कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 2 एनसीईआरटी समाधान – क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं
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कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 2 के लिए एनसीईआरटी समाधान 2024-25
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 2 के लिए एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 2 के बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) उत्तर
शुद्ध पदार्थों के लिए निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं? (i) शुद्ध पदार्थों में केवल एक प्रकार के कण होते हैं (ii) शुद्ध पदार्थ, यौगिक अथवा मिश्रण हो सकते हैं (iii) शुद्ध पदार्थों का संघटन सर्वत्र समान रहता है (iv) निकल के अतिरिक्त अन्य सभी तत्वों द्वारा शुद्ध पदार्थों को दृष्टांतित किया जा सकता है:
लोहे से बनी वस्तु में जंग लगने को कहते हैं:
सल्फर तथा कार्बन डाइसल्फाइड का एक मिश्रण है:
निम्नलिखित में से भौतिक परिवर्तन कौन-से हैं? (i) लौह धातु का पिघलना (ii) लौह में जंग लगना (iii) एक लौह छड़ को मोड़ना (iv) लौह धातु का एक तार खींचना।
शुद्ध तथा मिश्रण में क्या अंतर होता है?
- शुद्ध पदार्थ
एक वैज्ञानिक किसी पदार्थ को शुद्ध कहता है तो इसका तात्पर्य है कि उस पदार्थ में मौजूद सभी कण समान रासायनिक प्रकृति
के हैं। एक शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना होता है। - मिश्रण
जब दो या दो से अधिक तत्वों या यौगिको को किसी भी अनिश्चित अनुपात या मात्रा में मिलाते है तो इस प्रकार बने पदार्थ को मिश्रण कहते है। उदाहरण: वायु , रेत आदि। वायु एक मिश्रण है क्यूंकि इसमें विभिन्न प्रकार के अवयव होते है जैसे: ऑक्सीजन , कार्बन डाई ऑक्साइड। - मिश्र धातुएँ
ये धातुओं के समांगी मिश्रण होते हैं जिन्हें भौतिक क्रिया द्वारा अवयवों में पृथक नहीं किया जा सकता है लेकिन फिर भी मिश्र धातुओं को मिश्रण माना जाता है। उदाहरण: के लिए पीतल, ज़िंक (लगभग 30%) और कॉपर (लगभग 70%) का मिश्रण है। - विलयन
विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है। आप प्रतिदिन बहुत प्रकार के विलयनों को देखते होंगे। नींबू जल, सोडा जल आदि विलयन के उदाहरण हैं।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 2 के अभ्यास के लिए सवाल जवाब
वाष्पन द्वारा नमक को उसके विलयन से पुन: प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए कोई अन्य तकनीक सुझाइए।
क्रिस्टलीकरण के द्वारा भी विलयन से नमक को प्राप्त किया जा सकता है।
‘समुद्री जल’ को समांगी तथा साथ ही विषमांगी मिश्रण के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है। टिप्पणी कीजिए।
समांगी: लवण तथा जल का विलयन।
विषमांगी: जल, लवण, कीचड़-युक्त क्षयी पौधे आदि।
धुआँ तथा कोहरा दोनों एरोसॉल हैं। ये किस प्रकार भिन्न हैं?
कोहरा तथा धुआँ दोनों में परिक्षेपण माध्यम गैस है। केवल अंतर यह है कि कोहरे में परिक्षिप्त प्रावस्था द्रव है जबकि धुएँ में यह ठोस है।
मिश्रण सम्बन्धी मुख्य अवधारणाएँ कौन कौन सी हैं?
मिश्रण सम्बन्धी मुख्य अवधारणाएँ एवं निष्कर्ष
- 1. मिश्रण में एक से अधिक पदार्थ (तत्व तथा/अथवा यौगिक) किसी भी अनुपात में मिले होते हैं।
- 2. मिश्रणों को पृथव् करने के लिए उचित विधियों से शुद्ध पदार्थों में पृथक्करण किया जा सकता है।
- 3. विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है। विलयन के बड़े अवयव को विलायक कहते हैं तथा छोटे अवयव को विलेय कहते हैं।
- 4. विलयन की सांद्रता उसके इकाई आयतन में उपस्थित विलेय का द्रव्यमान अथवा आयतन है।
- 5. वह पदार्थ जो विलायक में अघुलनशील तथा आँखों से देखा जा सकता है, निलंबन कहलाता है। निलंबन एक विषमांगी मिश्रण होता है।
- 6. कोलाइड एक विषमांगी मिश्रण है, जिसके कणों का आकार इतना छोटा है कि उन्हें सरलता से देखा नहीं जा सकता, किंतु इतना बड़ा है कि ये प्रकाश का फैलाव कर सकने में सक्षम होते हैं। कोलाइड उद्योगों में तथा दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण है। विलेय कणों को परिक्षिप्त प्रावस्था कहते हैं और विलायक जिसमें ये पूरी तरह से वितरित रहते हैं, उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं।
- 7. शुद्ध पदार्थ तत्व या यौगिक हो सकते हैं। तत्व पदार्थ का मूल रूप होता है, जिसे रासायनिक क्रिया द्वारा सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। यौगिक वह पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों के स्थिर अनुपात में रासायनिक रूप में संयोजन से निर्मित होता है।
- 8. यौगिकों के गुण उसमें निहित तत्वों के गुणों से भिन्न होते हैं, जबकि मिश्रण में उपस्थित तत्व और यौगिक अपने-अपने गुणों को दर्शाते हैं।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 2 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
आपको रेत, लौह छीलन, अमोनियम क्लोराइड तथा सोडियम क्लोराइड युक्त मिश्रण दिया गया है। इस मिश्रण से इन अवयवों को पृथक करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
पद-1: चुंबक की सहायता से लौह छीलन को पृथक करें।
पद-2: शेष मिश्रण के उर्ध्वपातन से अमोनियम क्लोराइड पृथक होता है।
पद-3: शेष मिश्रण में जल मिलाएँ, विलोड़ित करें तथा छानें।
पद-4: निस्पंद को वाष्पित कर सोडियम क्लोराइड को पुन: प्राप्त करें।
निम्नलिखित में से प्रत्येक को भौतिक अथवा एक रासायनिक परिवर्तन के रूप में वर्गीकृत कीजिए। कारण दीजिए: (a) धूप में शर्ट का सूखना। (b) रेडिएटर के ऊपर गर्म वायु का उठना। (c) लालटेन में कैरोसीन का जलना। (d) नीबू रस मिलाने पर काली चाय का रंग परिवर्तित होना। (e) मक्खन प्राप्त करने के लिए दूध क्रीम का मंथन।
भौतिक परिवर्तन (a), (b), (e)
रासायनिक परिवर्तन (c), (d)
100 ग्राम जल में 20% (द्रव्यमान प्रतिशत) विलयन बनाने के लिए आवश्यक सोडियम सल्फेट के द्रव्यमान का परिकलन कीजिए।
माना सोडियम सल्फेट का आवश्यक द्रव्यमान = x g
विलयन का द्रव्यमान होगा, (x + 100)g
अत: (x + 100)g विलयन में x g विलेय है।
20 = {x / (x + 100)} x 100
20 x + 2000 = 100x
80 x = 2000
x = 2000/80
= 25 g
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 2 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
पदार्थ से आप क्या समझते हैं?
एक या एक से अधिक शुद्ध तत्वों या यौगिकों से मिलकर बना मिश्रण, पदार्थ कहलाता है। वे पदार्थ जो एक ही प्रकार के अणुओं और परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं तथा सभी कणों की रासायनिक प्रकृति समान होती है, शुद्ध पदार्थ कहलाते हैं।
पेट्रोल और मिट्टी का तेल (Kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक करेंगे। पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25 °C से अधिक का अंतराल है।
दो घुलनशील द्रवों के मिश्रण को (जिनके क्वथनांकों में 25 °C से अधिक का अंतराल है) हम प्रभाजी आसवन विधि से पृथक कर सकते हैं। प्रभाजी आसवन विधि द्रवों के अवयवों के क्वथनांको में अंतर पर आधारित होती है। इस विधि में कम क्वथनांक वाला द्रव पहले वाष्पित हो कर अलग हो जाता है तथा अधिक क्वथनांक वाला द्रव आसवन फ्लास्क में बचा रह जाता है।
पृथक करने की सामान्य विधियों के नाम दें: (i) दही से मक्खन, (ii) समुद्री जल से नमक, (iii) नमक से कपूर।
(i) दही से मक्खन – अपकेंद्रन विधि से (ii) समुद्री जल से नमक – वाष्पीकरण (iii) नमक से कपूर – ऊर्ध्वपातन विधि से
क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रणों को पृथक किया जा सकता है?
क्रिस्टलीकरण विधि से मिश्रणों को पृथक करने के लिए इसे जल की न्यूनतम मात्रा में घोल कर अशुद्धियों को छान लेते हैं। इसके पश्चात विलयन को छानक पत्र से ढक कर ठंडा होने के लिए छोड़ देते हैं। ठंडा होने पर हमें पदार्थ के क्रिस्टल प्राप्त हो जाते हैं।