एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 11 सूरदास के पद
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 11 सूरदास के पद के प्रश्न उत्तर अभ्यास के सवाल जवाब सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते है। आठवीं के छात्र वसंत के पाठ 11 में दिए गए पदों को समझने के लिए यहाँ दिए गए एनसीईआरटी समाधान का प्रयोग करके इसे आसानी से सीख सकते हैं।
कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 11 सूरदास के पद के प्रश्न उत्तर
बालक श्रीकृष्ण किस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए?
माँ यशोदा के अनुसार यदि वे खूब सारा दूध पिएंगे तो उनकी चोटी जल्दी से बढ़ जाएगी और उनके बड़े भाई बलराम की तरह मोटी भी हो जाएगी। इसी लालच में कृष्ण दूध पीने के लिए तैयार हो गए।
दूसरे पद को पढ़कर बताइए कि आपके अनुसार उस समय श्रीकृष्ण की उम्र क्या रही होगी?
इस पद को पढ़कर ऐसा लगता है कि उस समय उनकी उम्र पांच से दस साल के बीच रही होगी।
श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे?
श्रीकृष्ण यही सोच रहे थे कि जब मेरी चोटी बलराम भैया की तरह बड़ी और मोटी हो जाएगी तब मेरी चोटी भी खुल कर नागिन की तरह लहराएगी।
किसी ऐसी घटना के विषय में लिखिए जब किसी ने आपकी शिकायत की हो और फिर आपके किसी अभिभावक, माता-पिता, बड़े भाई-बहिन इत्यादि ने आपसे उत्तर माँगा हो।
ऐसा बच्चों के साथ अक्सर होता रहता है और उनको अपने अविभावक को सफाई देनी पड़ती हैं।
दूध की तुलना में श्रीकृष्ण कौन-से खाद्य पदार्थ को अधिक पसंद करते हैं?
माखन-रोटी के सामने श्रीकृष्ण को दूध भी अच्छा नहीं लगता।
श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द लिखिए।
बंशीधर, चक्रधर, माखनचोर, द्वारकाधीश, कन्हैया।
पर्यायवाची शब्द
1. मैया माँ, माता, जननी, धात्री, अम्बा
2. बलराम हलधर, दाऊ, बलभद्र
3. काढ़त निकालना, गूंथना
4. बेनी चोटी, शिखा, मूर्धा, शिखर
5. दूध दुग्ध, पय, गौरस, पय, क्षीर
‘तैं ही पूत अनोखौ जायौ – पंक्तियों में ग्वालन के मन के कौन-से भाव मुखरित हो रहे हैं?
ग्वालन के मन में यह ईर्ष्या है कि श्रीकृष्ण यशोदा के बेटे हैं उनका पुत्र ऐसा नहीं है। इसीलिए वह श्रीकृष्ण के मक्खन चुराने का उलाहना देकर उन्हें ताने देते हुए कहती है कि केवल तुम्हारा ही बेटा अनोखा है हमारे तो बेटे नहीं है।
विपरीतार्थक शब्द
1. संग्रह – विग्रह
2. रात – दिन
3. लंबा – छोटा
4. विज्ञ – अज्ञ
5. प्रकट – ओझल
मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन बिखरा क्यों देते हैं?
श्रीकृष्ण अपनी मंडली के साथ ही लोगों के घरों में मक्खन चुराते हुए घूमते हैं वे खुद भी खाते हैं और अपने सखाओं को भी खिलाते हैं मक्खन गिराते इसलिए हैं ताकि चोरी का अपराध अन्य सखाओें पर डाला जा सके।
दोनों पदों में से आपको कौन-सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?
दोनों पदों में पहला पद सबसे अच्छा लगा क्योंकि इसमें माँ यशोदा और श्रीकृष्ण का मनोंहारी संवाद हैं। जिसमें एक तरफ माँ हर बहाने से उन्हें दूध पिलाना चाहती हैं और दूसरी तरफ वे चोटी न बढ़ने से माँ पर झूठमूठ बहलाने का आरोप लगाते हैं। वे जल्दी से जल्दी अपनी चोटी बलराम भैया की तरह बड़ी करना चाहते हैं इसीलिए वे जल्दी से दूध को पीने को तैयार हो जाते हैं।
कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची कहते हैं। और कुछ विपरीत अर्थवाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे:
पर्यायवाची
चंद्रमा – शशि, इंदु, राका
मधुकर – भ्रमर, भौंरा, मधुप
सूर्य – रवि, भानु, दिनकर
विपरीतार्थक
दिन – रात
श्वेत – श्याम
शीत – ऊष्ण