कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 10 विशेषण
कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 10 विशेषण तथा विशेषण के उदाहरण पर आधारित अभ्यास पुस्तिका विद्यार्थी शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। आठवीं कक्षा में हिंदी ग्रामर के पाठ 10 में छात्र-छात्राएँ विशेषण के भेदों – संख्यावाचक, परिमाणवाचक, गुणवाचक और सार्वनामिक विशेषण के बारे में भी उदाहरण सहित समझेंगे।
विशेषण
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताए, उसे विशेषण कहते हैं।
उदाहरण:
(क) राहुल अच्छा लड़का है।
(ख) मेरे पास दस रुपये हैं।
(ग) उसके पास कुछ आम हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में प्रयुक्त शब्द अच्छा, दस, कुछ वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बता रहे हैं।
विशेष्य
विशेषण पद जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है, उसे ‘विशेष्य’ कहते हैं।
विशेषण | विशेष्य |
---|---|
सफ़ेद | गाय |
तीन | केले |
दो किलो | चीनी |
लंबी | मेज |
बड़ा | मैदान |
ऊंचा | पर्वत |
विशेषण के भेद
विशेषण के चार मुख्य भेद होते हैं:
1. संख्यावाचक विशेषण
2. परिमाणवाचक विशेषण
3. गुणवाचक विशेषण
4. सार्वनामिक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण
जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का ज्ञान हो, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे- तीन, दस, कुछ, अनेक आदि।
परिमाणवाचक विशेषण
जिस विशेषण से किसी वस्तु की तौल, नाप या माप का ज्ञान हो, उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे- कुछ दूध, सवा आठ, पाँच गज आदि।
गुणवाचक विशेषण
जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के गुण अर्थात् रूप, रंग, स्वभाव आदि का ज्ञान हो, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे- अच्छा, पीला, दयालु, मीठा आदि।
सार्वनामिक विशेषण
जिस सर्वनाम का प्रयोग विशेषण के रूप में होता है, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
सर्वनाम | विशेषण |
---|---|
यह ले लो। | यह सूरत देखो। |
वह अच्छा गाती है। | वह लड़की अच्छा गाती है। |
तुम क्या करोगे? | तुम लोग क्या करोगे? |
प्रविशेषण
विशेषण अथवा क्रिया-विशेषण की विशेषता बताने वाले शब्दों को प्रविशेषण कहते हैं। जैसे- वह बड़ा साहसी है। यहाँ ‘बड़ा’ प्रविशेषण है क्योंकि वह ‘वह’ का विशेषण ‘साहसी’ की विशेषता बता रहा है।
उदाहरण:
(क) दिल्ली बहुत प्रदूषित शहर है।
(ख) तुम अत्यंत मेधावी छात्र हो।
विशेषणों की तुलना
जिन विशेषणों द्वारा दो या अधिक वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है, उन्हें तुलनात्मक विशेषण कहते हैं। ऐसे विशेषणों की तीन अवस्थाएँ होती हैं- मूल अवस्था, उत्तर अवस्था और उत्तम अवस्था।
(क) मूल अवस्था- इस अवस्था में किसी प्रकार की तुलना नहीं होती है। जैसे- राम श्रेष्ठ है।
(ख) उत्तर अवस्था- इस अवस्था में दो वस्तुओं, व्यक्तियों या स्थानों की तुलना की जाती है। जैसे- राम श्रेष्ठतर है। आम अंगूर से मीठा है।
(ग) उत्तम अवस्था- इस अवस्था में दो या दो से अधिक व्यक्तियों, या स्थानों में सबसे बढ़कर बताया जाता है। जैसे- राम अपने भाइयों में श्रेष्ठतम् है। आम सभी फ़लों से मीठा है। केवल गुणवाचक, अनिश्चित संख्यावाचक और अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषणों की ही तुलनात्मक अवस्थाएँ होती हैं।
विशेषण की तुलनात्मक अवस्थाएँ
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
---|---|---|
सुंदर | सुंदरतर | सुंदरतम |
उच्च | उच्चतर | उच्चतम |
प्रिय | प्रियतर | प्रियतम |
कोमल | कोमलतर | कोमलतम |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठतर | श्रेष्ठतम |
न्यून | न्यूनतर | न्यूनतम |