एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 12 गुरु और चेला

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 12 गुरु और चेला के प्रश्नों के उत्तर तथा अभ्यास में दिए गए अन्य अभ्यास के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त करें। कक्षा 5 में हिंदी की किताब रिमझिम के पाठ 12 के सभी प्रश्नों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है ताकि छात्र इसे आसानी से समझ सकें।

अँधेर नगरी की प्रजा राजा के मरने पर खुश क्यों थी?

अँधेर नगरी की प्रजा जानती थी कि उनका राजा मुर्ख है। जिससे पूरी प्रजा दुखी थी। प्रजा जानती थी कि शासन को चलाने के लिए किसी योग्य राजा की आवश्यकता होती है। इसलिए अँधेर नगरी के राजा के मरने पर प्रजा खुश थी।

गुरु ने अपने चेले की जान बचाने के लिए क्या किया?
गुरु ने अपने चेले की जान बचाने के लिए राजा को झूट बोला कि फाँसी पर चढ़ने का बहुत ही शुभ मुहूर्त हैं। जो इस समय फाँसी फ़ासी चढ़ेगा वह चक्रवर्ती सम्राट बनेगा और पूरे संसार पर राज करेगा। यह सुन कर राजा स्वयं फाँसी पर चढ़ गया।

ग्वालिन की बात सुन कर गुरु अँधेर नगरी को छोड़ वापिस क्यों चला गया था?

ग्वालिन ने जब अँधेर नगरी के मुर्ख राजा के बारे में बताया तो गुरु समझ गया कि अँधेर नगरी में रहना खतरे से खाली नहीं है। राजा मुर्ख है और सभी वस्तुओं के मूल्य एक समान हैं। जो बड़े संकट का संकेत दे रही थी। तभी गुरु ने सोचा यहाँ रहना मुसीबत मोल लेने के बराबर है।

इस कविता से हमें क्या सन्देश मिलता है?
इस कविता से हमें सन्देश मिलता है कि एक राजा को विवेकवान और न्यायप्रिय होना चाहिए। सकंट आने पर बुद्धिमानी का परिचय देना चाहिए। यह गुरु और चेले की समझदारी से पता चलता है।

किस कारण चेले को फ़ासी चढ़ने का हुक्म दिया गया?

बरसात और बिजली से एक बड़ी दीवार गिर गई थी। यह देख राजा ने पहले मिस्त्री को दोषी बताया। मिस्त्री ने भिश्ती को दोषी बताया। भिश्ती ने मंत्री को दोषी ठहराया। मंत्री की गर्दन थी पतली। फ़ासी के फंदे में न आती। मुर्ख राजा ने सिपाही से कहा मोटी गर्दन वाले व्यक्ति को लाओ। जल्दी उसे फ़ासी चढ़ाओ। सिपाही को मिला चेला जिसने वहाँ खूब मेवा खाया था।

चेले को फ़ासी से बचाने के लिए गुरु ने उसके कान में क्या मंत्र गुनगुनाया था?
चेले को फ़ासी से बचाने के लिए गुरु ने चेले के कान में कहा कि हम दोनों को फ़ासी पर चढ़ने की ज़िद्द करनी होगी।

क्या सोचकर चेले ने अँधेर नगरी में गुरु का साथ छोड़ दिया था?

अँधेर नगरी में सब चीजों का मूल्य एक टका था। गुरु को इस बात से वहाँ रहना मुसीबत के समान लगा। सस्ते मूल्य के लालच ने चेले को घेर लिया और वहीं रहने की ज़िद्द में गुरु को छोड़ दिया।

मुसीबत को गले पड़ते देख चेले ने राजा से क्या कहा?
मुसीबत को गले पड़ते देख चेले को अपने गुरु की याद आई। उसने राजा से कहा, पहले गुरु जी के दर्शन कराओ फ़िर मुझे फ़ासी चढ़ाओ।

दीवार क्यों गिरी थी? इसके लिए किसको जिम्मेदार ठहराया गया?

बरसात के कारण दीवार गिर गई थी।इसके लिए प्राथमिक तौर पर संतरी को जिम्मेदार ठहराया गया था। लेकिन संतरी ने गलती कारीगर पर डाली, कारीगर ने भिश्ती पर, भिश्ती ने मस्क बनाने वाले पर और अंत में मस्क बनाने वाले ने मंत्री पर जिम्मेदारी डाल दी।

मंत्री के बदले किसको फंसी चढ़ाने का फैसला हुआ?
मंत्री के बदले मोटी गर्दन वाले की तलाश की गई और उन्हें मोटा चेला मिल गया जिसको पकड़कर रजा के पास लाया गया ताकि उसे फंसी पर लटकाया जा सके।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 12 गुरु और चेला
कक्षा 5 हिंदी अध्याय 12 गुरु और चेला