एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 संस्कृत अध्याय 9 सप्तभगिन्य:
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 संस्कृत अध्याय 9 नवम: पाठ: सप्तभगिन्य: के लिए विद्यार्थी यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं। कक्षा 8 संस्कृत के ये समाधान सीबीएसई सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित किए गए हैं ताकि विद्यार्थी नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार पढाई कर सकें। इस पाठ में भारत देश के उत्तर-पूर्व के साथ राज्यों की विशेषताओं के बारे में बताया गया है। पूरे पाठ में संवाद के माध्यम से इन्हीं सातों राज्यों के बारे में वर्णन किया गया है। यहाँ दिए गए हिंदी अनुवाद की मदद से पूरे पाठ को आसानी से समझा जा सकता है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 संस्कृत नवम: पाठ: सप्तभगिन्य: के उत्तर
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 संस्कृत नवम: पाठ: सप्तभगिन्य:
कक्षा 8 संस्कृत अध्याय 9 सप्तभगिन्य: का हिंदी अनुवाद
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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अध्यापिका – सुप्रभातम्। | अध्यापिका – सुप्रभात। |
छात्रा: – सुप्रभातम्। सुप्रभातम्। | छात्राएँ – सुप्रभात, सुप्रभात। |
अध्यापिका – भवतु। अद्य किं पठनीयम्? | अध्यापिका – अच्छा, आज क्या पढ़ना है? |
छात्रा: – वयं सर्वे स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छाम:। | छात्राएँ – हम सभी अपने देश के राज्यों के विषय में जानना चाहती हैं। |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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अध्यापिका – शोभनम्। वदत। अस्माकं देशे कति राज्यानि सन्ति? | अध्यापिका – सुन्दर। बोलो। हमारे देश में कितने राज्य हैं? |
सायरा – चतुर्विंशति: महोदये! | सायरा – महोदया, चौबीस। |
सिल्वी – न हि न हि महाभागे! पञ्चविंशति: राज्यानि सन्ति। | सिल्वी – नहीं, नहीं। महाभागा! पच्चीस राज्य हैं। |
अध्यापिका – अन्य: कोऽपि….? | अध्यापिका – कोई अन्य भी …………? |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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स्वरा – (मध्ये एव) महोदये! मे भगिनी कथयति यदस्माकं देशे नवविंशति: राज्यानि सन्ति। एतदतिरिच्य सप्त केन्द्रशासितप्रदेशा: अपि सन्ति। | स्वरा – (बीच में ही) महोदया, मेरी बहन कहती है कि हमारे देश में अट्ठाईस राज्य हैं। इसके अतिरिक्त सात केन्द्रशासित प्रदेश भी हैं। |
अध्यापिका – सम्यग्जानाति ते भगिनी। भवतु, अपि जानीथ यूयं यदेतेषु राज्येषु सप्तराज्यानाम् एक: समवायोऽस्ति य: सप्तभगिन्य: इति नाम्ना प्रथितोऽस्ति। | अध्यापिका – तुम्हारी बहन अच्छी प्रकार जानती है। ठीक है, क्या तुम जानते हो कि इन राज्यों में सात राज्यों का एक समूह है, जो ‘सात बहनें’ इस नाम से प्रसिद्ध है। |
सर्वे – (साश्चर्यम् परस्परं पश्यन्त:) सप्तभगिन्य:? सप्तभगिन्य:? | सभी (आश्चर्यपूर्वक एक-दूसरे को देखते हुए) सात बहनें? सात बहनें? |
निकोलस: – इमानि राज्यानि सप्तभगिन्य: इति किमर्थं कथ्यन्ते? | निकोलस – ये राज्य ‘सात बहनें’ इस नाम से किस प्रकार कहे जाते हैं? |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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अध्यापिका – प्रयोगोऽयं प्रतीकात्मको वर्तते। कदाचित् सामाजिक-सांस्कृतिक- परिदृश्यानां साम्याद् इमानि उक्तोपाधिना प्रथितानि। | अध्यापिका – यह प्रयोग सांकेतिक है। संभवतः सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण की समानता के कारण ये उक्त उपाधि (अर्थात् विशेषण) के द्वारा प्रसिद्ध हो गए हों। |
समीक्षा – कौतूहलं मे न खलु शान्तिं गच्छति, श्रावयतु तावद् यत् कानि तानि राज्यानि? | समीक्षा – मेरी जिज्ञासा शान्त नहीं हो रही है। सुनाइए, वे कौन-से राज्य हैं? |
अध्यापिका -शृणुत! अद्वयं मत्रयं चैव न-त्रि-युक्तं तथा द्वयम्। | अध्यापिका – दो-यह सात राज्यों का समूह ‘भगिनी सप्तक’ के नाम से जाना जाता है। |
सप्तराज्यसमूहोऽयं भगिनीसप्तकं मतम्॥ इत्थं भगिनीसप्तके इमानि राज्यानि सन्ति-अरुणाचलप्रदेश:, असम:, मणिपुरम्, मिजोरम:, मेघालय:, नगालैण्ड:, त्रिपुरा चेति। | इस प्रकार ‘भगिनी सप्तक’ में ये राज्य हैं-अरुणाचलप्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नगालैण्ड और त्रिपुरा। |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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यद्यपि क्षेत्रपरिमाणै: इमानि लघूनि वर्तन्ते तथापि गुणगौरवदृष्ट्या बृहत्तराणि प्रतीयन्ते। | यद्यपि क्षेत्रफल की दृष्टि से ये (राज्य) छोटे हैं, फिर भी गुण और गौरव की दृष्टि से बड़े प्रतीत होते हैं। |
सर्वे – कथम्? कथम्? | सभी – कैसे? कैसे? |
अध्यापिका – इमा: सप्तभगिन्य: स्वीये प्राचीनेतिहासे प्राय: स्वाधीना: एव दृष्टा:। | अध्यापिका – ये सात बहनें अपने प्राचीन इतिहास में प्रायः स्वाधीन ही दृष्टिगोचर होती हैं। |
न केनापि शासकेन इमा: स्वायत्तीकृता:। | किसी भी शासक ने इन्हें अपने अधीन नहीं किया। |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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अनेक- संस्कृति-विशिष्टायां भारतभूमौ एतासां भगिनीनां संस्कृति: महत्त्वाधायिनी इति। | अनेक संस्कृतियों से विशिष्ट भारतभूमि में इन बहनों की संस्कृति महत्त्वपूर्ण है। |
तन्वी – अयं शब्द: सर्वप्रथमं कदा प्रयुक्त:? | तन्वी – सबसे पहले इस शब्द का प्रयोग कब हुआ? |
अध्यापिका – श्रुतमधुरशब्दोऽयं सर्वप्रथमं विगतशताब्दस्य द्विसप्ततितमे वर्षे त्रिपुराराज्यस्योद्घाटनक्रमे केनापि प्रवर्तित:। | अध्यापिका – सुनने में मधुर लगने वाला यह शब्द गत शती के बहत्तरवें साल में (1972 ई.) त्रिपुरा राज्य के उद्घाटन क्रम में किसी के द्वारा प्रयोग किया गया। |
अस्मिन्नेव काले एतेषां राज्यानां पुन: सङ्घटनं विहितम्। | इस समय ही इन राज्यों का पुनः गठन किया गया। |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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स्वरा – अन्यत् किमपि वैशिष्ट्यमस्ति एतेषाम्? | स्वरा – इनकी दूसरी भी कोई विशेषता है। |
अध्यापिका – नूनम् अस्ति एव। पर्वत-वृक्ष-पुष्प-प्रभृतिभि: प्राकृतिकसम्पद्भि: सुसमृद्धानि सन्ति इमानि राज्यानि। | अध्यापिका – अवश्य ही है। पर्वत, वृक्ष तथा पुष्प आदि प्राकृतिक सम्पदाओं के द्वारा ये राज्य समृद्ध हैं। |
भारतवृक्षे च पुष्प- स्तबकसदृशानि विराजन्ते एतानि। | भारत रूपी वृक्ष पर ये (राज्य) फूलों के गुच्छों के समान विराजमान हैं। |
राजीव: – भवति! गृहे यथा सर्वाधिका रम्या मनोरमा च भगिनी भवति तथैव भारतगृहेऽपि सर्वाधिका: रम्या: इमा: सप्तभगिन्य: सन्ति। | राजीव: – भवति! गृहे यथा सर्वाधिका रम्या मनोरमा च भगिनी भवति तथैव भारतगृहेऽपि सर्वाधिका: रम्या: इमा: सप्तभगिन्य: सन्ति। |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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अध्यापिका – मनस्यागता ते इयं भावना परमकल्याणमयी परं सर्वे न तथा अवगच्छन्ति। | अध्यापिका – तुम्हारे मन में आई हुई यह भावना परमकल्याणमयी है, परन्तु सभी ऐसा नहीं सोचते हैं। |
अस्तु, अस्ति तावदेतेषां विषये किञ्चिद् वैशिष्ट्यमपि कथनीयम्। | ठीक है, इनके विषय में कुछ विशेषता भी कहनी चाहिए। |
सावहितमनसाशृणुत- जनजातिबहुलप्रदेशोऽयम्। | सावधान मन से सुनो यह जनजाति बहुल प्रदेश है। |
गारो-खासी-नगा-मिजो-प्रभृतय: बहव: जनजातीया: अत्र निवसन्ति। | गारो, खासी, नगा तथा मिजो आदि अनेक जनजातियाँ यहाँ निवास करती हैं। |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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शरीरेण ऊर्जस्विन: एतत्प्रादेशिका: बहुभाषाभि: समन्विता:, पर्वपरम्पराभि: परिपूरिता:, स्वलीला कलाभिश्च निष्णाता: सन्ति। | शरीर से ऊर्जा से भरे हुए इन प्रदेशों के निवासी अनेक भाषाओं से युक्त त्योहारों की परम्पराओं से पूर्ण अपनी क्रियाओं और कलाओं में प्रवीण होते हैं। |
मालती – महोदये! तत्र तु वंशवृक्षा अपि प्राप्यन्ते? | मालती – महोदया ! वहां बांस के वृक्ष पाए जाते हैं। |
अध्यापिका – आम्। प्रदेशेऽस्मिन् हस्तशिल्पानां बाहुल्यं वर्तते। | अध्यापिका – हाँ। इस प्रदेश में हस्तशिल्पों की अधिकता है। |
आवस्त्राभूषणेभ्य: गृहनिर्माणपर्यन्तं प्राय: वंशवृक्षनिर्मितानां वस्तूनाम् उपयोग: क्रियते। | वस्त्र व आभूषणों से लेकर घरों के निर्माण तक प्रायः बाँस के वृक्षों से निर्मित वस्तुओं का उपयोग किया जाता है। |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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यतो हि अत्र वंशवृक्षाणां प्राचुर्यं विद्यते। | क्योंकि यहाँ बाँस के वृक्षों की अधिकता है। |
साम्प्रतं वंशोद्योगोऽयं अन्ताराष्ट्रियख्यातिम् अवाप्तोऽस्ति। | अब यह बाँसों का उद्योग (व्यवसाय) अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि को प्राप्त हो गया है। |
अभिनव: – भगिनीप्रदेशोऽयं बह्वाकर्षक: इति प्रतीयते। | अभिनव – यह भगिनीप्रदेश अत्यधिक आकर्षक ज्ञात होता है। |
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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सलीम: – किं भ्रमणाय भगिनीप्रदेशोऽयं समीचीन:? | सलीम – क्या भ्रमण के लिए यह भगिनीप्रदेश उचित है? |
सर्वे छात्रा: – (उच्चै:) महोदये! आगामिनि अवकाशे वयं तत्रैव गन्तुमिच्छाम:। | सभी छात्र – (जोर से) महोदया! आने वाले अवकाश में हम वहाँ ही जाना चाहते हैं। |
स्वरा – भवत्यपि अस्माभि: सार्द्धं चलतु। | स्वरा – आप भी हमारे साथ चलें। |
अध्यापिका – रोचते मेऽयं विचार:। एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थं स्वर्गसदृशानि इति। | अध्यापिका – मुझे यह विचार अच्छा लगता है। ये राज्य भ्रमण के लिए स्वर्ग के समान हैं। |