एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 16 कौन करेगा यह काम

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 16 कौन करेगा यह काम पर्यावरण अध्ययन के प्रश्न उत्तर विस्तार से शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 5 पर्यावरण पाठ 16 के प्रश्नों के जवाब अच्छी तरह से समझने के लिए यहाँ दिए गए विडियो की मदद लेकर इसे आसान बनाएँ।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 16

कक्षा 5 ईवीएस पाठ 16 का परिचय कौन करेगा यह काम

प्रस्तुत पाठ में सफ़ाई कर्मचारी और सफ़ाई से जुड़े हुए कर्मचारियों के जीवन को उचित सम्मान और उनके साथ उचित व्यवहार के हक़ को बढ़ावा देते हुए समाज में छुआछूत जैसी कुरीतियों को दूर करने के बारे में बताया गया है।

समाज में व्याप्त छुआछूत कि समस्या

सड़कों पर झाड़ू लगाना, नालियों की सफ़ाई करना, गट्टर और नालों की सफ़ाई करना बहुत ज़रूरी काम है, लेकिन समाज को यह काम करने वाले व्यक्तियों के हित और सम्मान का भी ध्यान रखना चाहिए। आज के समय कोई भी व्यक्ति गंदगी से जुड़े काम को नहीं करना चाहता। फिर भी कुछ लोग कोई और काम न मिलने की वजह से उन्हें यह काम करना पड़ता है। परन्तु कुछ लोगों को इस काम की वजह से लोगों की हीन भावना का शिकार होना पड़ता है। वे लोग उनसे छुआछूत का व्यवहार करते हैं।

स्वच्छता का महत्त्व

साफ़-सफाई अत्यंत महत्वपूर्ण है। वह चाहे शरीर की हो, घर की हो या गल्ली-मोहलों की हो। लोग घर की सफाई का तो ध्यान रखते हैं बाहर गन्दगी फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इसी बाहर की सफाई के लिए सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। लेकिन समाज उन्हें हेय दृष्टि से देखता है जबकि वे लोग सम्मान के पात्र होने चाहिए, लोग इस बात को भूल जाते हैं, कि अगर कोई भी इस तरह के काम न करे तो क्या होगा। चारों तरफ़ गंदगी फैल जाएगी और बीमारियाँ होने का ख़तरा बढ़ जाएगा।

गांधीजी और स्वच्छता

आज सफ़ाई से जुड़े कामों के लिए हमें ऐसी मशीनों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे सफ़ाई के साथ कर्मचारी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा सके। गाँधी जी भी खुद अपने साथियों के साथ साफ-सफ़ाई का काम करते थे, ताकि इस तरह के काम को करने वाले लोगों के साथ कोई दुर्व्यवहार न करें। गाँधी जी के आश्रम में आने वाले नए मेहमानों को भी इस काम को सीखना पड़ता था।

ताकि वे लोग उन लोगों का सम्मान करें जो यह काम करते हैं। गांधीजी कहते है कोई भी काम सीखना एक कला सीखने जैसा है सफ़ाई का काम भी उसी तरह है। गांधीजी ने कहा था छुआछूत का भेदभाव हमारे देश में छोटी सी बात नहीं है इसे मिटाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। गाँधीजी अधिकतर साफ-सफ़ाई के काम स्वयं करते थे। गाँधी जी ने अपने शिष्यों को भी अपने इसी मार्ग पर चलने के लिए कहा था।

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