथा मरूस्थलीय होते हैं।
    3. इन बस्तियों में सड़कें आयताकार होती है जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती है।
    4. इन बस्तियों का आकार छोटा होता है। इसकी जनसंख्या कम होती है।
    5. ग्रामीण बस्ती मुख्यतः नदियों के किनारे पर स्थित होते हैं, जहाँ से जल आपूर्ति आसानी से उपलब्ध हो पाती है।
    6. ग्रामीण इलाकों में परिवहन सुविधाएँ पिछड़ी एवं पुरानी होती है। जैसे- कच्ची सड़क, बैलगाड़ी आदि।
    7. इनके निवासियों का व्यवसाय – कृषि, पशुचारण, आखेट तथा खनन आदि होता है।
    8. ग्रामीण बस्तियों में उत्पादित सब्जी, फ़ल-फ़ूल, अनाज आदि उत्पाद नगरीय बस्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।

नगरीय बस्ती
नगरीय बस्ती वह वस्ती है जिसके निवासियों का मुख्य व्यवसाय द्वितीयक, तृतीयक तथा चतुर्थक क्रियाकलापों से संबंधित होता है।
नगरीय बस्तियों की विशेषताएँ

    1. नगरीय बस्तियों के विनिर्माण उद्योग के उत्पाद ग्रामीण बस्तियों में जाते हैं।
    2. नगरीय बस्तियाँ कच्चे माल के प्रक्रमण तथा निर्मित माल के विनिर्माण और अन्य कई प्रकार की सेवाओं पर भी निर्भर होती है।
    3. नगरीय बस्तियों का आकार बड़ा होता है। जनसंख्या अधिक होती है। ये सघन होती है।
    4. ग्रामीण बस्तियों की अपेक्षा नगरीय बस्तियों के लोगों की आर्थिक स्थिति अधिक सृदृढ़ होती है।
    5. नगरवासियों के व्यवसाय उद्योग, परिवहन, व्यापार तथा उच्च सेवाएँ होती है।
    6. अधिकतर नगरों में अनेक मलिन बस्तियाँ हैं वे प्रवास के प्रतिकर्ष कारकों का परिणाम है।
    7. नगरीय बस्तियों में ग्रामों से अधिक सुविधाएँ पाई जाती है।
    8. नगरों में परिवहन सुविधाएँ अधिकाधिक और विकसित होती हैं। जैसे- सड़क, रेलमार्ग आदि।
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