एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 11 चावल की रोटियाँ

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 11 चावल की रोटियाँ के सभी प्रश्नों के उत्तर तथा अतिरिक्त प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2023-24 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 5 में हिंदी विषय की पुस्तक रिमझिम के पाठ 11 में छात्र पढेंगे कि झूठ बोलने से सदैव हानि ही होती है कभी कोई लाभ नहीं होता है।

नाटक में हिस्सा लेने वालों को क्या कहा जाता है?

नाटक में हिस्सा लेने वालों को पात्र कहते हैं।

नाटक में ‘मुख्य पात्र’ किसे कहा जाता है?
नाटक व कहानी में जिसकी भूमिका सबसे ज्यादा बड़ी और महत्वपूर्ण होती है, ‘मुख्य पात्र कहलाता है।

‘गोण पात्र’ किसे कहा जा है?
नाटक और कहानी में जिसकी भूमिका ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं होती ‘गोण पात्र’ कहलाता है।

‘चावल की रोटियाँ’ नाटक में कौन मुख्य और कौन गोण पात्र की भूमिका में है?

‘चावल की रोटियाँ’ नाटक में ‘कोको’ मुख्य पात्र निभा रहा है और ‘निनी’ गोण पात्र की भूमिका में है।

पूरे नाटक से किस शिक्षा को दर्शाया गया है?
पूरे नाटक में एक झूठ बोलने पर कोको को अनेकों झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है। अंत में जिस चीज़ के लिए उसने झूठ बोला था वह भी उसे नहीं मिली थी।

पूरे नाटक में किसे अच्छाई मिली थी?
पूरे नाटक में सात साल की ‘मिमि’ वर्मा लड़की को अच्छाई मिली थी। वह अपने घर से कोको के लिए पापड़ लेकर आई थी और कोको उससे अपनी चावल से बनी रोटियों को छुपा रहा था। मिमि ने सभी के साथ मिलकर अपने पापड़ खाए, जो कोको नहीं कर सका।

पूरे नाटक में कोको को किस बात का सामना करना पड़ा था?

पूरे नाटक में कोको को भूख का सामना करना पड़ा। इसी कारण पूरे नाटक में वह मजाक का पात्र बना रहा। जिस चीज़ का लालच कोको ने किया था, अंत में वही उससे दूर चली गई।

कोको की माताजी ने नाश्ते में क्या बनाया था? नाश्ते पर कोको की क्या प्रतिक्रिया थी?
कोको की माता ने नाश्ते में चावल की रोटियां बनाई थी। चावल की रोटियां देखकर कोको होठों पर जीभ फिराता है और कहता है आहा! मजा आ गया, चावल की रोटियां। मेरी मनपसंद चीज। पेट पर हाथ मलता हुआ बोला आज तो डटकर नाश्ता होगा।

कोको के नाश्ता शुरू करते ही दरवाजे पर कौन दस्तक देता है?
कोको जैसे ही नाश्ता शुरू करता है वैसे ही दरवाजे पर दस्तक सुनाई देती है, कोको ए कोको दरवाजा खोलो, मैं नीनी हूँ।

नीनी का नाम सुनकर कोको क्या प्रतिक्रिया करता है?
गजब हो गया। यह तो भुक्कड़ नीनी है। उसकी नजर में रोटियां पड़ी तो जरुर मांगेगा। मैं इन्हें छिपा देता हूँ।

कोको रोटियों को कहाँ छिपाता है?
कोको रोटियों को रेडियो के पीछे छुपा देता है।

नीनी के जाने के बाद कोको से मिलाने कौन आता है? और इस बार कोको की क्या प्रतिक्रिया रहती है?

नीनी के जाने के बाद जैसे ही कोको रोटी खाने की तैयारी करता है। उसी समय मिमि दरवाजा खटखटाने लगता है। कोको दरवाजा खोलो मैं हूँ मिमि। मिमि का नाम सुनकर कोको एकदम से हतप्रभ रह जाता है। बाप रे! यह तो मिमि है। उसे चावल की रोटियां बहुत पसंद हैं। वह हमेशा भूखी रहती है। मुझे रोटियां छिपा देनी चाहिए। लेकिन कहाँ? वह तो सारे कमरे की तलाशी लेगी।

नीनी किस करण से कोको के घर आता है? कोको क्या बहाना बनाता है और क्यों?
परीक्षा के बारे में रेडियो पर खास सूचना आने वाली थी और नीनी के घर का रेडियो ख़राब था। इसलिए वह इस सूचना को कोको के रेडियो पर सुनना चाहता था। जब नीनी कोको से रेडियो गोल टेबल पर लाने के लिए कहता है तो कोको बहाना बनाता है कि उनका रेडियो भी ख़राब है। उसने कहा कि उसे मत छूना, करंट लग जायेगा क्योंकि उसने रेडियो के पीछे रोटियां छुपा रखी थी। कोको नहीं चाहता था कि नीनी को रोटियों के बारे में पता चले।

कोको के पेट से गुड़गुड़ की आवाज क्यों आ रही थी?

कोको के पेट से गुड़गुड़ की आवाज आ रही थी क्योंकि वह भूखा था और वह मिमि से झूठ बोल रहा था कि उसने चावल की रोटियां खाई हैं। लेकिन वह मिमि को नहीं बताना चाह रहा था कि वह भूखा है और रोटियां अभी तक बची हुई हैं।

कोको को चावल की रोटियां क्यों नहीं मिल पाती?
कोको ने चावल की रोटियां फूलदान में छुपा रखी थी और काका उस फूलदान के बदले दूसरा फूलदान लाये थे। पुराने वाले को वापस ले जाना था। वे पुराना फूलदान उठाकर ले गए और उसकी जगह नया फूलदान रख दिया। पुराने फूलदान के साथ ही कोको की चावल की रोटियां भी चली गई।

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलाती है?
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि एक तो कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। दूसरा अपनी खाने पीने की चीजें दोस्तों के साथ बाँट कर खानी चाहिए।

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