एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 संस्कृत पाठ 6 समुद्रतटः

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 संस्कृत अध्याय 6 समुद्रतटः पाठ्यपुस्तक रुचिरा भाग 1 में दिए गए सभी प्रश्न उत्तर, शब्द अर्थ, रिक्त स्थान, मिलान आदि के उत्तर यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। छठी कक्षा संस्कृत के ये सभी समाधान सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए संशोधित किए गए हैं ताकि विद्यार्थियों को नवीनतम पाठ्यक्रम के हल आसानी से प्राप्त हो सकें। तिवारी अकादमी पर कक्षा 6 संस्कृत सभी के सभी प्रश्न उत्तर निशुल्क पीडीएफ के रूप में डाउनलोड किए जा सकते हैं।

कक्षा 6 संस्कृत अध्याय 6 के लिए एनसीईआरटी समाधान

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कक्षा 6 संस्कृत अध्याय 6 समुद्रतटः का हिंदी अनुवाद

संस्कृत में वाक्य हिंदी में अनुवाद
एष: समुद्रतट:।यह समुद्र तट है।
अत्र जना: पयर्टनाय आगच्छन्ति।यहाँ लोग पर्यटन के लिए आते हैं।
केचन तरङ्गे: क्रीडन्ति।कुछ लहरों से क्रीडा करते हैं।
केचन च नौकाभि: जलविहारं कुर्वन्ति।कुछ नौकाओं द्वारा जलविहार करते हैं।
तेषु केचन कन्दुकेन क्रीडन्ति।उनमें से कुछ गेंद से खेलते हैं।
बालिका: बालका: च बालुकाभि: बालुकागृहं रचयन्ति।लड़कियाँ और लड़के बालू से रेत के घर बनाते हैं।
मध्ये मध्ये तरङ्गा: बालुकागृहं प्रवाहयन्ति।बीच-बीच में लहरें रेत का घर बहा ले जाती हैं।
एषा क्रीडा प्रचलति एव।यह खेल चलता ही रहता है।
समुद्रतटा: न केवलं पर्यटनस्थानानि।समुद्र तट केवल पर्यटन स्थल नहीं।
अत्र मत्स्यजीविन: अपि स्वजीविकां चालयन्ति।यहाँ मछुआरे भी अपनी आजीविका चलाते हैं।
संस्कृत में वाक्य हिंदी में अनुवाद
अस्माकं देशे बहव: समुद्रतटा: सन्ति।हमारे देश में बहुत से समुद्रतट हैं।
एतेषु मुम्बई-गोवा-कोच्चि-कन्याकुमारी-विशाखापत्तनम्‌-पुरीतटा: अतीव प्रसिद्धा: सन्ति।इनमें मुम्बई, गोवा, कोच्चि, कन्याकुमारी, विशाखापत्तनम् तथा पुरी के तट बहुत प्रसिद्ध है।
गोवातट: विदेशिपर्यटकेभ्य: समधिकं रोचते।गोवा का तट विदेशी पर्यटकों को बहुत ज्यादा पसंद है।
विशाखापत्तनम्‌-तट: वैदेशिकव्यापाराय प्रसिद्ध:।विशाखापत्तनम् तट विदेशी व्यापार के लिए प्रसिद्ध है।
कोच्चितट: नारिकेलफलेभ्य: ज्ञायते।कोच्चि का तट नारियल के लिए जाना जाता है।
मुम्बईनगरस्य जुहूतटे सर्वे जना: स्वैरं विहरन्ति।मुंबईनगर के जुहू तट पर सब लोग अपनी इच्छानुसार घूमते हैं।
चेन्नईनगरस्य मेरीनातट: देशस्य सागरतटेषु दीर्घतम:।चेन्नई का मेरीना तट देश के सभी तटों में सबसे लंबा है।
संस्कृत में वाक्य हिंदी में अनुवाद
भारतस्य तिसृषु दिशासु समुद्रतटा: सन्ति।भारत के तीनों दिशाओं में समुद्रतट हैं।
अस्माद्‌ एव कारणात्‌ भारतदेश: प्रायद्वीप: इति कथ्यते।इसी कारण से भारत देश को प्रायद्वीप भी कहा जाता है।
पूर्वदिशायां बङ्गोपसागर: दक्षिणदिशायां हिन्दमहासागर: पश्चिमदिशायां च अरबसागर: अस्ति।पूर्व दिशा में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण दिशा में हिंद महासागर और पश्चिम दिशा में अरब सागर है।
एतेषां त्रयाणाम्‌ अपि सागराणां सङ्गम: कन्याकुमारीतटे भवति।इन सागरों का संगम कन्याकुमारी के तट पर होता हैं।
अत्र पूर्णिमायां चन्द्रोदय: सूर्यास्तं च युगपदेव द्रष्टुं शक्यते।यहाँ पूर्णिमा का चन्द्रोदय और सूर्यास्त एक साथ हो जा सकता है।
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कक्षा 6 संस्कृत अध्याय 6 हिंदी में अनुवाद
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