एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 10 संसार पुस्तक है
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 10 संसार पुस्तक है के प्रश्नों के उत्तर तथा अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के लिए सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 6 हिंदी के पाठ 10 में छात्र संसार की प्रत्येक वस्तु से कुछ न कुछ ज्ञान सीखने का प्रयास करेंगे। सरलता के लिए पाठ की पीडीएफ तथा विडियो भी यहाँ दिए गई है।
कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 10 संसार पुस्तक है के प्रश्न उत्तर
लेखक ने ‘प्रकृति के अक्षर’ किन्हें कहा है?
लेखक ने चट्टानों के टुकड़ों, नदियों, पहाड़ों, वृक्षों, जानवरों की हड्डियों, समुद्र आदि को ‘प्रकृति के अक्षर’ कहा है।
दुनिया का पुराना हाल जानने के लिए किताबों के अलावा किन-किन साधनों की बात पत्र में कहीं गई हैं?
दुनिया का पुराना हाल मालूम करने के लिए उस समय की किताबों को पढ़ा जा सकता है। पत्र में नेहरूजी ने पहाड़ों, समुद्र, सितारों, जंगल, जानवरों की पुरानी हड्डियों और इसी तरह अन्य चीज़ों को संसार रूपी पुस्तक और किताब मानकर पढ़ा जाए तो हमें दुनिया का पुराना हाल मामूम हो सकता है।
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी?
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती बहुत गरम थी। उस पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। इसीलिए धरती पर जीवन नहीं था। हजारों वर्ष तक पानी बरसने से धरती धीरे-धीरे ठंडी हुई। फलस्वरूप धरती पर जीवन की शुरुआत हुई।
पत्र में लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती के बारे में नेहरु जी ने क्या लिखा?
नेहरु जी को अपने देश के बारे में बोलने में बड़ा आनंद मिलता था। पत्र में नेहरु जी ने लिखा है, यह धरती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न था। आदमियों से पहले सिर्फ़ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब इस धरती पर कोई जानदार चीज़ न थी। वह एक ऐसा समय था, जब यह धरती बेहद गरम थी और इस पर कोई जानदार चीज़ नहीं रह सकती थी।
दुनिया का पुराना हाल किन चीजों से जाना जाता है? कुछ चीजों के नाम लिखो।
दुनिया का पुराना हाल पहाड़ों, चट्टानों के टुकड़ों, नदियों, वृक्षों, समुद्र, जानवरों की हड्डियों आदि वस्तुओं से जाना जा सकता है।
पत्र में नेहरु जी क्या बताया था?
पत्र में नेहरु जी बताया कि पृथ्वी की शुरुआत कैसे हुई और मनुष्य ने अपने आप को कैसे धीरे-धीरे समझा और पहचाना। नेहरु जी कहते है कि हर व्यक्ति को अपने देश और इतिहास की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। मनुष्य को प्रकति से अपने इतिहास की जानकारी मिलती है। बस उसे समझने और पढ़ने की आवश्यकता है।
गोल, चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
गोल, चमकीला रोड़ा अपनी आपबीती बताते हुए कहता है कि कभी वह भी बड़ी चट्टान का हिस्सा हुआ करता था। उससे अलग होते ही बहते हुए पानी ने उसे घाटी में पटक दिया। धीरे-धीरे वह घिसकर-घिस कर चमकीला रोड़ा बन गया।
पत्र में किसे पुस्तक का छोटा सा पृष्ठ कहा गया है?
पत्र में एक छोटे से सड़क के रोड़े को पुस्तक का छोटा सा पृष्ठ कहा गया है।
यह पत्र किसने लिखा और किसे लिखा था?
यह पत्र जवाहर लाल ने अपनी पुत्री इंदिरा गाँधी को लिखा था।
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे न ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो।
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया अपने साथ बहाकर न ले जाता तो वह वहीं पर पड़े-पड़े बालू का एक कण बन जाता और अंत में समुद्र में जाकर अपने साथियों से जा मिलता और छोटे-छोटे बच्चे उसके ऊपर खेलते-कूदते घरौंदे बनाते।
नेहरु जी ने पत्र में चट्टान के एक टुकड़े की कहानी में क्या कहा?
नेहरूजी ने पत्र में चट्टान के एक टुकड़े की कहानी में बताया कि पहले उसमें भी किनारे और कोने थे जैसे हम बड़ी बड़ी चट्टानों से तोड़ते थे। पहले वह भी किसी पहाड़ के दामन में पड़ा था। तब पानी आया और उसे बहाकर छोटी घाटी तक ले गया। वहाँ से पहाड़ी नाले ने धकेलकर उसे एक छोटे-से दरिया में पहुँचा दिया। इस छोटे से दरिया से वह बड़े दरिया में पहुँचा। इस बीच वह दरिया के पेंदे में लुढकता रहा, उसके किनारे घिस गए और वह चिकना और चमकदार हो गया। अंत में घिसते हुए वह बालू का किनारा बन जाता है।
लेखक ने पत्र में किसे किताबों की संज्ञा दी है?
लेखक ने पत्र में पथरों और चट्टानों को किताबों की संज्ञा दी हैं।
नेहरू जी ने इस बात का हलका-सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी। उन्होंने क्या बताया है? पाठ के आधार पर लिखो।
धरती आज से लाखों -करोड़ों वर्ष पुरानी है। लाखों वर्षों तक पृथ्वी पर जीवन नहीं था। वह एक आग का गोला थी। धीरे-धीरे वह ठंडी हुई, फिर इस पर जानवर आए। धीरे-धीरे समय बदलता गया और बहुत बाद में मानव अस्तित्व में आया।