एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 9 प्रकृति पर्व फूलदेई

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 9 प्रकृति पर्व फूलदेई और रिमझिम अध्याय 9 कब आऊँ के प्रश्न उत्तर तथा अभ्यास पर आधारित अतिरिक्त प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए पीडीएफ में यहाँ से डाउनलोड करें। तिवारी अकादमी पर सभी समाधान निशुल्क हैं और किसी पंजीकरण की भी कोई आवश्यकता नहीं होती है। कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 9 प्रकृति पर्व फूलदेई तथा रिमझिम के पाठ 9 में हम देखते हैं कि किस तरह से अपनी चतुराई से अवंती ने सेठ के मंसूबों पर पानी फेर दिया। बच्चों के लिए यह कहानी मनोरंजन के साथ साथ सबक का पाठ भी पढ़ाती है।

कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 9 प्रकृति पर्व फूलदेई

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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 9 प्रकृति पर्व फूलदेई

कक्षा ३ हिंदी वीणा अध्याय 9 प्रकृति पर्व – फूलदेई

जानकी बहुत ही प्रसन्न थी। कल वह अपने सभी मित्रों के साथ फूलदेई पर्व के लिए जाएगी। अगले दिन उसकी इजा (माँ) ने उसे सुबह-सुबह उठा दिया। नहा-धोकर अपनी छोटी डलिया हाथ में लिए फूल चुनने के लिए वह निकल गई। आँगन में पहुँचते ही उसने हेमा, गीता, राधा, बीर. गोविंद और मनोज को पुकारा। सब हाथ में छोटी-छोटी डलिया लेकर जंगल की ओर निकल पड़े।
फूलदेई उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। त्यौहार बच्चों द्वारा मनाया जाता है, इसलिए इसे ‘बाल पर्व’ भी कहा जाता है। यह चैत्र मास की संक्रांति के दिन मनाया जाता है। चैत्र माह हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। फूलदेई वसंत ऋतु के आगमन का प्रतिक है। चैत्र ऋतु आते ही ऊँची-ऊँची पहाड़ियों से बर्फ पिघलने लगती है। सर्दियों के ठंडे दिन बीत जाते हैं। उत्तराखंड के सुंदर पहाड़ फूलों से लद जाते हैं। जानकी और उसके मित्रों ने बुरांस, फ्योंली और कई प्रकार के फूल अपनी छोटी-छोटी डलियों में इकठ्ठे कर लिए। अब वह टोली जिसे ‘फूलारी’ कहा जाता है, हर घर के मुख्य द्वार की देहली पर रूकती, अक्षत और फूल डालती और गाती जाती,

“फूल देई, छम्मा देई,
दैणी द्वार, भर भकार
ये देली कें बांरबार नमस्कार
फूले द्वार…”
इसका अर्थ है, आपकी देहली फूलों से भरी रहे। मगल्कारी हो। सबको क्षमा करें। देहली और घर में समृद्धि बनी रहे। सबके घरों में अन्न के भंडार भरे रहें।
सभी घरों में ‘फुलारी’ के आने की तैयारी की जाती है। घरों को पूर्णतः स्वच्छ करके देहली को गोबर-मिट्ठी से लीपकर तैयार किया जाता है। ‘फुलारी’ जब गाकर अपना आशीर्वाद देते हैंतो हर घर से उन्हें चावल, गुड़ और भेंट के रूप में पैसे दिए जाते हैं। जानकी और सभी मित्र दिनभर देहली पूजकर बहुत थक गए थे पर वे बहुत प्रसन्न थे।
इस तरह फूलदेई का त्यौहार उत्तराखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में आठ दिनों से लेकर महीनेभर तक चलता है। बच्चों द्वारा एकत्रित किए गए चावल और गुड़ को मिलाकर बच्चों के लिए हलवा, छोई या साई व पापड़ी जैसे अन्य स्थानीय व्यंजन बनाए जाते हैं। व्यंजन बनाने के लिए जमा पैसों से घी या तेल खरीदा जाता है। व्यंजन को सब एकत्रित होकर और मिलकर खाते हैं।
फूलदेई बच्चों को प्रकृति प्रेम और सामाजिक सदभाव की सीख बचपन से ही देने का पर्व है। यह त्यौहार लोकगीतों, मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। यह प्रकृति तथा संस्कृति से जुड़े रहने की प्रेरणा भी देता है।

कक्षा 3 हिंदी अध्याय 9: कहानी का सारांश

इस कहानी का आशय है जो दूसरे को फंसाने की कोशिश करता है वह स्वयं फंस जाता हैI अवन्ती ने एक छोटी सी रंगाई की दुकान खोली और गाँव वालों के कपड़ो की रंगाई करने लगाI अवन्ती का काम अच्छा था इसलिए दुकान अच्छी चलने लगी तथा लोग भी उसके काम की प्रशंसा करते थेI

अवन्ती की प्रशंसा सुनकर एक सेठ जी को ईर्ष्या होने लगीI एक दिन सेठ जी अवन्ती की दुकान पर पहुंचा और एक कपड़ा देते हुए बोला इसको रंग देनाI अवन्ती ने पूछा सेठजी कौन से रंग में रंगना हैI सेठजी ने कहा रंग के बारे में मेरी कोई खास पसंद तो है नहीं, पर मुझे हरा, पीला, सफेद, लाल, नारंगी, नीला, आसमानी, काला और बैंगनी रंग कतई अच्छे नहीं लगते।

अवन्ती समझ गया कि सेठ जी उसे फंसाना चाहता है उसने कहा ठीक है और कपड़ा आलमारी में ठूंसकर ताला जड़ दियाI सेठ जी ने कहा कि इसे लेने कब आऊँ तब सेठ से बोला कि आप इसे लेने सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार को छोड़कर किसी भी दिन आ सकते हैं। सेठ समझ गया कि उसकी चाल उल्टी पड़ चुकी है वह वहां से खिसक लिया और दु बारा अवन्ती की दुकान पर कभी नहीं आयाI

सेठ ने किस रंग में कपड़ा रंगने को कहा?

उत्तर:
सेठजी ने कहा रंग के बारे में मेरी कोई खास पसंद तो है नहीं, पर मुझे हरा, पीला, सफेद, लाल, नारंगी, नीला, आसमानी, काला और बैंगनी रंग कतई अच्छे नहीं लगते। इसका अर्थ है कि सेठ अवन्ती को फंसाना चाहता थाI

अवंती ने कपड़ा अलमारी में बंद कर दिया। क्यों?

उत्तर:
अवन्ती सेठ की चालाकी भांप चुका था इसलिए उसने कपड़ा आलमारी में बंद कर दिया थाI

सेठ कपड़ा लेने किस दिन आया होगा?

उत्तर:
सेठ कपड़ा लेने कभी नहीं आयाI

कक्षा 3 हिन्दी अध्याय 9 में मुख्य किरदार किसका है और उसका चरित्र कैसा है?

कहानी में मुख्य किरदार एक कपड़ा रंगाई वाले का है जिसका नाम अवन्ती हैI वह एक मेहनती और ईमानदार इंसान है तथा कुशलतापूर्वक अपना व्यापार करता हैI

क्या हिन्दी कक्षा 3 के अध्याय 9 छात्रों के लिए रुचिकर है?

इस पाठ में अवन्ती की मेहनत और बुद्धिकौशल का लोहा सेठ ने भी माना जो अवन्ती को फंसाना छह रहा थाI

कक्षा 3 हिन्दी का अध्याय 9 का आशय क्या है?

इस पाठ से एक स्पष्ट सन्देश मिलता है कि जो दूसरों के लिए जाल बुनता है वह कभी न कभी उसमें जरुर फंसता हैI

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