एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 8 झांसी की रानी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 8 झांसी की रानी के प्रश्न उत्तर पीडीएफ तथा विडियो के रूप में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से डाउनलोड की जा सकती हैं। 6ठी कक्षा हिंदी में वसंत के पाठ 8 के सभी प्रश्नों के उत्तर के साथ-साथ अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए हैं जो छात्रों को उनकी परीक्षा की तैयारी में मददगार हैं।
कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 8 झांसी की रानी के प्रश्न उत्तर
प्रश्न अभ्यास प्रश्न उत्तर
‘किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई’
(क) इस पंक्ति में किस घटना की ओर संकेत है?
(ख) काली घटा घिरने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर:
(क) इस पंक्ति में रानी लक्ष्मीबाई के पति झाँसी के राजा गंगाधर राव की मृत्यु की घटना की ओर संकेत किया गया है।
(ख) राजा की मत्यु से रानी के जीवन में दुख का अंधकार छा गया। उसके जीवन की सारी खुशियाँ चली गईं और उसके जीवन में कठिनाइयाँ ऐसे आ गईं जैसे काली घटा छा गई हो।
कविता की दूसरी पंक्ति में भारत को ‘बूढ़ा’ कहकर और उसमें ‘नयी जवानी’ आने की बात कहकर सुभद्रा कुमारी चौहान क्या बताना चाहती हैं?
कविता में सुभद्रा कुमारी चौहान ने बूढ़े भारत में नई जवानी आने की बात इसलिए कही है क्योंकि वर्षों की गुलामी से मुक्ति पाने के लिए देश के अन्दर एक नई लहर दौड़ गई थी। सभी के अन्दर नया जोश नया उत्साह था, सभी अंग्रेजों से आजादी चाहते थे और स्वतंत्रता संग्राम में पूरे जोश के साथ कूद पड़े थे।
लक्ष्मीबाई ने किसे कुल देवी माना था?
लक्ष्मीबाई ने महाराष्ट्र को कुल देवी के रूप में माना था। जिसे वे आराध्य भवानी मानती थी।
झाँसी की रानी के जीवन की कहानी अपने शब्दों में लिखो और यह भी बताओ कि उनका बचपन तुम्हारे बचपन से कैसे अलग था?
रानी लक्ष्मीबाई अपने पिता की इकलौती संतान थी। नाना पंत पेशवा उनके मुंहबोले भाई थे। वे बचपन से ही उनके साथ खेलकर बड़ी हुईं थी। शुरू से ही उन्हें वीर और साहसी बनाने के लिए बरछी, ढाल, कृपाण, भाला चलाना और युद्ध करने की शिक्षा दी गई थी। यही उनके बचपन के खिलौने और शौक थे। उनका विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव के साथ हुआ था। मगर विवाह के कुछ समय बाद ही उनके पति का देहांत हो गया जिसे देखते हुए अंग्रजों ने झाँसी को हड़पना चाहा। मगर लक्ष्मीबाई ने तो अपनी मातृभूमि की रक्षा की कसम खा रखी थी। इसीलिए वह अंग्रेजों से लड़ने के लिए युद्ध के मैदान में उतर गईं। उनका डटकर मुकाबला किया और लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गई।
‘कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई’ इन पक्तियों से क्या कहा गया है?
जब रानी लक्ष्मीबाई बाई के पति गंगाधर राव की मृत्यु हुई तो रानी झाँसी के ऊपर मानो संकट के बादल छा गए थे। अँग्रेज सरकार अपनी नीति के अनुसार उनके राज्य को निसंतान मानकर अपने अधिकार क्षेत्र में लेना चाहती थी। जिससे रानी के जीवन में अंधकार के बादल छा गए थे।
वीर महिला की इस कहानी में कौन-कौन से पुरुषों के नाम आए हैं? इतिहास की कुछ अन्य वीर स्त्रियों की कहानियाँ खोजो।
इस कहानी में कई वीर पुरुषों के नाम आए हैं। जैसे वीर शिवाजी, नाना पेशवा, तॉंतिया, अहमदशाह मौलवी, ठाकुर कॅुंवर सिंह आदि।
इतिहास की कुछ अन्य स्त्रियाँ हैं रज़िया सुल्तान, हाड़ा रानी, चित्तौड़ की रानी पद्मिनी, पन्नाधाय आदि।
कविता में भारत को बूढ़ा होने और उसमें नयी जवानी आने की व्यख्या अपने शब्दों में कीजिए?
भारत को “बूढ़ा” इसलिए कहा क्योंकि गुलामी के कारण तब भारत की दशा बहुत शिथिल और जर्जर हो चुकी थी। भारत लंबे समय से अंग्रेजों की गुलामी से हर तरह से कमज़ोर हो रहा था। “नई जवानी” आने की बात कहकर कवयित्री यह बताना चाहती थी कि अपनी खोई हुई आज़ादी को हासिल करने के लिए देश में नया जोश उत्पन्न हो गया था। अब उनमें आशा और उत्साह का नया संचार हो गया। झाँसी रानी की तरह संघर्ष करने की शक्ति आ गई और पूरे देश में स्वतंत्रता पाने के लिए प्रयास होने लगे थे।
रानी झाँसी के दौर में उठी क्रांति को आप इतिहास के कौन से अध्याय से जोड़ना चाहोगे?
रानी झाँसी के दौर को 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौर के साथ जोड़ा जा सकता है। इस संग्राम में मंगल पांडे, ने अंग्रेजों के खिलाफ़ बगावत की थी। झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने भी अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस समय के माहौल के बारे में यह पता चलता है कि देश गुलाम था और लोगों के दिलों में देशप्रेम की ज्वाला भड़क रही थी। वे आजादी पाने के लिए लालायित थे।
कविता में रानी झाँसी के मित्र और उनसे जीवन से जुड़ी घटनाओं का वर्णन कीजिए?
रानी लक्ष्मीबाई कानपूर के नाना साहब की मुंहबोली बहन के रूप में जानी जाती थी। लक्ष्मीबाई अपने पिता की अकेली संतान थी। लक्ष्मीबाई ने बचपन से ही बरछी, ढाल, कृपाल, कटारी को अपनी सहेली समझकर उनके साथ पली और खेली थी। वीर शिवाजी की गाथाएँ उन्हें मुँह जुबानी याद थी। मराठे उनकी तलवार बाज़ी देखकर बहुत ख़ुश हुए थे। लक्ष्मीबाई नकली युद्ध, व्यूह की रचना, सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ने आदि को अपने प्रिय खेल समझती थी। तेईस साल की उम्र में लक्ष्मीबाई ने अपने पती को खो दिया था। निसंतान राज्य की सुरक्षा का भार उन्हीं के कंधे पर आ गया था।