एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 15 भारत
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 15 भारत के अभ्यास के प्रश्न उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 3 हिंदी वीणा के पाठ 15 में भारत के बारे में छात्रों को विस्तार से बताया गया है।
कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 15 भारत के प्रश्न उत्तर
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 15 भारत
कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 15 भारत – अध्ययन
भारत तू है हमको प्यारा,
तू है सब देशों से न्यारा।
मुकुट हिमालय तेरा सुंदर,
धोता तेरे चरण समुंदर।
गंगा यमुना की हैं धारा,
जिनसे है पवित्र जग सारा।
अन्न, फूल, फल, जल हैं प्यारे,
तुझमें रत्न जवाहर न्यारे।
राम कृष्ण से अंतर्यामी,
तेरे सभी पुत्र हैं नामी।
हम सदैव तेरा गुण गाएँ,
सब विधि तेरा सुयश बढ़ाएँ।
कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 15 भारत – कविता का सारांश
कवि भारत की महिमा का वर्णन करता है और इसे सभी देशों में सबसे प्यारा और अनोखा बताता है। हिमालय को इसका मुकुट और समुद्र को इसके चरण धोने वाला बताया गया है। गंगा और यमुना की पवित्र धाराओं का उल्लेख है, जो पूरे जग को पवित्र करती हैं। यहाँ के अन्न, फूल, फल, और जल की महिमा का बखान किया गया है और इसे रत्नों और जवाहरातों से भरपूर बताया गया है। राम और कृष्ण जैसे महान आत्माओं की भूमि होने का गौरव भी है। अंत में, कवि संकल्प करता है कि वे हमेशा भारत की प्रशंसा करेंगे और इसके गौरव को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
कक्षा 3 हिंदी वीणा अध्याय 15 भारत के प्रश्न उत्तर
इस कविता में भारत को किस तरह वर्णित किया गया है?
इस कविता में भारत को सभी देशों में सबसे प्यारा और अनोखा बताया गया है।
भारत के हिमालय और समुद्र का उल्लेख कैसे किया गया है?
हिमालय को भारत का सुंदर मुकुट बताया गया है और समुद्र को इसके चरण धोने वाला कहा गया है।
गंगा और यमुना नदियों का महत्व क्या बताया गया है?
गंगा और यमुना नदियों की धाराओं को पवित्र बताया गया है, जो पूरे जग को पवित्र करती हैं।
भारत की प्राकृतिक संपत्तियों का कवि ने कैसे वर्णन किया है?
कवि ने भारत के अन्न, फूल, फल, और जल को प्यारा बताया है और इसे रत्नों और जवाहरातों से भरपूर कहा है।
राम और कृष्ण का उल्लेख कविता में क्यों किया गया है?
राम और कृष्ण को अंतर्यामी बताया गया है और कहा गया है कि भारत की भूमि पर इनके जैसे महान आत्माओं का निवास है, जिससे भारत का गौरव बढ़ता है।
कविता के बारे में
इस कविता में हमारे प्यारे देश भारत की तारीफ की गई है। इसमें कहा गया है कि भारत सबसे अच्छा और सबसे अनोखा देश है। हमारे देश के हिमालय पहाड़ को इसका मुकुट यानी सिर का ताज बताया गया है और समुद्र को इसके पैर धोने वाला।
गंगा और यमुना नदियों का जिक्र है, जो पूरे देश को पवित्र करती हैं। हमारे देश में अन्न, फूल, फल, और पानी बहुत ही अच्छे और प्यारे हैं। हमारे देश में रत्न और जवाहरात भी बहुत हैं।
कविता में राम और कृष्ण का भी नाम लिया गया है, जो भगवान हैं और बहुत बुद्धिमान हैं। भारत के लोग बहुत अच्छे और मशहूर हैं। हम हमेशा भारत की तारीफ करेंगे और इसे और भी महान बनाने की कोशिश करेंगे।