एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 10 एक दिन की बादशाहत
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 10 एक दिन की बादशाहत के प्रश्न उत्तर संशोधित रूप में सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ दिए गए हैं। 5वीं कक्षा के छात्र हिंदी विषय की किताब रिमझिम के पाठ 10 के अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर के साथ-साथ अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर भी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।
कक्षा 5 हिंदी अध्याय 10 एक दिन की बादशाहत के प्रश्न उत्तर
आरिफ़ और सलीम को एक दिन की बादशाहत मिलने से क्या फ़ायदा हुआ?
आरिफ़ और सलीम को एक दिन की बादशाहत मिलने से परिवार में हो रहे उनके प्रति व्यवहार में अगले दिन से ही फर्क दिखने लगा था। जब अब्बा ने एक-आने की जगह चवनी ज़ेब में डालनी शुरू कर दी थी और परिवार में सभी उनकी जरूरत को अहमियत देने लगे थे।
एक दिन की बादशाहत मिलने से पहले आरिफ़ और सलीम की परिवार में क्या अहमियत थी?
एक दिन की बादशाहत मिलने से पहले आरिफ़ और सलीम दोनों की मुसीबत में जान थी। हर वक्त पाबंदी, हर वक्त तकरार और अपनी मर्जी से वे चूं भी नहीं कर सकते थे। पूरे परिवार में किसी ना किसी की डांट उन्हें खानी पड़ती थी।
एक दिन की बादशाहत मिलने के बाद आरिफ़ और सलीम ने क्या किया था?
एक दिन की बादशाहत मिलने के बाद आरिफ़ और सलीम ने परिवार के हर सदस्य को उसकी जुबान के अनुसार धमकाना और समझाना शुरू कर दिया था। जिससे उन्हें अपनी गलती का अहसास होने लगा था, कि उनके प्रति उनका व्यवहार गलत था। पूरे परिवार को अहसास दिलाया कि किस प्रकार जरूरत से ज्यादा ही उन्हें रोका-टोका जाता है।
आरिफ़ और सलीम ने मिलकर क्या योजना बनाई थी?
आरिफ़ और सलीम ने मिलकर योजना बनाई कि एक दिन उन्हें बड़ों के सारे अधिकार मिल जाएँ और सब बड़े छोटे बन जाएँ। यह दरखास्त उन्होंने अब्बा जान के आगे पेश की जो मान ली गई थी।
एक दिन की बादशाहत के बाद अगली सुबह सलीम की आँखे खुली तो उसने क्या देखा था?
एक दिन की बादशाहत के बाद सुबह जब सलीम की आंख खुली तो उसने देखा, कि आपा नाश्ते की मेज सजाए उन दोनों के उठने का इंतजार कर रही थी। अम्मी खानसामा को हुक्म दे रही थी कि खाने के साथ एक मीठी चीज जरुर पकाया करो। अंदर आरिफ़ के गाने के साथ भाई जान मेंज का तबला बजा रहे थे और अब्बा सलीम से कह रहे थे, “स्कूल जाते वक्त एक चवनी ज़ेब में डाल लिया करो क्या हर्ज हैं”।
पूरा परिवार आरिफ़ और सलीम की बात सुनकर पहले गुस्सा होते फ़िर उनकी बात क्यों मान रहे थे?
रोज़ाना की तरह सब को सलीम और आरिफ़ को डाँटने की आदत पड़ी हुई थी। लेकिन जब एक दिन की बादशाहत उन्हें मिली तो भी शुरु में सब भूल गए की आज पूरे दिन उन्हीं का हुक्म माना जाएगा।
बड़ों के सब अधिकार छीने जाने के बाद उन्हें किन बातों का अहसास हुआ?
बड़ो के सब अधिकार छिन जाने पर पूरे परिवार को अहसास हुआ कि जरूरत के अनुसार ही रोक-टोक होनी चाहिए। छोटों की ख़ुशी को भी अहमियत देनी चाहिए और उनका ख्याल रखना चाहिए।
भाईजान ने अम्मी को शाम को देर से आने की क्या वजह बताई?
भाईजान ने अम्मी से शाम को देर से आने की वजह बताई कि वह दोस्तों के साथ फिल्म देखने जायेगा।