एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 ईवीएस अध्याय 20
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 ईवीएस अध्याय 20 मिलकर खाएँ (कक्षा 4 पर्यावरण पाठ 20) पर्यावरण अध्ययन (आस पास) हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में सीबीएसई और राजकीय बोर्ड के विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 4 ईवीएस के पाठ 20 के सभी प्रश्नों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के सिलेबस के अनुसार तैयार तथा संशोधित किया गया है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 4 ईवीएस अध्याय 20
स्कूल के बाद पार्टी
प्रस्तुत पाठ में बच्चों को मिलकर खाना खाने और मिलजुल कर सभी त्यौहार मनाने के लिए प्रेरित किया गया है। स्कूल के कुछ बच्चे स्कूल के बाद एक पार्टी करने की बात करते हैं। वे सब मिलकर पैसे इकट्ठा करते हैं और कुछ खाना घर से कुछ बाहर से लाते हैं।
वे सब शनिवार को आधे दिन की छुट्टी के बाद पार्टी का आयोजन करते हैं। सब ने मिलजुल कर बहुत-से खेल खेले, नाच-गाना भी हुआ। बच्चों ने यह भी तय किया कि वे अकसर मिलकर पार्टी किया करेंगे।
बिहू और भोर
बीहू असम के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। यह 14 और 15 जनवरी को माघ की प्रथमा ओर द्वितिया तिथि को मनाया जाता है। पहले दिन को उरूका कहते हैं। इस दिन अस्थायी छप्पर बनाते हैं। जिसे वे भेला-घर कहते हैं।
उस दिन सामूहिक भोज का आयोजन होता है। भोर असम में खाए जाने वाले चावलों की एक किस्म है। जो पकने के बाद चिपचिपे हो जाते हैं। बीहू की तरह दीपावली, लोहड़ी और मकर-सक्रान्ति भी ऐसे ही त्यौंहारों में से हैं जो सब से मिलजुल कर मनाया जाता है।
मेजी और भेला
भेला-घर बना के सभी गाँव वाले वहाँ इकट्ठा होते हैं। ज़्यादातर औरतें पाट और मूगा की मेखला चादर पहनती है। गाँव वाले ढोल बजने पर मस्ती में झूमते हुए गीत गाने लगते हैं। सब ज़मीन पर बैठकर केले के पत्तों पर खाना खाते हैं।
रात भर हँसते-गाते और बातें करते हुए मिलकर खाना खाया जाता है। सभी रात भर भेला घर में ही रहते हैं। सुबह जल्दी उठकर सभी गाँव वाले मेजी और भेला घर को जला देते हैं। वे हर साल इसी तरह यह त्यौहार मनाते हैं।
मी-डे मील योजना
सरकार द्वारा चलाए गई मिड-डे मील योजना भी बच्चों को एक साथ बैठकर खाना-खाने के लिए प्रेरित करती है। हमारे देश के बहुत-से बच्चों को भरपेट खाना नहीं मिलता। इनमें से कई बच्चे तो स्कूल बिना कुछ खाए ही जाते हैं। खाली पेट होने के कारण वे पढ़ाई में ठीक से ध्यान नहीं लगा पाते।
इसलिए देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि कक्षा 1 से 8 तक के सभी बच्चों को पका हुआ गरम खाना मिलना ही चाहिए। यह सभी बच्चों का अधिकार है। मिड-डे मील में दलिया, पूरी-सब्जी, चावल, छोला-चने और कभी मिष्टी हलवा आते रहते हैं।