एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 3 कितने पैर?
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 3 कितने पैर? और रिमझिम अध्याय 3 चाँद वाली अम्मा के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए संशोधित विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 3 कितने पैर? और रिमझिम के पाठ 3 की बच्चों को बहुत मनोरंजक लगती है। इस कहानी में बच्चों को आसमान और बुढ़िया की लड़ाई और फिर लड़ते लड़ते बुढ़िया का चाँद पर पहुँच जाना बच्चों की कल्पना शक्ति को बढाता है। यहाँ दिए गए अतिरिक्त प्रश्न उत्तरों की सहायता से छात्र इस पाठ को अच्छी तरह से तैयार कर सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 3 कितने पैर?
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 3 कितने पैर?
कक्षा ३ हिंदी वीणा अध्याय 3 कितने पैर?
बच्चे – सुप्रभात अध्यापिका जी!
अध्यापिका – सुप्रभात बच्चों! आज हम धरती पर रहने वाले जीवों के पैरों की संख्या की बात करेंगे जीवों के पैरों की संख्या शून्य से लेकर कई सौ तक भी हो सकती है।
अच्छा … कोई बता सकता है कि किस जीव के पैर नहीं होते?
श्याम – जी हाँ अध्यापिका जी! मुझे पता है बरसात में मैने बहुत केंचुए देखे हैं। उनके पैर नहीं होते वे पेट के बल सरकते हैं।
अध्यापिका – बहुत ठीक! अब कुछ दो पैरों वाले जीवों की बात करेंगे … इन जीवों को द्धिपाद कहते हैं मनुष्य के अतिरिक्त आप और कोई द्धिपाद बता सकते हैं?
रमेश – क्यों नही! सारी चिड़ियाँ द्धिपाद ही होती हैं न, अध्यापिका जी?
अध्यापिका – बिलकुल सही कहा रमेश! अब हम यदि पशुओं की बात करें तो यह बताइए कि आपने कभी किसी ऐसे पशु का नाम सुना है जिसके दो ही पैर हों?
सविता – जी हाँ अध्यापिका जी! मेरी माँ एक दिन मुझे ऑस्ट्रलिया देश के विषय में बता रही थीं और उन्होंने मुझे वहाँ
पाए जाने वाले एक द्धुविपाद पशु का चित्र दिखाया था जो दो पैरों पर कूद-कूद कर चलता है। किंतु मैं उसका नाम भूल गई!
रजनी – हाँ… हाँ, मैंने भी उस द्धिपाद पशु के विषय में एक पुस्तक में पढ़ा था जो मैं पुस्तकालय से लाई थी। मुझे उसका नाम भी याद है। उसे कंगारू कहते हैं। उसके पेट पर एक थैली भी होती है जिसमें वह अपने बच्चे को साथ ले जाता है।
अध्यापिका – वाह! वाह! आप सब बच्चे बड़े बुद्धिमान हैं। आपके पास मेरे सभी प्रश्नों के उत्तर हैं। वह जब तेजी से चलता है तो दो पैरों पर कूदकर
चलता है, लेकिन जब वह धीरे चलता है तो झुककर चार पैरों पर चलने लगता है, इसलिए उसे चतुष्पाद भी कहते हैं और कभी-कभी आगे बढ़ने में वह अपनी पूँछ का भी उपयोग करता है, इसलिए उसे पंचपाद भी कहते हैं। वैसे अधिकतर पशुओं के तो चार पैर ही होते हैं, जैसे – गाय भैस, और ..?
समीर – कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा,…
वीणा – बकरी, गधा, बंदर…
रफीक – मेंढ़क, उदबिलाव, घड़ियाल …
रमेश – शेर, चीता, …
विपिन – ज़ेबरा, जिराफ़, …
अध्यापिका – अरे वाह! अब आप स्वयं गिन कर आई हैं तो आपका उत्तर सही ही है। आपको पता है कि चींटी के अतिरिक्त और भी कई कीटों के छह पैर होते हैं, जैसे – मक्खी, भँवरा … और?
राम – तितली?
सिमरन – झींगुर?
अध्यापिका – शाबाश बच्चों! बहुत सही कहा। आप सब कीटों में इतनी रूचि रखते हैं तो फिर आप में से कोई किसी ऐसे कीट का नाम बता सकता है जिसके छह से अधिक पैर होते हैं?
रमेश (हँसकर) – मकड़ी!
सविता – हाँ! मकड़ी के तो आठ पैर दिखाई देते हैं, जब वह जाले पर चलती है।
अध्यापिका – बिलकुल सही बताया! अब मैं आपको एक और ऐसे कीट के विषय में बताना चाहती हूँ, जिसके तीस (३०) से लेकर तीन सौ बयासी (३८२)
तक पैर हो सकते हैं अर्थात पंद्रह(१५) जोड़ी से एक सौ इक्यानवे (१९१) तक पैर हो सकते हैं। इस अदभुद कीट का नाम हैं- कनखजूरा। आप मैं से किसी ने कनखजूरा देखा हैं?
सब विधार्थी – नहीं!!!
अध्यापिका – वास्तव में घरों में इनका मिलना कठिन हैं। ये अधिकतर ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहाँ सीलन व अँधेरा हो, जैसे गीले पेड़ों के तनों के अंदर या गीली घास या पतों के ढेर के नीचे। … पर सोचने की बात यह है कि इतने पैरों वाला कैसे चलता होगा।
कक्षा 3 हिंदी रिमझिम अध्याय 3: कहानी का सारांश
यह कहानी एक बूढ़ी अम्मा की हैI बूढ़ी अम्मा अकेली रहती थी तथा घर का सारा काम अकेले करना पड़ता थाI बाकि सब तो ठीक था पर जब वह आँगन में झाड़ू लगाती थी तो आसमान उसके पीठ से टकराता थाI जब वह घूरकर पीछे देखती तो वह दूर हट जाता और जैसे ही अम्मा झुकती वह फिर से आकर पीठ पर टकराताI
बूढ़ी अम्मा इससे बहुत परेशान थीI एक दिन उसकी पनघट पर किसी से लड़ाई हो गयी थी जिससे वह बहुत गुस्से में थीI वह झाड़ू उठाकर आँगन में आ गयी जैसे ही झुकी आसमान ने फिर उसे छेड़ा अम्मा ने आव देखा ना ताव उठा के झाड़ू मार दीI आसमान झट से हट गया कुछ देर ऐसा ही चलता रहाI आसमान को शरारत सूझी उसने अम्मा की झाड़ू पकड़ लीI अब एक तरफ से अम्मा ने और दूसरी तरफ से आसमान ने झाड़ू को पकड़ रखा थाI
अम्मा ने आसमान से कहा कि मेरे पास एक ही झाड़ू है इसलिए छोड़ दे पर आसमान ने अम्मा की बात नहीं मानीI थोड़ी देर रस्साकसी चलती रही फिर अम्मा झाड़ू के साथ ऊपर उठने लगीI अम्मा जोर से चिल्लाई मुझे छोड़ दे, आसमान ने कहा कि अब नहीं छोड़ूंगा वहीं ऊपर झाड़ू लगानाI अम्मा ज्यादा ऊंचाई पर पहुँच चुकी थी इसलिए झाड़ू नहीं छोड़ सकती थीI तभी अम्मा को चाँद दिखा अम्मा ने तुरंत चाँद पर पैर रख दियाI आसमान ने अम्मा को चाँद पर छोड़ दियाI अम्मा इतनी थक गई थी कि झाड़ू पकड़े आज भी चाँद पर बैठी हैI
बूढ़ी अम्मा चाँद पर क्यों चढ़ गई होगीं?
उत्तर:
आसमान जब बूढ़ी अम्मा को ऊपर खींच रहा था तो जैसे उसे चाँद दिखा वह चाँद पर चढ़ गई क्योंकि उसे ऊंचाई से दर लग रहा थाI
चाँद वाली अम्मा झाड़ू क्यों नहीं छोड़ना चाहती थीं?
उत्तर:
क्योंकि उसके पास एक ही झाड़ू थाI
आसमान बार-बार आकर अम्मा की कमर से क्यों टकराता था? तुम्हें क्या लगता है?
उत्तर:
आसमान बार-बार आकर अम्मा की कमर से टकराता था क्योंकि वह बूढ़ी अम्मा से शरारत करता थाI
कक्षा 3 हिन्दी अध्याय 3 बच्चों में किस प्रकार की समझ विकसित करता है?
बूढ़े और कमजोर लोगों को कभी भी परेशान नहीं करना चाहिएI
हिन्दी कक्षा 3 के अध्याय 3 छात्रों के लिए कितना रुचिकर है?
कहानी प्रारम्भ से लेकर अंत तक रूचि और जिज्ञासा बना के रखती हैI
कक्षा 3 हिन्दी का अध्याय 3 का आशय क्या है?
बूढ़े माता-पिता को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और उनके कार्य में उनकी सहायता करनी चाहिएI