एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 27 व्यर्थ की शंका
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 27 व्यर्थ की शंका चित्रकथा पर आधारित प्रश्नों के उत्तर तथा अन्य अभ्यास प्रश्न उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं। कक्षा 6 हिंदी अध्याय 27 में दी गई चित्रकथा के सभी उत्तर सरल भाषा में दिए गए हैं।
कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 27 व्यर्थ की शंका के प्रश्न उत्तर
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
नीचे दिए गए कथन किसके हैं?
1. तू तो मेरा राजा बेटा है।
उत्तर: आदमी के
2. सुनो…, मैं पानी लेने जा रही हूँ।
उत्तर: औरत के
3. अपनी बहन का ध्यान रखना।
उत्तर: आदमी के
4. माँ मुझ पर बहुत प्रसन्न होगी।
उत्तर: नेवले के
5. हाय! हाय! यह मैंने क्या कर डाला।
उत्तर: औरत के
6. कोई भी काम सोच-समझकर ही करना चाहिए।
उत्तर: आदमी के
प्रश्नों के उत्तर दो।
स्त्री के मन में नेवले के बारे में क्या संदेह था?
स्त्री के मन में संदेह था कि नेवला उसकी बेटी से जलता है।
पति ने पत्नी को नेवले के बारे में क्या समझाया?
पति ने पत्नी को समझाया कि नेवला और बेटी दोनों ही हमारी संताने हैं।
जब साँप बच्ची के पालने की ओर आता दिखा तो नेवले ने क्या किया?
जब साँप बच्ची के पालने की ओर आता दिखा तो नेवले ने उस पर प्रहार किया और उसके टुकड़े-टुकड़े कर डाले।
स्त्री फूट-फूटकर क्यों रोने लगी?
स्त्री फूट-फूटकर इसलिए रोने लगी क्योंकि उसने बिना सोचे-समझे ही नेवले पर प्रहार कर उसे मार डाला था।
दंपति, नेवले को जीवन भर क्यों नहीं भूल पाए?
दंपति, नेवले की निष्ठा और कर्तव्य के कारण उसको जीवन भर नहीं भूल पाए।