कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 10 एनसीईआरटी समाधान – कार्य तथा ऊर्जा
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 10 एनसीईआरटी समाधान पाठ 10 कार्य तथा ऊर्जा अभ्यास के प्रश्न उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। अभ्यास के प्रश्नों के साथ साथ पाठ के बीच में पेजों पर दिए गए प्रश्नों के जवाब भी विद्यार्थी यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। सभी समाधान पीडीएफ और ऑनलाइन दौनों रूपों में हिंदी तथा अंग्रेजी माध्यम में बनाए गए हैं, इसलिए छात्र अपनी आवश्यकता के अनुसार इनका उपयोग कर सकते हैं। पीडीएफ समाधान के लिए कक्षा 9 विज्ञान समाधान ऐप डाउनलोड करें।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 10 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 10 के लिए एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 10 के बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) उत्तर
जब कोई पिंड मुक्त रूप से पृथ्वी की ओर गिरता है, तो इसकी कुल उर्जा
किसी पिंड पर किया गया कार्य निम्नलिखित में किस पर निर्भर नहीं करता?
बाँध के संग्रहित जल में
कोई कार किसी समतल सड़क पर त्वरित होकर अपने आरंभिक वेग का चार गुना वेग प्राप्त कर लेती है। इस प्रक्रिया में कार की स्थितिज उर्जा
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 10 अभ्यास प्रश्न उत्तर
प्रश्न:
चार व्यक्ति 250 kg के बॉक्स को 1 m की उँचाई तक उठाते हैं और उसे बिना उपर-नीचे किए थामे रखते हैं:
(a) ये व्यक्ति बॉक्स को उपर उठाने में कितना कार्य करते हैं?
(b) बॉक्स उपर थामे रखने में वे कितना कार्य करते हैं?
(c) बॉक्स को थामे रखने में वे थक क्यों जाते हैं? (g = 10 m s⁻²)
उत्तर:
(a) F = 250 kg × g (g = 10 m s⁻²)
= 2500 N
s = 1 m
W = F .s = 2500 N m
= 2500 J
(b) शून्य; क्योंकि बॉक्स को थामे रखते समय यह बिलकुल भी स्थानांतरित नहीं होता।
(c) बॉक्स को पकड़ कर रखने के प्रयास में व्यक्ति इस पर बल लगाते हैं जो बॉक्स पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल के परिमाण में बराबर होता है और विपरीत दिशा में। यह बल आरोपित करने में पेशियों का आयास सम्मिलित होता है, इसलिए वे थक जाते हैं।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 10 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
क्या किसी पिंड की यांत्रिक उर्जा शून्य होने पर भी उसमें संवेग हो सकता है? स्पष्ट कीजिए।
नहीं। क्योंकि यांत्रिक उर्जा शून्य है इसलिए पिंड में न तो स्थितिज उर्जा है और न ही गतिज उर्जा। गतिज उर्जा शून्य होने के कारण वेग शून्य होता है। अत: पिंड का कोई संवेग नहीं होगा।
क्या किसी पिंड का संवेग शून्य होने पर भी उसमें यांत्रिक उर्जा हो सकती है? स्पष्ट कीजिए।
हाँ। यांत्रिक उर्जा में स्थिति ज उर्जा एवं गतिज उर्जा दोनों ही सम्मिलित हैं। संवेग शून्य होने का अर्थ है वेग शून्य होना। अत: पिंड की कोई गतिज उर्जा नहीं होती, परंतु इसमें स्थितिज उर्जा हो सकती है।
किसी व्यक्ति का ग्रह A पर भार उसके पृथ्वी पर भार का लगभग आधा है। वह पृथ्वी के पृष्ठ पर 0.4 m की उँची छलाँग लगा सकता है। ग्रह A पर वह कितनी उँची छलाँग लगाएगा?
क्योंकि ग्रह A पर व्यक्ति का भार पृथ्वी पर उस के भार का आधा है। ग्रह A के गुरुत्व के कारण त्वरण का मान पृथ्वी के गुरुत्व के कारण त्वरण के मान का आधा होगा। अत: उतना ही पेशीय बल लगाकर वह दोगुनी उँचाई तक छलाँग लगा सकेगा।
क्या यह संभव है कि कोई पिंड बाह्य बल लगने के कारण त्वरित गति की अवस्था में तो हो, परंतु उस पर बल द्वारा कोई कार्य न हो रहा हो। उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
हाँ। यह संभव है, यदि पिंड वृत्ताकार पथ पर चल रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहाँ बल सदैव विस्थापन की दिशा के लंबवत् कार्य करता है।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 10 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?
जब वस्तु पर लगाए गए बल से वस्तु बल की दिशा में गति करती है तब हम कहते हैं कि वस्तु ने कार्य किया है।
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।
किया गया कार्य = बल × बल की दिशा में विस्थापन ⇒ W = F × d
1 J कार्य को परिभाषित कीजिए।
जब वस्तु पर लगाए गए 1 N बल से, बल की दिशा में विस्थापन 1 m हो, तो किया गया कार्य 1 J होता है।
बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगती है। जोता गया खेत 15 m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?
हल पर लगने वाला बल =140 N बल की दिशा में विस्थापन =15 m खेत की लंबाई को जोतने में किया गया कार्य = बल × बल की दिशा में विस्थापन = 140 × 15 = 2100 J अतः, बैलों द्वारा खेत की लंबाई को जोतने में किया गया कार्य 2100 J है।
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है?
किसी वस्तु में उसकी गति के कारण संचित ऊर्जा को उसकी गतिज ऊर्जा कहते हैं। वस्तु की गतिज ऊर्जा उसके द्रव्यमान तथा गति पर निर्भर करती है।