कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 26 अनुच्छेद लेखन

कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 26 अनुच्छेद लेखन और अभ्यास के लिए विभिन्न अनुच्छेद, साथ में विडियो व्याख्या शैक्षणिक सत्र 2024-25 में परीक्षा की तैयारी के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। विद्यार्थी कक्षा 8 में हिंदी ग्रामर के पाठ 26 का अभ्यास यहाँ दिए अभ्यास पुस्तिका के माध्यम से सरलता से कर सकते हैं।

अनुच्छेद-लेखन

किसी विषय से संबंद्ध महत्त्वपूर्ण बातों का सार एक अनुच्छेद में सुंदर ढंग से उपस्थित कर देना ‘अनुच्छेद लेखन’ कहलाता है। अनुच्छेद तथा निबंध में काफी अंतर होता है। निबंध में किसी विषय को विस्तार से प्रयुक्त किया जाता है जबकि अनुच्छेद में विषय का सार लिखा जाता है। अनुच्छेद एक ही पैरा में लिखा जाता है।
अनुच्छेद लेखन के प्रकार
अनुच्छेद-लेखन चार प्रकार से किया जा सकता है-
1. वर्णनात्मक- जैसे आता सूरज, मेरा विद्यालय, बहती गंगा।
2. अनुभवों पर आधारित विषय- जैसे जब मैं बस से गिर गया।
3. काल्पनिक विषय- जैसे चमकता तारा, फूल और काँटा।
4. विचारात्मक विषय- जैसे भाग्य बनाम पुरुषार्थ, जियो और जीने दो।

अनुच्छेद लेखन में सावधानियां

अनुच्छेद लिखने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
(क) वाक्य छोटे व प्रभावशाली हों।
(ख) मुख्य बिदुओं को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
(ग) विषय के अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए।
(घ) वाक्यों में तारतम्यता बनी रहनी चाहिए।
(ङ) अनुच्छेद केवल एक ही पैरा में लिखना चाहिए।
(च) भाषा सरल एवं सुगम होनी चाहिए।

बाल दिवस पर अनुच्छेद

चौदह नवंबर को पं० जवाहर लाल नेहरू का जन्म दिवस पड़ता है। इसी को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। पं० नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे। उन्हें जब भी अवकाश मिलता था, वे बच्चों के बीच में जाकर स्वयं को भूल जाते थे। अपने जन्म दिवस पर वे प्रायः दिल्ली के राष्ट्रीय स्टेडियम में बच्चों की विशाल रैली का आयोजन करते थे। तब से 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

बाल दिवस को समूचे देश के स्कूलों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अनेक प्रकार के खेल कराए जाते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस दिन देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य बन जाता है कि इस दिन बाल दिवस कल्याण के लिए कुछ-न-कुछ किया जाना चाहिए। आज बाल दिवस प्रत्येक देशवासी को एक ओर पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे महान व्यक्ति की विशाल ”दयता का स्मरण कराता है, जिन्होंने स्वार्थ-रहित देश की स्वतंत्रता संग्राम में अहम् भूमिका निभाई। दूसरी ओर यह देश की भावी पीढ़ी-बालक और बालिकाओं की कामनाओं, उनकी इच्छा-आकांक्षाओं की पूर्ति का प्रतीक बन गया है।

गंगा नदी पर अनुच्छेद

गंगा हमारी परम उज्ज्वल संस्कृति की ध्वजवाहिका है। कहा जाता है कि भगीरथ की तपस्या के कारण ही गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आई। तब से यह पवित्र नदी दीन-दुखियों के दुःख को कम कर रही है। यह नदी गंगोत्री के गोमुख से निकलकर बंगाल की खाड़ी तक के सफर में अपने तटवर्ती प्रदेशों को अपना आशीर्वाद लुटाती हुई निश्चित भाव से बहती चली जा रही है। गंगा नदी हमारे जीवन में ही साथ नहीं देती, मरण के पश्चात् भी हमें अपनी गोद में धारण कर लेती है।

गंगा नदी के वरदान से हमारे लोक और परलोक दोनों सँवर जाते हैं। किंतु गंगा जिस प्रकार से इस समय प्रदूषित हो रही है। उद्योग-धंधों के तथा मिलों से बहाए जाने वाले कचरों ने इसके अमृत-तुल्य जल को प्रदूषित कर दिया है। साथ ही गंगा में पाए जाने वाले विभिन्न दुर्लभ जलचर प्रायः विलुप्त हो रहे हैं। अतः आज हम सबका कर्तव्य है कि गंगा को प्रदूषित होने से बचाया जाए। गंगा की सफाई हो तथा उसमें बहाए जाने वाले कचरों पर रोक लगे। गंगा को हमारे देश में एक धार्मिक भावना से देखा जाता है। गंगा को माँ कहकर भी पुकारते हैं।

कक्षा 8 हिंदी व्याकरण पाठ 26 अनुच्छेद लेखन
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