एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी अध्याय 2 शेखीबाज़ मक्खी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी रिमझिम अध्याय 2 शेखीबाज़ मक्खी में दिए गए अभ्यास के सभी प्रश्न उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 3 हिंदी रिमझिम के पाठ 2 एक कहानी है जिसमें एक मक्खी को बहादुर होने का घमंड हो जाता है और अपने घमंड के कारण ही वह अंत में मकड़ी के जाल में फंस जाती तथा पछताने लगती है। अभ्यास के प्रश्नों के साथ-साथ अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए हैं जो पाठ को अच्छी तरह से समझने में विद्यार्थियों की मदद करेंगे।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी अध्याय 2
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी अध्याय 2 शेखीबाज़ मक्खी
कक्षा 3 हिंदी अध्याय 2: कहानी का सारांश
यह कहानी एक शेखीबाज मक्खी की हैI मक्खी सोते हुए शेर के कान पर भिनभिनाने लगती हैI शेर को गुस्सा आता है और पंजा मरता है तब तक मक्खी उड़ जाती हैI थोड़ी देर बाद फिर से आकर भिनभिनाने लगती हैI शेर ने गुस्से में कहा अरे मक्खी दूर हट नहीं तो तुझे मार डालूँगाI दोनों में बहस होने लगती है और मक्खी शेर को लड़ने के लिए चैलेन्ज कर देती है और आकार उसके कान पर बैठ जाती हैI
शेर अपने कान पर पंजा मारता है मक्खी तो उड़ जाती है लेकिन शेर के कान में नाख़ून लगने से खून निकल आता हैI अगली बार मक्खी नाक पर बैठती है फिर से शेर कि नाक जख्मी हो जाती हैI इस तरह मक्खी शेर के शरीर पर अलग-अलग जगह बैठती है और शेर घायल होता चला गयाI अंत में शेर ने कहा हे मक्खी बहन मुझे माफ़ कर दो तुम जीती और मैं हाराI
मक्खी को अपने पर घमंड हो गयाI वह आगे उड़ चली रस्ते में उसे हाथी मिला तो उसने हाथी से कहा कि मुझे प्रणाम करो मैनें शेर को हराया हैI हाथी ने भी सोचा कौन इस पागल मक्खी के साथ उलझे उसने सूंड उठाकर चलते बनाI अब मक्खी का घमंड और बढ़ गयाI आगे उसे लोमड़ी मिली, मक्खी ने उसे भी प्रणाम करने को कहा लोमड़ी हाथी को देख चुकी थीI इसलिए उसने भी प्रणाम किया और कपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल करते हुए कहा कि उधर जो मकड़ी रहती है वो आपको बहुत गालियाँ दे रही थीI
मक्खी गुस्से में आग बबूला हो गयी कहा कि मैं अभी मकड़ी को ख़त्म कर देती हूँ और उसकी तरफ झपटीI मक्खी मकड़ी के जाल में उलझ गई, जितना वह छूटने की कोशिश करती है उतना ही वह उलझती गईI यह देख लोमड़ी मुस्कराते हुए निकल लीI
तुम्हें कहानी में कौन सबसे अच्छा लगा? क्यों?
उत्तर:
कहानी में लोमड़ी का किरदार अच्छा लगा, क्योंकि लोमड़ी ने मकड़ी को सबक सिखाया थाI
शेर बलवान होते हुए भी एक छोटी सी मक्खी से क्यों हार गया?
उत्तर:
शेर मक्खी को मारने के चक्कर में जहां मक्खी बैठती थी अपने ही शरीर पर पंजा मार रहा था जिससे वह लहूलुहान हो गया और उसने मक्खी से हार मान ली।
मक्खी मकड़ी के जाल में फँस गई थी। फिर क्या हुआ होगा? कहानी आगे बढ़ाओ।
उत्तर:
मक्खी मकड़ी के जाल से जितना छूटने की कोशिश कर रही थी उतना ही उलझती जाती हैI अंत में मकड़ी उसे खा जायेगी और मकड़ी की कहानी का अंत हो जायेगाI
कक्षा 3 हिन्दी अध्याय 2 बच्चों में किस प्रकार की समझ विकसित करता है?
यह पाठ शिक्षा देता है कि अहंकार करना गलत है और अहंकार करने वाले का बुरा अंत होता है।
हिन्दी कक्षा 3 के अध्याय 2 छात्रों के लिए कितना रुचिकर है?
कहानी काफी रुचिकर है इसमें एक छोटी सी मक्खी बड़े-बड़े जानवरों से पंगे लेती है और उन्हें हारने के लिए मजबूर कर देती है जैसे शेर, हाथी और लोमड़ी लेकिन वही मक्खी एक छोटी सी मकड़ी के जाल में फंस जाती है।
कक्षा 3 हिन्दी का अध्याय 2 का आशय क्या है?
कहानी का आशय है कि मनुष्य को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए। अहंकारी मनुष्य का अंत निश्चित है जैसे शक्तिशाली और अहंकारी रावण का अंत भगवान् श्रीराम के हाथों हुआ।